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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    कई पश्चिमी देशों में रेलवे ने औद्योगिक क्रांति और विकास को बढ़ावा देने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया, किंतु भारत में यह उपनिवेशवाद को बढ़ावा देने वाले एक साधन के रूप में उभरी। चर्चा करें।

    05 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • पश्चमी देशों में रेलवे के विकास पर प्रकाश डालते हुए बताएँ कि वहाँ उद्योगों के विकास में यह कहाँ तक सहायक हुई ।
    • भारत में रेलवे के विकास से पड़ने वाले प्रभाव को स्पष्ट करें। 

    विश्व के सर्वाधिक प्रमुख अवसंरचना के साधनों में शामिल  रेलवे के विकास से पश्चिमी देशों में यातायात की सुविधाओं का अभूतपूर्व विकास हुआ। अब कच्चे माल को कारखानों तक ले जाना तथा तैयार  माल को बाजा़र तक ले जाना भी आसान था। इससे वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि हुई  जिससे औद्योगीकरण का प्रसार हुआ। रेलवे के विकास ने कोयला तथा लौह उद्योगों के विकास को बढ़ावा दिया जो औद्योगीकरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण थे।  इनके विकास से उद्योगों के लिये मशीन, कल-पुर्जे आदि की आवश्यकता तो सुनिश्चित  हुई ही साथ ही औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये  उपभोक्ता आधारित उद्योगों का  भी विकास हुआ। इस प्रकार  पश्चिमी देशों में एक संपूर्ण औद्योगिक वातावरण तैयार  तैयार हुआ और औद्योगीकरण तथा विकास को बढ़ावा मिला।  इसी क्रम में मार्क्स ने कहा भी था कि आधुनिक औद्योगीकरण रेलवे से होकर आएगा।

    भारत में रेलवे का निर्माण अंग्रेजों ने मुख्यता अपने औपनिवेशिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये किया था। भारत में रेलवे से संबंधित सभी कल-पुर्जों का आयात पश्चिम से किया जाता था जिससे भारत में उद्योगों की स्थापना होने के स्थान पर ब्रिटिश उद्योगों का विकास हुआ। साथ ही  रेलवे का निर्माण इस दृष्टि से किया गया था की  कच्चे माल के  निर्यात तथा तैयार माल के आयात में वृद्धि हो । इससे भारतीय बाजारों में ब्रिटिश वस्तुओं की पहुँच बढ़ी और भारतीय हस्तशिल्प कुटीर उद्योगों का नुकसान हुआ। आगे चलकर रेलवे का प्रयोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दमन में किया जाना भी रेलवे के औपनिवेशिक प्रयोग को ही दर्शाता है।

    किंतु आरंभिक काल में भी भारतीय रेलवे दो दृष्टि से भारतीय हितों की प्राप्ति में सहायक हुई। रेलवे के माध्यम से परिवहन की सुविधा के कारण लोगों में आपसी संपर्क में वृद्धि हुई और राष्ट्रवाद की भावना को प्रोत्साहन मिला। इसके अलावा छुआछूत तथा जातिवाद की भावना में भी कमी आई।

    स्पष्ट है कि  रेलवे भारत में उपनिवेशवाद को बढ़ावा देने वाले एक साधन के रूप में उभरी।

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