भारत में सतत् विकास को बढ़ावा देने में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- सतत् विकास को बढ़ावा देने में इसके महत्त्व पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी या अंतरिक्ष तकनीक, अंतरिक्ष यात्रा और अन्वेषण के क्रम में उपकरणों तथा प्रणालियों के डिज़ाइन, विकास, निर्माण और संचालन के लिये इंजीनियरिंग सिद्धांतों के अनुप्रयोग को संदर्भित करती है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने भारत में सतत् विकास को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्य भाग:
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का महत्त्व
- पर्यावरणीय निगरानी:
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से भूमि उपयोग प्रतिरूप, वनों की कटाई, समुद्र विज्ञान और मौसम जैसे विभिन्न पर्यावरणीय कारकों की सटीक और निरंतर निगरानी सक्षम हुई है, जिससे नीति निर्माताओं को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर तार्किक निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
- आपदा प्रबंधन:
- भारत में बाढ़, भूकंप और चक्रवात के रूप में प्राकृतिक आपदाओं के आने का इतिहास रहा है।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी द्वारा रिमोट सेंसिंग और संचार तकनीकों के माध्यम से आपदा प्रबंधन हेतु त्वरित प्रतिक्रिया करना आसान हुआ है।
- कृषि:
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सुदूर संवेदन के माध्यम से मृदा की नमी और कृषि उत्पादकता की निगरानी के माध्यम से कृषि उत्पादकता में सुधार करने में सहायक रही है।
- यह डेटा किसानों को जल और उर्वरक उपयोग के बारे में तार्किक निर्णय लेने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप पैदावार में वृद्धि होती है और इसका पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।
- संचार:
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने भारत में संचार और कनेक्टिविटी में सुधार किया है, उपग्रह आधारित संचार से दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वसनीय और लागत प्रभावी कनेक्टिविटी मिलती है।
- इससे सूचना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुँच संभव हुई है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा:
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने रणनीतिक संचार, निगरानी और खुफिया जानकारी एकत्र करने के साथ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
- इससे देश की सीमाओं की रक्षा करने और अपने नागरिकों की रक्षा करने में मदद मिली है।
निष्कर्ष:
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने पर्यावरण निगरानी से लेकर आपदा प्रबंधन तथा कृषि से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देकर भारत में सतत् विकास को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में निरंतर निवेश और विकास भारत के लिये प्राथमिकता बना रहेगा।