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प्रश्न :
आप बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये ज़िम्मेदार सरकारी विभाग में कार्यरत एक अनुभवी सिविल सेवक हैं। आपके विभाग को हाल ही में एक प्रसिद्ध निर्माण कंपनी से एक प्रमुख राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जो दूरदराज के क्षेत्र में कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा। हालाँकि, आपको विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि कंपनी का भ्रष्ट आचरण में शामिल होने और अनुबंध हासिल करने के लिये सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का इतिहास रहा है। इसके अलावा, प्रस्तावित राजमार्ग के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में भी चिंताएँ भी हैं क्योंकि यह पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। एक लोक सेवक के रूप में, आपको इस परियोजना का समर्थन करना है या विरोध करना है, इस संदर्भ में आपको नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये और आपके द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदमों की रूपरेखा तैयार कीजिये। प्रत्येक कार्रवाई का उसके नैतिक निहितार्थ और सार्वजनिक प्रशासन पर प्रभाव के संदर्भ में मूल्यांकन कीजिये।
23 Jun, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- परिचय: इस मामले का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- मुख्य भाग: इसमें शामिल नैतिक मुद्दों को बताते हुए अपनी कार्रवाई के क्रम का उल्लेख कीजिये।
- निष्कर्ष: संक्षेप में निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
इस मामले में मुझे एक नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिसमें मुझे भ्रष्टाचार और पर्यावरण उल्लंघनों का इतिहास रखने वाली एक निर्माण कंपनी के प्रस्ताव के बारे में निर्णय लेना है। इस प्रस्ताव में एक प्रमुख राजमार्ग का निर्माण शामिल है जो कनेक्टिविटी और विकास के मामले में दूरदराज के क्षेत्र को लाभान्वित करेगा। हालाँकि इसमें नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता करने के साथ पर्यावरणीय क्षति एवं लोक विश्वास से संबंधित जोखिम शामिल हैं। इसलिये मुझे एक लोक सेवक के रूप में अपनी भूमिका के कानूनी और नैतिक दायित्वों पर विचार करते हुए इस परियोजना का समर्थन या विरोध करने के पक्ष और विपक्ष पर विचार करना होगा।
- इसमें शामिल नैतिक मुद्दे:
- भ्रष्टाचार:
- क्या किसी ऐसी कंपनी द्वारा प्रस्तावित परियोजना का समर्थन करना नैतिक है जिसका भ्रष्ट आचरण में शामिल होने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का इतिहास रहा है।
- विकास का मुद्दा:
- क्या ऐसी परियोजना का विरोध करना नैतिक है जो सुदूर क्षेत्र में कनेक्टिविटी और विकास में सुधार करेगी।
- पर्यावरण नैतिकता:
- क्या ऐसी परियोजना का समर्थन करना नैतिक है जिसका पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव पड़ेगा।
- जवाबदेहिता:
- क्या कंपनी के भ्रष्टाचार और पर्यावरण संबंधी उल्लंघनों के बारे में जानकारी को नज़रअंदाज़ करना या छिपाना नैतिक है?
- पारदर्शिता:
- क्या कंपनी के भ्रष्टाचार और पर्यावरणीय उल्लंघनों के बारे में जानकारी प्रकट करना या छिपाना नैतिक है।
- न्याय:
- क्या यह सुनिश्चित करना नैतिक है कि इसमें शामिल सभी हितधारकों के साथ न्याय हो।
- भ्रष्टाचार:
- मार्गदर्शक नैतिक सिद्धांत:
- लोक हित:
- एक लोक सेवक के रूप में मेरा कर्त्तव्य है कि मैं जनता के सर्वोत्तम हित में कार्य करूँ और उनके कल्याण को ध्यान में रखूँ।
- ईमानदारी और सत्यनिष्ठा:
- एक लोक सेवक के रूप में मेरा कर्त्तव्य है कि मैं ईमानदार रहूँ और अपने कार्य और आचरण में सत्यनिष्ठा बनाए रखूँ।
- पारदर्शिता और जवाबदेहिता:
- एक लोक सेवक के रूप में मेरा कर्त्तव्य है कि मैं अपने कार्यों और निर्णयों के प्रति पारदर्शी और जवाबदेह रहूँ।
- विधि का शासन:
- एक लोक सेवक के रूप में विधि के शासन का पालन करना और यह सुनिश्चित करना मेरा कर्त्तव्य है कि कोई भी इससे ऊपर या नीचे नहीं है।
- सतत् विकास:
- एक लोक सेवक के रूप में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को संतुलित करने वाले सतत् विकास को बढ़ावा देना मेरा कर्त्तव्य है।
- लोक हित:
इस संदर्भ में मेरी कार्रवाई का क्रम: इन नैतिक सिद्धांतों के आधार पर मैं निम्नलिखित संभावित कार्रवाई कर सकता हूँ:
- इस परियोजना का समर्थन करना:
- मैं इस आधार पर इस परियोजना का समर्थन कर सकता हूँ कि इससे सुदूर क्षेत्र में कनेक्टिविटी के साथ विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- इस परियोजना के लाभ इसकी लागत और जोखिमों से अधिक हैं। कंपनी के भ्रष्टाचार और पर्यावरणीय उल्लंघन मौजूदा प्रस्ताव के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं हैं और उनसे अलग से निपटा जा सकता है।
- हालाँकि कार्रवाई के इस तरीके से ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, जवाबदेहिता, विधि के शासन और सतत् विकास जैसे नैतिक सिद्धांतों का उल्लंघन होगा।
- इससे एक लोक सेवक के रूप में मेरी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा भी कमजोर होगी।
