1. अक्सर हम घटनाओं को वैसा नहीं देखते, जैसी वे होती हैं बल्कि हम उन्हें वैसा ही देखते हैं जैसा हम देखना चाहते हैं।
2. नैतिकता के अभाव में किसी व्यक्ति को शिक्षित करना, समाज में जोखिमपूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने जैसा है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।