पारिस्थितिक संतुलन (Ecological balance) से आप क्या समझते हैं? इसके असंतुलन के कारणों की चर्चा करते हुए इसको रोकनें के उपायों को बताइये।
18 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण
उत्तर की रूपरेखा:
|
किसी पारितंत्र में विभिन्न जीवों के समुदाय में परस्पर गतिक सभ्यता की अवस्था ही पारिस्थितिक संतुलन है, अर्थात् पर्यावरण में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पौधों एवं मनुष्यों के मध्य संबंध को ही पारिस्थितिक संतुलन कहते हैं। इसे पारितंत्र में हर प्रजाति की संख्या के एक स्थायी संतुलन के रूप में वर्णित किया जा सकता है। यह संतुलन निश्चित प्रजातियों में प्रतिस्पर्द्धा व आपसी सहयोग से होता है। कुछ प्रजातिायों के जिंदा रहने के संघर्ष से भी पर्यावरण संतुलन प्राप्त किया जाता है। यह संतुलन इस बात पर भी निर्भर करता है कि कुछ प्रजातियाँ अपने भोजन व जीवित रहने के लिये दूसरी प्रजातियों पर निर्भर होती हैं जिससे विभिन्न प्रजातियों की संख्या निश्चित रहती है और संतुलन बना रहता है।
पारिस्थितिक असंतुलन के प्रमुख कारण:
किसी भी पारिस्थितिक तंत्र में पौधों व प्राणी समुदायों में घनिष्ठ अंतर्संबंध पाए जाते हैं। इन कारणों का समुचित ज्ञान व समझ ही पारितंत्र के संरक्षण व बचाव के प्रमुख आधार हैं। प्राकृतिक संरक्षण के लिये सरकार के साथ-साथ सभी देशवासियों को इन्हें संरक्षित करने के लिये आगे आना होगा तभी यह जैव विविधता संरक्षित हो पाएगी, क्योंकि जनभागीदारी के बिना किसी भी बड़े कार्य को कर पाना बड़ा मुश्किल होता है।