उत्तरकाशी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर सुदूर पहाड़ी बस्ती में 20 जुलाई, 2023 की मध्यरात्रि में एक भूस्खलन हुआ। भूस्खलन मूसलाधार बारिश के कारण हुआ और नतीजतन जान-माल की हानि बड़े पैमाने पर हुई। आप उस क्षेत्र के ज़िला मजिस्ट्रेट होने के नाते डॉक्टरों के दल, एन.जी.ओ., मीडिया और पुलिस के साथ बहुत से सहायक स्टाफ को लेकर घटनास्थल पर बचाव अभियान के लिये तुरंत पहुँचे।
एक आदमी अपनी गर्भवती पत्नी की अत्यावश्यक चिकित्सा सहायता के लिये आपके पास भागता हुआ आया, जो प्रसव में है और उन्हें रक्तस्राव हो रहा है। आपने अपने चिकित्सक दल को उसकी पत्नी की जाँच करने का निर्देश दिया। उन्होंने वापस आकर आपको बताया कि उस महिला को तुरंत खून चढ़ाने की आवश्यकता है। पूछताछ करने पर आपको पता चला कि कुछ रक्त संग्रह बैग और रक्त समूह परीक्षण किट एम्बुलेंस में आपकी टीम के पास मौजूद हैं। आपकी टीम के कुछ सदस्य स्वेच्छा से अपना रक्तदान करने के लिये पहले से ही तैयार हैं।
एम्स से स्नातक चिकित्सक होने के नाते आप जानते हैं कि खून चढ़ाने के लिये मान्यता-प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त के इंतजाम की आवश्यकता है। आपकी टीम के सदस्य इस मुद्दे पर बँटे हुए हैं, कुछ खून चढ़ाने के हक में हैं, जबकि कुछ इसके विरोध में हैं। यदि उन्हें खून चढ़ाने के लिये दंडित नहीं किया जाएगा तो टीम में शामिल डॉक्टर प्रसव कराने के लिये तैयार हैं। अब आप दुविधा में हैं। आपका पेशेवर प्रशिक्षण मानवता और लोगों का जीवन बचाने को प्राथमिकता देने पर ज़ोर देता है।
(a) इस मामले में कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल हैं?
(b) क्षेत्र के ज़िला मजिस्ट्रेट होने के नाते आपके पास उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन कीजिये।
नैतिक मुद्दे:
उपलब्ध विकल्प:
इस स्थिति में लिये जाने वाले निर्णय में रोगी की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ नैतिक, चिकित्सीय एवं विधिक मानकों का पालन भी किया जाना चाहिये। यद्यपि स्थिति गंभीर है लेकिन रक्त सुरक्षा से समझौता करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में चिकित्सा दल से स्पष्ट संचार के साथ यदि आवश्यक हो तो विशेषज्ञ की सलाह लेना तथा नैतिक, चिकित्सा और नियामक विचारों को सर्वोत्तम रूप से संतुलित करने वाला एक सूचित निर्णय लेना आवश्यक है।