एक महिला है जो अवसाद और आर्थिक तंगी के कारण अपनी 26 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती है। उसका दावा है कि उसे अपनी गर्भावस्था की जानकारी बहुत समय तक नहीं थी और वह दूसरे बच्चे का पालन-पोषण करने में असमर्थ है। वह यह भी कहती है कि अपनी स्थिति के कारण वह गंभीर अवसाद और मानसिक तनाव से पीड़ित है। एम्स के डॉक्टरों ने उस महिला की गर्भावस्था की जाँच की और पुष्टि की कि भ्रूण जीवित है तथा उसकी दिल की धड़कन भी है, इसलिये उन्होंने गर्भपात करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह जीवन समाप्त करने के समान होगा।
1. इस मामले में कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल हैं?
2. भारत में गर्भपात के संबंध में कानूनी और नैतिक चिंताएँ क्या हैं?
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।