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प्रश्न :
हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल की ओर रुझान बढ़ा है। इस दिशा में भारतीय बाज़ार में वर्तमान में कौन सी बाधाएँ मौजूद हैं और भारत सरकार ने उन्हें संबोधित करने के लिए क्या उपाय लागू किये हैं? (250 शब्द)
25 Oct, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि क्यों हो रही है, इस पर एक सामान्य परिचय दीजिये।
- भारतीय बाज़ार में मौजूद बाधाओं का उल्लेख कीजिये।
- चुनौतियों से निपटने के लिये सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिये।
- सकारात्मक निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
इलेक्ट्रिक वाहनों
(EVs) को अपनाना एक वैश्विक घटना है, जो पर्यावरणीय चिंताओं और तकनीकी प्रगति से प्रेरित है। भारत में यह प्रवृत्ति कोई अपवाद नहीं है। हालाँकि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार को कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो इसकी वृद्धि में बाधा बनती हैं तथा इसके लिये सरकार के रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
मुख्य भाग:
भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार की बाधाएँ:
- उच्च प्रारंभिक लागत: पारंपरिक वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बहुत अधिक होती है। इसका प्रमुख कारण इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरियों का उपयोग किया जाना है।
- चार्जिंग अवसंरचना की कमी: इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे बड़ी समस्या बैटरी की सीमित रेंज (एक बार चार्ज करने पर अधिकतम दूरी तय करने की क्षमता) का होना है। ऐसे में पर्याप्त संख्या में चार्जिंग पॉइंट्स का न होना एक बड़ी समस्या है।
- बैटरी प्रौद्योगिकी: इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली बैटरी की तकनीक में रेंज, चार्जिंग गति और दीर्घावधि के मामले में सुधार की आवश्यकता है।
- आपूर्ति शृंखला: लिथियम-आयन बैटरी, जो इलेक्ट्रिक वाहन का एक प्रमुख घटक है, के उत्पादन के लिये विशिष्ट खनिजों और दुर्लभ पृथ्वी तत्त्वों की आवश्यकता होती है।
- भारत वर्तमान में बैटरी निर्माण के लिये आयात पर बहुत अधिक निर्भर है, जिससे आपूर्ति शृंखला में चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं।
सरकारी उपाय:
- FAME योजना: सरकार ने उपभोक्ताओं के लिये अग्रिम लागत को कम करने तथा इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से FAME योजना लागू की है।
- चार्जिंग संबंधी अवसंरचना: चार्जिंग अवसंरचना को मज़बूत करने के लिये 'इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर' और 'गो इलेक्ट्रिक' जैसी योजनाएँ शुरू की गई हैं, ताकि राज्यों को सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट विकसित करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।
- दिल्ली सरकार के 'स्विच दिल्ली' अभियान का लक्ष्य शहर में 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है, लेकिन इस तरह के अभियानों की और आवश्यकता है।
- GST में कटौती: इलेक्ट्रिक वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर 12% से घटाकर 5% करने से वे अधिक किफायती हो गए हैं।
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना: यह इलेक्ट्रिक वाहनों और घटकों के निर्माण के लिये प्रोत्साहन प्रदान करती है।
निष्कर्ष:
भारत सरकार देश के भविष्य हेतु सतत् परिवहन के महत्त्व को पहचानते हुए इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार की बाधाओं को दूर करने के लिये कदम उठा रही है। लागत संबंधी चिंताओं को दूर कर, बुनियादी ढाँचे में सुधार और अनुसंधान एवं विकास का समर्थन करके भारत एक स्वच्छ, सतत् परिवहन क्षेत्र की दिशा में प्रगति कर रहा है तथा इसके परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार में धीरे- धीरे वृद्धि हो रही है।
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