भारत के संघीय ढाँचे पर महामारी के प्रभावों का विश्लेषण करते हुए इस संकट से निपटने में केंद्र और राज्यों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। महामारी के दौरान अंतर-सरकारी समन्वय को मज़बूत करने हेतु सरकार द्वारा किये गए उपायों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- महामारी और उसके प्रभाव के बारे में एक संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- राष्ट्र के संघीय ढाँचे पर महामारी के प्रभाव और केंद्र तथा राज्य, दोनों सरकारों के समक्ष इस संदर्भ में आई चुनौतियों का विश्लेषण कीजिये।
- महामारी के दौरान अंतर-सरकारी समन्वय को मज़बूत करने के लिये सरकार द्वारा किये गए उपायों का उल्लेख कीजिये।
- एक समग्र और उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
कोविड-19 महामारी का भारत के संघीय ढाँचे पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जिससे केंद्र सरकार और राज्यों के बीच शक्ति संतुलन प्रभावित हुआ है। इस संकट से निपटने में केंद्र और राज्यों के समक्ष कई चुनौतियाँ उत्पन्न हुईं और देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसकी गंभीरता में भिन्नता थी।
मुख्य भाग:
देश के संघीय ढाँचे पर इस महामारी का प्रभाव:
- भारत के संघीय ढाँचे पर महामारी के सबसे महत्त्वपूर्ण प्रभावों में से एक नीति निर्माण और निर्णय लेने में केंद्र सरकार की बढ़ती भूमिका रही है। आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति, टीके और वित्तीय सहायता के वितरण सहित महामारी के लिये राष्ट्रीय प्रतिक्रिया के समन्वय हेतु केंद्र सरकार जिम्मेदार होती है। इससे केंद्र और राज्यों के बीच कुछ तनाव पैदा हुआ, क्योंकि कुछ राज्यों ने महसूस किया है कि केंद्र सरकार ने महामारी से निपटने के उनके प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिये पर्याप्त कार्य नहीं किया है।
- महामारी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच मौजूदा असमानताओं को भी उजागर किया है (विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक पहुँच के मामले में)। स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे में उच्च स्तर के निवेश, अधिक विविध अर्थव्यवस्था और बेहतर शासन जैसे कारकों के कारण कुछ राज्य, दूसरों की तुलना में महामारी से निपटने हेतु बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं। इसके साथ केंद्र सरकार द्वारा कुछ राज्यों को दूसरों की तुलना में अधिक सहायता प्रदान की गई।
- भारत के संघीय ढाँचे पर महामारी का एक और प्रभाव, निर्णय लेने और शासन के विकेंद्रीकरण में वृद्धि का रहा है। इस दौरान राज्यों को अपनी सीमाओं के अंदर महामारी के प्रबंधन के लिये बड़ी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ी, जिसमें लॉकडाउन लागू करना, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का प्रबंधन करना और टीकों का वितरण करना शामिल है। यह कुछ राज्यों के लिये एक महत्त्वपूर्ण चुनौती रही (विशेष रूप से कमज़ोर स्वास्थ्य सुविधाओं या सीमित वित्तीय संसाधनों वाले राज्यों के लिये)।
भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान अंतर-सरकारी समन्वय को मज़बूत करने के लिये कई उपाय किये जैसे:
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (NDMA): NDMA को केंद्र सरकार द्वारा महामारी के संदर्भ में देश की प्रतिक्रिया को समन्वित करने के लिये लागू किया गया था। इस अधिनियम ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को कोविड-19 के प्रसार को रोकने हेतु कदम उठाने का अधिकार प्रदान किया।
- अधिकार प्राप्त समूहों का गठन करना: केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा बुनियादी ढाँचे, रसद और सूचना प्रबंधन में समन्वय के लिये अधिकार प्राप्त समूहों का गठन किया। इन समूहों ने राज्यों को दिशानिर्देश प्रदान करने के साथ यह सुनिश्चित किया कि वे उनका पालन कर रहे हैं।
- नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंस किया जाना: भारत के प्रधानमंत्री ने नियमित रूप से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ राज्यों में महामारी की स्थिति पर चर्चा करने के लिये वीडियो कॉन्फ्रेंस किया। इसने केंद्र सरकार को राज्यों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने हेतु प्रेरित किया।
- वित्तीय सहायता: केंद्र सरकार ने कोविड-19 संबंधित गतिविधियों के लिये राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की। सरकार ने महामारी से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिये 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की।
- वस्तुओं और लोगों की अंतर्राज्यीय आवाजाही: केंद्र सरकार ने महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं और लोगों की अंतर्राज्यीय आवाजाही का समन्वय किया। ऐसा विभिन्न राज्यों में वस्तुओं और लोगों की आवाजाही के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) और दिशानिर्देश जारी करके किया गया था।
- टीका वितरित किया जाना: केंद्र सरकार ने देश भर में टीकों के वितरण का समन्वय किया और वैक्सीनेशन अपॉइंटमेंट्स को रजिस्टर और शेड्यूल करने के लिये CoWIN नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाया। इसके साथ ही राज्यों को उनकी आबादी और हेल्थकेयर वर्कर्स एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या के आधार पर वैक्सीन का वितरण किया गया।
निष्कर्ष:
महामारी ने भारत में केंद्र और राज्यों, दोनों के समक्ष चुनौतियाँ खड़ी कर दी। सरकार ने इस संदर्भ में अंतर-सरकारी समन्वय को मजबूत करने के उपाय किये हैं लेकिन इस दिशा में अभी भी सुधार की गुंजाइश है। न्यायसंगत समाज के निर्माण हेतु संघीय ढाँचे को मज़बूत करना तथा मौजूदा असमानताओं को दूर करना महत्त्वपूर्ण है।