अभिशासन के एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में ई-शासन ने सरकारों में प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेयता का आगाज़ कर दिया है। कौन-सी अपर्याप्तताएँ इन विशेषताओं की अभिवृद्धि में बाधा बनती हैं?
उत्तर :
ई-गवर्नेंस का आशय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग करना है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता में वृद्धि करने के साथ स्मार्ट प्रशासन को बढ़ावा देना है।
ई-गवर्नेंस के लाभ:
- प्रभावशीलता: सेवा वितरण की लागत में कमी आने और पहुँच में सुलभता के कारण शासन की प्रभावशीलता में वृद्धि होती है।
- पारदर्शिता: वर्तमान में अधिकांश सरकारी आवेदन और प्रक्रियाओं में ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा मिला है जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हो जाती है।
- जवाबदेहिता: वास्तविक समय में फाइलों और चल रही परियोजनाओं की जानकारी मिलने से जवाबदेहिता में वृद्धि होती है।
ई-गवर्नेंस की अपर्याप्तताएँ/सीमाएँ:
- अपर्याप्त कवरेज: ग्रामीण और दूर-दराज़ के क्षेत्रों में अनुचित कवरेज से समाज के विभिन्न समूह इसके लाभों से वंचित रह जाते हैं।
- डाउनटाइम: खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली कटौती, सर्वर विफलता जैसी तकनीकी समस्याओं से अक्सर ई-गवर्नेंस प्रणाली की प्रभावशीलता में कमी आती है।
- गोपनीयता: हैकिंग के प्रति संवेदनशीलता के कारण इंटरनेट के उपयोग में गोपनीयता, हमेशा एक प्रमुख मुद्दा रहा है।
- बुनियादी ढाँचे की लागत और रखरखाव: इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के नियमित उन्नयन की आवश्यकता होने से रखरखाव की लागत में वृद्धि होती है।
- पहुँच: अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने के लिये संचार स्थापित करना सुशासन का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। लोगों के बीच डिजिटल साक्षरता का स्तर निम्न होने से यह एक चुनौती बनी रहती है।
हालाँकि ई-गवर्नेंस समाज के लिये एक वरदान है लेकिन सभी के लिये समान उपलब्धता सुनिश्चित करने के क्रम में इसकी सीमाओं संबंधी समाधान पर बल देना चाहिये।