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प्रश्न :
लोक प्रशासन में नैतिकता और सत्यनिष्ठा महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। प्रभावी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित करने में नैतिकता और सत्यनिष्ठा के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। अपने उत्तर के पक्ष में उदाहरण भी दीजिये। (250 शब्द)
13 Jul, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैतिकता और सत्यनिष्ठा का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- शासन में नैतिकता एवं सत्यनिष्ठा के महत्त्व को उदाहरण सहित समझाइये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
नैतिकता और सत्यनिष्ठा जैसे मूल्य लोक प्रशासन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण हैं जो प्रभावी और जवाबदेह शासन के लिये आवश्यक स्तंभों के रूप में कार्य करते हैं। ये सिद्धांत लोक अधिकारियों के आचरण का मार्गदर्शन करने के साथ पारदर्शिता, निष्पक्षता और जिम्मेदारी के साथ निर्णय लेने हेतु इन्हें प्रेरित करते हैं।
मुख्य भाग:
- लोक विश्वास को बनाए रखना:
- नैतिकता और सत्यनिष्ठा से शासन के प्रति लोक विश्वास को बढ़ावा मिलता है, जो प्रभावी शासन का आधार है।
- जब लोक अधिकारी नैतिक व्यवहार करते हैं तो शासन के प्रति नागरिकों के विश्वास में वृद्धि होने से भागीदारी और सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
- उदाहरण के लिये उच्च नैतिक मानदंडों वाले प्रशासकों के प्रति नागरिकों को अधिक विश्वास होता है जिसके परिणामस्वरूप नीतियों और विनियमों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होता है।
- निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्णय लेना:
- नैतिकता और सत्यनिष्ठा से निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है।
- नैतिक दिशानिर्देशों का पालन करने वाले लोक प्रशासक यह सुनिश्चित करते हैं कि निर्णय व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों या निहित स्वार्थों से प्रभावित न हों।
- सत्यनिष्ठा जैसे मूल्य वाले प्रशासक व्यक्तिगत लाभ से अधिक सार्वजनिक हित को प्राथमिकता देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी नीतियाँ बनती हैं जो उचित और न्यायसंगत होती हैं।
- उदाहरण के लिये सार्वजनिक खरीद के प्रति नैतिक दृष्टिकोण से सभी विक्रेताओं के लिये समान अवसर सुनिश्चित होने के साथ भ्रष्टाचार और पक्षपात पर रोक लगती है।
- जवाबदेहिता में वृद्धि:
- नैतिकता और सत्यनिष्ठा से सार्वजनिक अधिकारी अपने कार्यों के प्रति जवाबदेह बनते हैं। इससे उत्तरदायित्व की संस्कृति का विकास होता है जिससे प्रशासक जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं और समाज के सर्वोत्तम हित में कार्य करने के लिये प्रेरित होते हैं। जब सत्यनिष्ठा को महत्त्व दिये जाने के साथ प्रोत्साहित किया जाता है तो इससे कुशल और उत्तरदायी शासन हेतु प्रेरणा मिलती है।
- उदाहरण के लिये नैतिक मूल्यों वाले प्रशासक नागरिकों की प्रतिक्रिया को महत्त्व देते हुए शिकायतों का तुरंत समाधान करने के साथ आवश्यक सुधारों हेतु प्रेरित हो सकते हैं।
- नैतिक नेतृत्व:
- लोक प्रशासकों के बीच नैतिक आचरण से न केवल दूसरों के लिये उदाहरण स्थापित होता है बल्कि एक सकारात्मक संगठनात्मक संस्कृति को प्रोत्साहन मिलता है।
- जब प्रशासक नैतिकता और सत्यनिष्ठा को प्राथमिकता देते हैं तो वे एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देते हैं जिसमें ईमानदारी, व्यावसायिकता और नैतिक व्यवहार को महत्त्व दिया जाता है। ऐसे वातावरण से टीम वर्क, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा मिलने के साथ सार्वजनिक प्रशासन की समग्र प्रभावशीलता में वृद्धि होती है।
- उदाहरण के लिये जो प्रशासक नैतिक प्रथाओं का पालन करते हैं वे अपने अधीनस्थों को भी उन मूल्यों का अनुकरण करने के लिये प्रेरित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधिक नैतिक और कुशल प्रशासन का मार्ग प्रशस्त होता है।
निष्कर्ष:
प्रभावी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित करने हेतु नैतिकता और सत्यनिष्ठा महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। इनसे प्रशासन के प्रति लोक विश्वास को बढ़ावा मिलने के साथ निष्पक्ष निर्णय निर्माण प्रक्रिया सुनिश्चित होती है, जवाबदेहिता को बढ़ावा मिलता है और नैतिक नेतृत्व क्षमता को प्रोत्साहन मिलता है। इन मूल्यों पर बल देकर लोक प्रशासक पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेहिता की संस्कृति विकसित कर सकते हैं, जिससे अंततः अधिक कुशल और न्यायपूर्ण शासन प्रणाली को प्रोत्साहन मिल सकता है। लोक प्रशासन में नैतिकता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखना न केवल शासन के प्रति लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिये बल्कि समग्र रूप से समाज के कल्याण और विकास को बढ़ावा देने के लिये भी महत्त्वपूर्ण है।
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