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प्रश्न :
आप एक सूखाग्रस्त क्षेत्र के ज़िला कलेक्टर हैं। इस क्षेत्र के लिये सरकार ने किसानों के लिये राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसमें उनका कर्ज माफ करना और उन्हें मुफ्त बीज तथा उर्वरक उपलब्ध कराना शामिल है। हालाँकि आपको पता चला है कि कुछ स्थानीय राजनेता और अधिकारी इस धन का दुरुपयोग कर रहे हैं और संसाधनों का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिये कर रहे हैं। यह लोग उन किसानों को धमकी भी दे रहे हैं जो इनकी शिकायत करते हैं या इनका सहयोग करने से मना कर देते हैं।
एक जिम्मेदार अधिकारी के रूप में आप इस स्थिति से किस प्रकार निपटेंगे? इसमें शामिल नैतिक मुद्दों को बताते हुए इस संदर्भ में अपने द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
14 Jul, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- परिचय: इस मामले का परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये
- मुख्य भाग: इसमें शामिल नैतिक मुद्दे और औचित्य के साथ इस संदर्भ में की जाने वाली कार्रवाई का उल्लेख कीजिये।
- निष्कर्ष: अपने उत्तर को संक्षेप में लिखते हुए निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
यह मामला स्थानीय राजनेताओं और अधिकारियों द्वारा किये जाने वाले भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सत्ता के दुरुपयोग से संबंधित है। इसमें किसानों के अधिकारों और हितों का भी उल्लंघन किया जाना शामिल है, जो पहले से ही सूखे से ग्रसित हैं। ज़िला कलेक्टर के रूप में इस संदर्भ में यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि राहत पैकेज सही लाभार्थियों तक पहुँचे और सार्वजनिक धन का उचित एवं पारदर्शी तरीके से उपयोग किया जाए।
मुख्य भाग:
इसमें शामिल नैतिक मुद्दे:
- ईमानदारी और सत्यनिष्ठा:
- एक सिविल सेवक के रूप में मुझे अपने कार्य में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के मूल्यों को बनाए रखने, राहत पैकेज के कार्यान्वयन में किसी भी कदाचार या अनियमितता को रोकने के साथ भ्रष्ट तत्वों के साथ समझौता करने या उनके गलत कार्यों को नजरअंदाज करने के किसी भी दबाव या प्रलोभन का विरोध सुनिश्चित करना आवश्यक है।
- जवाबदेहिता और पारदर्शिता:
- एक लोक सेवक के रूप में मुझे लोगों और सरकार के प्रति जवाबदेह और पारदर्शी रहने के साथ यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पात्र किसानों के बीच राहत पैकेज उचित और न्यायसंगत रूप से वितरित हो एवं आवंटित और उपयोग किये गए धन तथा संसाधनों का उचित रिकॉर्ड और दस्तावेजीकरण हो सके। इस संदर्भ में किसी भी विचलन या विसंगति के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित करने के साथ सुधारात्मक उपाय करना आवश्यक है।
- सहानुभूति और करुणा:
- व्यक्तिगत रूप से किसानों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के प्रति सहानुभूति रखना आवश्यक है, जो सूखे के परिणामस्वरूप कठिनाई और संकट का सामना कर रहे हैं। उनकी जरूरतों और चिंताओं के प्रति करुणा और संवेदनशीलता प्रदर्शित करने और सक्रिय रूप से उनकी समस्याओं को सुनने के साथ यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उन्हें समय पर पर्याप्त सहायता और समर्थन मिल सके।
- न्याय और निष्पक्षता:
- मुझे यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस स्थिति में शामिल सभी हितधारकों के साथ न्याय होने के साथ स्थानीय राजनेताओं और अधिकारियों के किसी भी शोषण या भेदभाव से किसानों के अधिकारों और हितों की रक्षा की जाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाए।
इस स्थिति में मैं निम्नलिखित कार्रवाई करूँगा:
- जाँच करना:
- मैं राहत पैकेज के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों की जाँच करूँगा और किसानों, अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, मीडिया आदि जैसे विभिन्न स्रोतों से साक्ष्य एकत्र करूँगा।
- मैं आवंटित और उपयोग किये गए धन और संसाधनों से संबंधित तथ्यों और आँकड़ों का सत्यापन करने के साथ दोषियों की पहचान करूँगा
- कार्यवाही करना:
- जाँच के निष्कर्षों के आधार पर मैं उन लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करूँगा जो भ्रष्टाचार के साथ धन या संसाधनों के दुरुपयोग के दोषी पाए जाएँगे।
- मैं उनके खिलाफ नियमों और विनियमों के अनुसार अनुशासनात्मक या कानूनी कार्यवाही शुरू करूँगा।
- मैं उस धन या संपत्ति की भी वसूली करूँगा जो उन्होंने सरकारी खजाने से हड़प ली है।
- शिकायतों का निवारण:
- मैं उन किसानों की शिकायतों का निवारण करूँगा जिन्हें राहत पैकेज से वंचित किया गया है।
- मैं यह सुनिश्चित करूँगा कि उन्हें यथाशीघ्र इसका उचित लाभ मिले। इसके साथ ही मैं उन्हें आय या आजीविका के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करूँगा।
- शासन व्यवस्था में सुधार:
- मैं सुधारों और नवाचारों को शुरू करके राहत पैकेज के पारदर्शी वितरण को सुनिश्चित करूँगा।
- मैं वितरण में दक्षता, प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेहिता सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन पंजीकरण, सत्यापन, निगरानी, ऑडिटिंग आदि जैसे उपाय अपनाऊँगा।
- मैं किसानों के बीच इस संदर्भ में जागरूकता पैदा करने के लिये नागरिक समाज संगठनों, मीडिया आदि को भी शामिल करूँगा।
निष्कर्ष:
यह मामला एक ज़िला कलेक्टर के रूप में मेरे लिये एक चुनौतीपूर्ण स्थिति प्रस्तुत करता है। नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों को लागू करके मैं इस चुनौती का सफलतापूर्वक समाधान कर सकता हूँ। ऐसा करके मैं न केवल अपने व्यावसायिक दायित्वों को पूरा कर सकता हूँ बल्कि अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं को भी पूरा कर सकता हूँ।
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