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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सभी पक्षी वर्षा के दौरान आश्रय ढूँढते हैं लेकिन ईगल बादलों से ऊपर उड़कर बारिश से बचने की कोशिश करता है। अर्थात समस्याएँ आना आम बात है लेकिन फर्क हमारे नज़रिये से पड़ता है। – ए.पी.जे अब्दुल कलाम

    एक सिविल सेवक के लिये इस उद्धरण के अर्थ और निहितार्थों का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)

    01 Jun, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • परिचय: इस उद्धरण के अर्थ का विश्लेषण करते हुए वर्षा के दौरान आश्रय की तलाश करने वाले पक्षियों और बादलों के ऊपर उड़ने वाले ईगल की क्षमता के बीच के अंतर को स्पष्ट कीजिये।
    • मुख्य भाग: सिविल सेवक के संदर्भ में इस उद्धरण के निहितार्थों पर चर्चा कीजिये।
    • निष्कर्ष: समस्याओं से प्रभावी ढंग से निपटने में अपनाया जाने वाला दृष्टिकोण किस प्रकार से सिविल सेवकों के बीच अंतर को दर्शाता है, यह बताते हुए निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    यह उद्धरण चुनौतियों और प्रतिकूलताओं की स्थितियों से निपटने में अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण के महत्त्व पर प्रकाश डालता है। इससे प्रदर्शित होता है कि हर कोई समस्याओं का सामना कर सकता है तथा यह किसी व्यक्ति के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि वह इस संदर्भ में किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं। यह सिविल सेवकों के संदर्भ में काफी प्रासंगिक है, जो अपनी भूमिकाओं में कई चुनौतियों का सामना करते हैं।

    मुख्य भाग:

    सिविल सेवक के लिये इस उद्धरण का अर्थ यह पहचानने में निहित है कि सार्वजनिक सेवा में समस्याएँ अपरिहार्य हैं। हालाँकि इन समस्याओं के प्रति अपनाया जाने वाला दृष्टिकोण इसके लिये प्रभावी समाधान खोजने तथा समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    सिविल सेवक के संदर्भ में इस उद्धरण के निहितार्थ:

    • लचीलापन: सिविल सेवक को समस्याओं के प्रति लचीला रवैया अपनाने की जरूरत होती है। उन्हें निराश होने के बजाय नवीन समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिये और अपने प्रयासों में लगे रहना चाहिये।
    • अनुकूलनशीलता: इस उद्धरण से पता चलता है कि ईगल की बादलों के ऊपर उड़ने की क्षमता एक सक्रिय और अनुकूलनीय दृष्टिकोण को दर्शाती है। इसी तरह सिविल सेवकों को लचीला होना चाहिये तथा चुनौतियों का समाधान करने में नए विचारों और दृष्टिकोणों को अपनाना चाहिये।
    • सकारात्मक मानसिकता: सिविल सेवक के लिये सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना आवश्यक है। इससे समस्याओं को अवसरों के रूप में परिवर्तित करने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने और बाधाओं को दूर करने के क्रम में दूसरों को प्रेरित करने में मदद मिलती है।
    • नेतृत्व क्षमता: सिविल सेवक का रवैया संबंधित हितधारकों को प्रभावित कर सकता है। सकारात्मक और समाधान-उन्मुख मानसिकता को अपनाकर यह दूसरों को दृढ़ संकल्प के साथ समस्याओं का समाधान करने हेतु प्रेरित कर सकते हैं।

    निष्कर्ष:

    ए.पी.जे अब्दुल कलाम के उद्धरण से इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि समस्याएँ अवश्यंभावी हैं लेकिन जिस नजरिये से उनका समाधान किया जाता है, उससे काफी फर्क पड़ता है। सिविल सेवकों के लिये यह उद्धरण चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और लोक सेवा में सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के क्रम में लचीलापन, अनुकूलन क्षमता, सकारात्मक मानसिकता और नेतृत्व के महत्त्व को रेखांकित करता है।

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