- यदि कंपनी के भ्रष्टाचार और पर्यावरणीय उल्लंघन के मामले उजागर होते हैं या इन्हें बाद में चुनौती दी जाती है तो इससे मुझे कानूनी और नैतिक दायित्वों के संदर्भ में नकारात्मक स्थिति का भी सामना करना पड़ेगा।
- इस परियोजना का विरोध करना:
- मैं इस आधार पर परियोजना का विरोध कर सकता हूँ कि इसमें ऐसी भ्रष्ट और अनैतिक कंपनी का समर्थन करना शामिल है जिसने पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन किया है।
- इस परियोजना से क्षेत्र की पारिस्थितिकी और जैव विविधता को क्षति होगी।
- नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता किये बिना इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी और विकास में सुधार हेतु वैकल्पिक तरीके हो सकते हैं।
- हालाँकि इस कार्रवाई से सार्वजनिक हित से संबंधित नैतिक सिद्धांत का उल्लंघन होगा।
- इससे आर्थिक या राजनीतिक कारणों से परियोजना का समर्थन करने वाले विभिन्न हितधारकों की आलोचना और विरोध का सामना करना होगा।
- इसके लिये मुझे परियोजना को अस्वीकार करने के लिये मजबूत सबूत प्रदान करने की भी आवश्यकता होगी।
- इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करना:
- इस संदर्भ में निर्णय लेने से पहले मैं परियोजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकता हूँ। मैं एक स्वतंत्र अध्ययन, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन, सामाजिक लागत-लाभ विश्लेषण आदि पर विचार कर सकता हूँ।
- मैं परियोजना के संदर्भ में विचार और प्रतिक्रिया जानने के लिये विभिन्न हितधारकों जैसे स्थानीय समुदायों, गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों आदि से भी परामर्श कर सकता हूँ।
- मैं अन्य स्रोतों से भी कंपनी की साख और ट्रैक रिकॉर्ड को सत्यापित कर सकता हूँ।
- हालाँकि इस कार्यवाही के लिये समय और संसाधनों की आवश्यकता होगी जो उपलब्ध या व्यवहार्य नहीं हो सकते हैं।
- इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी देरी होगी और विभिन्न हितधारकों के बीच अनिश्चितता और भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी।
मूल्यांकन: कार्रवाई के इन क्रमों के आधार पर मैं इनके नैतिक निहितार्थ और लोक प्रशासन पर इनके प्रभाव के संदर्भ में इनका मूल्यांकन इस प्रकार करूँगा:
- इस परियोजना का समर्थन करना:
- इस कार्रवाई का लोक प्रशासन पर नकारात्मक नैतिक प्रभाव होगा।
- इससे ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, जवाबदेहिता, विधि का शासन और सतत् विकास जैसे नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता होगा।
- इससे सार्वजनिक सेवा वितरण के प्रति लोगों के विश्वास में कमी आएगी।
- यदि कंपनी के भ्रष्टाचार और पर्यावरणीय उल्लंघन से संबंधित मामले उजागर होते हैं या बाद में इन्हें चुनौती दी जाती है तो इससे मुझे कानूनी और नैतिक जोखिमों का भी सामना करना पड़ेगा।
- इस परियोजना का विरोध करना:
- इस कार्रवाई के सकारात्मक नैतिक प्रभाव होंगे लेकिन लोक प्रशासन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- इससे ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, जवाबदेहिता, विधि का शासन और सतत् विकास जैसे नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को बनाए रखा जा सकेगा। इससे सार्वजनिक सेवा वितरण में लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा।
- हालाँकि इससे सुदूर क्षेत्र में कनेक्टिविटी और विकास की भी अनदेखी होगी।
- इससे आर्थिक या राजनीतिक कारणों से परियोजना का समर्थन करने वाले विभिन्न हितधारकों की आलोचना और विरोध का भी सामना करना पड़ेगा।
- इसके लिये मुझे परियोजना को अस्वीकार करने के लिये मजबूत सबूत और औचित्य प्रदान करने की भी आवश्यकता होगी।
- अधिक जानकारी प्राप्त करना:
- इस कार्रवाई से सार्वजनिक प्रशासन पर मिश्रित नैतिक प्रभाव पड़ेगा।
- इससे ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, जवाबदेहिता, विधि का शासन और सतत् विकास जैसे नैतिक मूल्य और सिद्धांत प्रतिबिंबित होंगे।
- इससे मुझे तथ्यों और आँकड़ों के आधार पर एक सूचित और तर्कसंगत निर्णय लेने में भी सहायता मिलेगी।
- हालाँकि इसके लिये अधिक समय और संसाधनों की भी आवश्यकता होगी जो उपलब्ध या व्यवहार्य नहीं हो सकते हैं।
- इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी देरी होगी और विभिन्न हितधारकों के बीच अनिश्चितता और भ्रम की स्थिति होगी।
निष्कर्ष:
इस मूल्यांकन के आधार पर मैं निर्णय लेने से पहले परियोजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने का विकल्प चुनूँगा। मुझे लगता है कि कार्रवाई का यह तरीका सबसे नैतिक और विवेकपूर्ण होगा, क्योंकि इससे मुझे इस मामले में शामिल विभिन्न नैतिक सिद्धांतों को जानने के साथ हितधारकों के हितों को संतुलित करने में सहायता मिलेगी। इससे मुझे ऐसा निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी जो भावनाओं या पूर्वाग्रहों के बजाय तथ्यों और डेटा पर आधारित हो। इससे नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के साथ-साथ सार्वजनिक हित और कल्याण के प्रति मेरी प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होगी।
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