भारत में जैव विविधता के समक्ष प्रमुख खतरे क्या हैं? जैव विविधता हॉटस्पॉट की अवधारणा देश की समृद्ध और विविध वनस्पतियों तथा जीवों के संरक्षण में किस प्रकार मदद कर सकती है? (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- जैव विविधता का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- भारत में जैव विविधता के समक्ष प्रमुख खतरों की व्याख्या कीजिये।
- बताइये कि जैव विविधता हॉटस्पॉट वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण में किस प्रकार मदद कर सकते हैं।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
जैव विविधता का आशय जैविक संगठन के सभी स्तरों जैसे जीन, प्रजाति और पारिस्थितिकी तंत्र के स्तर पर जीवन रूपों की विविधता और परिवर्तनशीलता से है। पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करने, आजीविका का समर्थन करने और मानव कल्याण को बढ़ावा देने के लिये जैव विविधता आवश्यक है। भारत विश्व के विशाल विविधता वाले देशों में से एक है और वैश्विक जैव विविधता में इसकी हिस्सेदारी लगभग 8% है।
मुख्य भाग:
भारत में जैव विविधता के समक्ष कई प्रमुख खतरे हैं जैसे:
- वनों की कटाई, शहरीकरण, खनन, कृषि गतिविधियाँ, बुनियादी ढाँचे के विकास आदि के कारण आवास की हानि और विखंडन से जीवों के प्राकृतिक आवास का नुकसान होता है।
- अवैध शिकार, लकड़ी काटना, मछली पकड़ना एवं चराई आदि के रूप में जैविक संसाधनों के अत्यधिक दोहन होने और इनके अस्थिर उपयोग से प्रजातियों की आबादी और आनुवंशिक विविधता में कमी आती है।
- आक्रामक विदेशी प्रजातियाँ जैसे लैंटाना, पार्थेनियम, जलकुंभी आदि (जो संसाधनों के लिये देशी प्रजातियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं) से किसी स्थान की संरचना और कार्यप्रणाली परिवर्तित होने के साथ असंतुलन को बढ़ावा मिलता है ।
- प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से पर्यावरणीय गुणवत्ता खराब होने एवं तापमान, वर्षा के बदलते प्रतिरूप तथा समुद्र स्तर में असंतुलन से प्रजातियों की शारीरिक और व्यवहारिक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं।
जैव विविधता हॉटस्पॉट से समृद्ध और विविध वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण में मदद मिल सकती है जैसे:
- प्रजाति समृद्धि और स्थानिकता:
- जैव विविधता हॉटस्पॉट में प्रजातियों का घनत्व अधिक होता है जिसमें कई ऐसी स्थानिक प्रजातियाँ भी शामिल होती हैं जो विश्व में कहीं और नहीं पाई जाती हैं।
- इस क्षेत्र में विभिन्न पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों को आश्रय मिलता है जिससे यह आनुवंशिक विविधता का महत्त्वपूर्ण केंद्र होते हैं। हॉटस्पॉट का संरक्षण करके हम इन विशेष प्रजातियों की रक्षा कर सकते हैं।
- पर्यावास संरक्षण:
- जैव विविधता हॉटस्पॉट में विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र शामिल होते हैं, जिनमें वन, घास के मैदान, आर्द्रभूमि और तटीय क्षेत्र शामिल हैं।
- ये आवास अनगिनत पौधों और जानवरों की प्रजातियों के अस्तित्व के लिये आवश्यक संसाधन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करते हैं। हॉटस्पॉट के संरक्षण से विशेष आवासों का संरक्षण सुनिश्चित होता है एवं निवास स्थान के नुकसान और विखंडन में कमी आने से प्रजातियों का संरक्षण होता है।
- संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण:
- जैव विविधता हॉटस्पॉट अक्सर बड़ी संख्या में संकटग्रस्त और गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों का घर होते हैं।
- इन हॉटस्पॉट का संरक्षण करके हम उन विशिष्ट प्रजातियों को लक्षित कर सकते हैं जिनके विलुप्त होने का सबसे बड़ा खतरा है।
- अवैध शिकार विरोधी पहल और संरक्षण जैसे सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने से इन प्रजातियों के संरक्षण में मदद मिल सकती है।
- पारिस्थितिकी तंत्र अनुकूलन:
- हॉटस्पॉट न केवल कुछ प्रजातियों के लिये बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र स्वास्थ्य और अनुकूलन के लिये महत्त्वपूर्ण होते हैं।
- हॉटस्पॉट में प्रजातियों के अंतर्संबंध से जटिल पारिस्थितिकी संबंध बनता है जिससे पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता को बढ़ावा मिलता है।
- हॉटस्पॉट का संरक्षण करके हम पारिस्थितिकी संतुलन के साथ इन प्रणालियों को सुचारू रख सकते हैं जिससे वनस्पतियों और जीवों दोनों को लाभ होता है।
निष्कर्ष:
इस प्रकार जैव विविधता हॉटस्पॉट को पहचानकर और उनकी रक्षा करके, भारत की समृद्ध और विविध वनस्पतियों के साथ जीवों का संरक्षण किया जा सकता है जिससे वैश्विक स्तर पर जैव विविधता संरक्षण में योगदान मिल सकता है।