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प्रश्न :
निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के हकदार कौन हैं? निःशुल्क कानूनी सहायता के प्रतिपादन में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की भूमिका का आकलन कीजिये। (150 शब्द)
19 Sep, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्यायउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत में निःशुल्क कानूनी सहायता की अवधारणा को संक्षेप में पेश करते हुए शुरुआत कीजिये और उल्लेख कीजिये कि यह अनुच्छेद 39A के तहत संविधान द्वारा प्रदान किया गया निदेशक सिद्धांत है।
- चर्चा कीजिये कि भारत में निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार किसे है, साथ ही निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के संदर्भ में NALSA की भूमिका एवं महत्त्व को समझाइये ?
- आप भविष्योन्मुखी वक्तव्य या कॉल टू एक्शन के साथ निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
निशुल्क कानूनी सहायता का अर्थ समाज के कमज़ोर वर्गों को बिना किसी शुल्क या मामूली लागत पर कानूनी सेवाएँ प्रदान करना है। अनुच्छेद 39A राज्य को सभी नागरिकों के लिये न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने का दायित्व प्रदान करता है। निशुल्क कानूनी सहायता यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक नागरिक को न्याय और निष्पक्ष सुनवाई तक समान पहुँच मिले, चाहे उनकी आर्थिक या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
मुख्य भाग:
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 12 के तहत सूचीबद्ध समाज के जिन वर्गों को निशुल्क विधिक सेवाएँ प्राप्त करने का अधिकार है, वे हैं:
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य।
- संविधान के अनुच्छेद 23 में उल्लिखित मानव तस्करी या बेगार (बलात् श्रम) का शिकार।
- एक महिला या एक बच्चा।
- मानसिक रूप से बीमार अथवा विकलांग व्यक्ति।
- किसी सामूहिक आपदा, जातीय हिंसा, जातीय अत्याचार, बाढ़, सूखा, भूकंप या औद्योगिक आपदा का शिकार व्यक्ति।
- एक औद्योगिक कामगार।
- एक निश्चित राशि से कम वार्षिक आय वाला व्यक्ति निशुल्क कानूनी सेवाओं के लिये पात्र है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसके मामले की सुनवाई किस प्रकार की अदालत में हो रही है।
भारत में निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की भूमिका: पात्र व्यक्तियों को निशुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) का गठन किया गया है।
- NALSA की कुछ भूमिकाएँ और कार्य इस प्रकार हैं:
- अधिनियम के तहत कानूनी सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये नीतियाँ और सिद्धांत निर्धारित करना।
- कानूनी सेवाओं के लिये प्रभावी और कम खर्च वाली योजनाएँ तैयार करना।
- अधिनियम के तहत कानूनी सेवाओं के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन करना।
- कानूनी जागरूकता कार्यक्रम संचालित करना और लोगों के बीच कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देना।
- बातचीत, मध्यस्थता और सुलह के माध्यम से विवादों के निपटारे को प्रोत्साहित करना।
- कानूनी सेवाएँ प्रदान करने में लगी अन्य सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर समन्वय तथा सहयोग प्रदान करना।
- NALSA ने भारत में निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है:
- देश भर में अपने पैनल वकीलों और पैरा-लीगल स्वयंसेवकों के माध्यम से लाखों लाभार्थियों को कानूनी सहायता प्रदान करना।
- विभिन्न स्तरों पर हज़ारों लोक अदालतों का आयोजन कर लाखों मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा करना।
- विभिन्न योजनाएँ और पहल शुरू करना जैसे:
- NALSA (मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएँ) विनियम, 2010।
- NALSA (कानूनी सहायता क्लीनिक) विनियम, 2011।
- NALSA (आदिवासी अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन) योजना, 2015।
- NALSA (बच्चों और उनके संरक्षण के लिये बाल मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएँ) योजना, 2015।
- NALSA (तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण के शिकार) योजना, 2015।
- सभी के लिये न्याय तक पहुँच जैसे विभिन्न विषयों पर राष्ट्रव्यापी अभियान और कार्यक्रम आयोजित करना तथा सेवाओं से जुड़ना।
- सभी के लिये न्याय तक पहुँच, समानता के साथ अपने राष्ट्र की सेवा से जुड़ना जैसे विभिन्न विषयों पर राष्ट्रव्यापी अभियान और कार्यक्रम आयोजित करना।
- कानूनी सेवाओं की पहुँच और गुणवत्ता बढ़ाने के लिये विभिन्न हितधारकों जैसे न्यायपालिका, बार एसोसिएशन, लॉ स्कूल, नागरिक समाज संगठन, मीडिया आदि के साथ सहयोग करना।
निष्कर्ष:
सभी नागरिकों, विशेषकर समाज के कमज़ोर वर्गों के लिये न्याय और निष्पक्ष सुनवाई तक समान पहुँच एवं निशुल्क कानूनी सहायता, नागरिकों का संवैधानिक अधिकार तथा राज्य का सामाजिक दायित्व है। NALSA भारत में कानूनी सहायता प्रदान करने, लोक अदालतों का आयोजन करने, कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, विभिन्न योजनाओं एवं पहलों को शुरू करने आदि में निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालाँकि भारत में मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने में NALSA के सामने कुछ चुनौतियाँ व सीमाएँ भी हैं, जिन्हें कानूनी सेवाओं के संसाधनों, गुणवत्ता, समन्वय, एकरूपता और निगरानी को बढ़ाकर संबोधित एवं दूर करने की आवश्यकता है।
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