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प्रश्न :
क्षेत्रीय और वैश्विक परिदृश्य के संदर्भ में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के महत्त्व का विश्लेषण कीजिये। ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने हेतु उपाय सुझाइए। (250 शब्द)
23 May, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों और उनके साझा हितों का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- मुख्य भाग में राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप में इनके संबंधों की क्षेत्रीय और वैश्विक गतिशीलता का उल्लेख कीजिये तथा इन संबंधों को और मज़बूत करने के सुझाव दीजिये।
- आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
भारत और ऑस्ट्रेलिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दो प्रमुख लोकतंत्र हैं जो विधि के शासन तथा स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता जैसे सामान्य मूल्यों को साझा करते हैं। समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करना, व्यापार और निवेश तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में भी इनके साझे उद्देश्य हैं।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को वर्ष 2020 के व्यापक रणनीतिक साझेदारी के द्वारा उन्नत किया गया है।
मुख्य भाग:
क्षेत्रीय और वैश्विक परिदृश्य के संदर्भ में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के महत्त्व का विश्लेषण निम्नलिखित दृष्टिकोण से किया जा सकता है:
- राजनीतिक और सामरिक:
- भारत और ऑस्ट्रेलिया नियमों पर आधारित स्वतंत्र तथा संप्रभु हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर बल देते हैं।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन आदि पर केंद्रित एक सुरक्षा संवाद, क्वाड का गठन किया है।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के समाधान हेतु पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, ASEAN क्षेत्रीय मंच, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग जैसे क्षेत्रीय समूहों में भाग लेते हैं।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया संवादों, संयुक्त अभ्यासों, प्रशिक्षण, सूचना साझा करने और रक्षा प्रौद्योगिकी पर सहयोग के माध्यम से अपने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करते हैं।
- इन्होंने डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इम्प्लीमेंटिंग अरेंजमेंट (DSTIA) जैसे महत्त्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
- आर्थिक और व्यापारिक:
- वित्त वर्ष 2022 में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने वर्ष 2022 में ECTA (आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता) लागू किया।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य वर्ष 2023 तक एक व्यापक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है, जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक करना है, जिसमें महत्त्वपूर्ण खनिजों पर ध्यान केंद्रित करने और सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया गया है।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार में भूमिका निभाने वाली प्रमुख वस्तुओं में कोयला, लौह अयस्क, सोना, तांबा, शिक्षा और पर्यटन सेवाएँ, कृषि उत्पाद, मशीनरी और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।
- व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) के संदर्भ में भारत और ऑस्ट्रेलिया वर्ष 2011 से उन्मुख हैं। इसका उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को बढ़ाना, निवेश को बढ़ावा देना और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना है।
- सांस्कृतिक संबंध तथा लोगों के बीच समन्वय:
- ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय मूल के 9 लाख से अधिक लोगों के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जीवंत सांस्कृतिक संबंध हैं। यह ऑस्ट्रेलिया में विदेशी भूमि पर जन्मे निवासियों के दूसरे सबसे बड़े समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल, संस्कृति, मीडिया और पर्यटन में सहयोग को बढ़ावा देने के लिये कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
- ऑस्ट्रेलियाई सरकार अब एक नए हाई-प्रोफाइल निकाय - ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध केंद्र को स्थापित कर रही है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूत करने के उपाय:
- कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहन समझ और विश्वास को बढ़ावा देने के लिये नियमित उच्च-स्तरीय यात्राओं, विनिमय कार्यक्रमों और रणनीतिक संवादों का आयोजन किया जाना चाहिये।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाना: संयुक्त अभ्यास, रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और खुफिया जानकारी साझा करने सहित रक्षा संबंधों को मजबूत करने से क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के साथ आतंकवाद विरोधी प्रयासों में योगदान मिलेगा।
- व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन देना: द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक एकीकरण को बढ़ाने के लिये भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) जैसी पहलों में तेजी लाई जानी चाहिये।
- लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देना: सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने से भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच समन्वय और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करना: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, जैव प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग से नवाचार में योगदान मिलेगा।
- संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना: संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं एवं अकादमिक सहयोग (जैसे कृषि, स्वास्थ्य देखभाल और नवीकरणीय ऊर्जा) को प्रोत्साहन देने से नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।
निष्कर्ष:
साझा रणनीतिक हितों और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक संदर्भ में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का काफी महत्त्व है। कूटनीतिक समन्वय, रक्षा सहयोग, व्यापार को बढ़ावा देने और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के माध्यम से इस साझेदारी को मज़बूत करने से क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिलने के साथ आम चुनौतियों का समाधान होगा। इस साझेदारी का लाभ उठाकर एवं व्यापक रणनीतिक साझेदारी का अनुसरण करके, भारत और ऑस्ट्रेलिया अधिक समृद्ध विश्व के निर्माण में भूमिका निभा सकते हैं।
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