"भ्रष्टाचार समाज में बुनियादी मूल्यों की असफलता की अभिव्यक्ति है।" आपके विचार में समाज में बुनियादी मूल्यों के उत्थान के लिये क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?
उत्तर :
भ्रष्टाचार समाज के बुनियादी मूल्यों, जैसे- सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और जवाबदेही की हानि को दर्शाता है। जब लोग नैतिक सिद्धांतों के स्थान पर व्यक्तिगत लाभ को चुनते हैं, तो यह सुशासन, आर्थिक विकास तथा सामाजिक न्याय को नुकसान पहुँचाता है।
भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिये समाज में बुनियादी मूल्यों के उत्थान हेतु अपनाए जाने वाले उपाय:
- नैतिक और नीतिपरक शिक्षा: स्कूली पाठ्यक्रम में ईमानदारी, सत्यनिष्ठा एवं सहानुभूति जैसे मूल्यों को शामिल करना।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- उदाहरण: भारत में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005।
- कानूनी सिद्धांतों का अनुपालन: ज़ीरो टॉलरेंस के साथ भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के कार्यान्वयन को मज़बूत करना।
- उदाहरण: सिंगापुर की भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी, भ्रष्ट आचरण जाँच ब्यूरो अपनी ज़ीरो टॉलरेंस के लिये जानी जाती है।
- नागरिक सहभागिता: निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- उदाहरण: पोर्टो एलेग्रे, ब्राज़ील में सहभागी बजटिंग।
- मीडिया की स्वतंत्रता और खोजी पत्रकारिता: एक स्वतंत्र और सतर्क मीडिया जो भ्रष्टाचार को उजागर करती है और सत्ता को जवाबदेह बनाती है।
- उदाहरण: पनामा पेपर्स लीक।
- व्हिसलब्लोअर संरक्षण: भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने वाले व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा करना।
- उदाहरण: भारत का व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014।
यह एक सामूहिक ज़िम्मेदारी है जिसमें व्यक्ति, संस्थाएँ और नागरिक समाज एक अधिक न्यायपूर्ण और नैतिक समाज के निर्माण के लिये मिलकर काम करते हैं तथा इसे संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन (UNCAC) जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का भी समर्थन प्राप्त है।