- फ़िल्टर करें :
- अर्थव्यवस्था
- विज्ञान-प्रौद्योगिकी
- पर्यावरण
- आंतरिक सुरक्षा
- आपदा प्रबंधन
-
प्रश्न :
समुद्रयान मिशन के उद्देश्य और घटक क्या हैं? यह गहरे समुद्र की खोज में भारत की क्षमताओं और हितों को बढ़ाने में कैसे मदद करेगा? (250 शब्द)
21 Jun, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
हल करने करने का दृष्टिकोण:
- समुद्रयान मिशन का संक्षिप्त में परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- इसके उद्देश्य लिखिये।
- व्याख्या कीजिये कि यह समुद्री अन्वेषण में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने में कैसे मदद कर सकता है।
- तदनुसार निष्कर्ष लिखिये।
भूमिका:
समुद्रयान मिशन जून 2021 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) द्वारा अनुमोदित ‘डीप ओशन मिशन’ के एक हिस्से के रूप में भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्रों और महाद्वीपीय शेल्फ पर केंद्रित गहरे समुद्र में अन्वेषण करने की एक भारतीय पहल है।
मुख्य भाग :
समुद्रयान मिशन के उद्देश्य:
- गहरे समुद्र में अन्वेषण के लिये वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों के एक सेट के साथ तीन मनुष्यों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिये मत्स्य 6000 नामक एक स्व-चालित मानव चालित पनडुब्बी वाहन विकसित करना।
- गहरे समुद्र में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भारत की वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्षमताओं और मानव संसाधनों को बढ़ाना।
- सतत् उपयोग और विकास के लिये समुद्री संसाधनों जैसे खनिज, ऊर्जा, पानी, जैव विविधता आदि की क्षमता का पता लगाना।
- हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की नीली अर्थव्यवस्था संबंधी पहलों और समुद्री सुरक्षा हितों का समर्थन करना।
समुद्रयान मिशन के घटक:
- मत्स्य 6000 का डिज़ाइन और विकास, जिसमें 2.1-मीटर व्यास का एक टाइटेनियम मिश्र धातु का एक गोल मानवयुक्त सबमरीन है। मानव सुरक्षा हेतु इसकी क्षमता सामान्य स्थितियों में 12 घंटे और आपात स्थिति में 96 घंटे है।
- मत्स्य 6000 की क्षमता और परीक्षण, जिसे गहरे समुद्र अभियानों में उपयोग किये जाने से पहले दिसंबर 2024 तक विभिन्न परीक्षणों से गुजरना होगा।
- मत्स्य 6000 का संचालन और रखरखाव, जिसमें सुरक्षित और कुशल मिशनों के संचालन के लिये प्रशिक्षित कर्मी, बुनियादी ढाँचा, रसद आदि शामिल होंगे।
- मत्स्य 6000 का डेटा अधिग्रहण और विश्लेषण, जिसमें गहरे समुद्र के वातावरण से विभिन्न प्रकार के डेटा जैसे बाथमीट्री, भूविज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि का संग्रह और प्रसंस्करण शामिल होगा।
समुद्रयान मिशन गहरे समुद्र के अन्वेषण में भारत की क्षमताओं और हितों को बढ़ाने में मदद करेगा:
- भारत को समुद्री गतिविधियों को अंजाम देने के लिये एक विशिष्ट तकनीक और वाहन प्रदान करना जो केवल अमेरिका, रूस, फ्राँस, जापान और चीन जैसे कुछ ही देशों के पास है।
- भारत को अरबों डॉलर के विशाल समुद्री संसाधनों जैसे पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स, गैस हाइड्रेट्स, हाइड्रोथर्मल सल्फाइड्स, कोबाल्ट क्रस्ट आदि तक पहुँचने और उपयोग करने में सक्षम बनाना।
- समुद्र विज्ञान, समुद्री जीव विज्ञान, भू-विज्ञान आदि के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिक ज्ञान और नवाचार, जिसके विभिन्न अनुप्रयोग और लाभ हो सकते हैं, में योगदान देना।
- समुद्री प्रशासन, सहयोग और सुरक्षा से संबंधित क्षेत्रीय और वैश्विक व्यवस्था और मानदंडों को आकार देने में भारत की भूमिका और प्रभाव को मज़बूत करना।
निष्कर्ष:
समुद्रयान मिशन एक महत्वाकांक्षी मिशन है, इसमें गहरे समुद्र की जानकारी, अन्वेषण और दोहन के लिये नई प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है। मिशन अभी भी शुरूआती चरण में है, लेकिन यह पहले से ही वैज्ञानिक समुदाय के बीच उत्साह और प्रत्याशा पैदा कर रहा है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print