भारत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भूमिका और कार्यों पर चर्चा करने के साथ आर्थिक अपराधों से निपटने में इसकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन कीजिये। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में ED के समक्ष उत्पन्न प्रमुख चुनौतियों को बताते हुए इसकी दक्षता को बढ़ाने के उपाय सुझाइए? (250 शब्द)
16 May, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है। यह राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के तहत कार्य करता है तथा यह वित्तीय अपराधों एवं मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिये आर्थिक कानूनों और नियमों को लागू करने हेतु जिम्मेदार है। ED की प्राथमिक भूमिका विदेशी मुद्रा के उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक धोखाधड़ी से संबंधित अपराधों की जाँच करना है।
मुख्य भाग:
प्रवर्तन निदेशालय के कार्य:
आर्थिक अपराधों से निपटने में इसकी प्रभावशीलता:
ED भारत में आर्थिक अपराधों से निपटने में प्रभावी रहा है। इसने 2जी स्पेक्ट्रम, अगस्ता वेस्टलैंड, नीरव मोदी घोटाला आदि जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जाँच कर कार्रवाई की है। हाल ही में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री को गिरफ्तार किया है। इस मामले में गृह मंत्री पर मुंबई में बार मालिकों से पैसे वसूलने के आरोप लगे थे।
हालाँकि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में ED के समक्ष कई चुनौतियाँ रहती हैं जैसे:
ED के प्रदर्शन को बेहतर बनाने हेतु निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं:
1. वित्तपोषण को बढ़ावा देना
2. अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय को प्रोत्साहन देना
3. जाँच प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना
3. प्रशिक्षण में सुधार करना
4. कानूनी जटिलताओं को कम करना
5. ED अधिकारियों की राजनीतिक हस्तक्षेप से सुरक्षा करना
5. विदेशी न्यायालयों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना
निष्कर्ष:
ED एक महत्त्वपूर्ण कानून प्रवर्तन एजेंसी है जो आर्थिक अपराधों का मुकाबला करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कई चुनौतियों के बावजूद ED ने भारत में आर्थिक अपराधों से निपटने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। इस एजेंसी ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जाँच कर कार्रवाई की है जिससे आर्थिक अपराधियों से काफी राशि बरामद हुई है। ED को और भी मज़बूत करने से यह भारतीय अर्थव्यवस्था को अपराधियों से बचाने में और भी अधिक प्रभावी हो सकता है।