भारत के 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के उद्देश्य और चुनौतियाँ क्या हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों की विवेचना कीजिये। (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- डिजिटल इंडिया के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
- डिजिटल इंडिया से संबंधित चुनौतियों की चर्चा कीजिये।
- भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों की चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके तहत परिवर्तनों हेतु प्रौद्योगिकी को केंद्रीय बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह एक अम्ब्रेला कार्यक्रम है जिसमें कई पहलू शामिल हैं।
मुख्य भाग:
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्य:
- डिजिटल बुनियादी ढाँचा तैयार करना और सभी नागरिकों को डिजिटल पहुँच प्रदान करना।
- डिजिटल सेवाओं और संसाधनों तक पहुँच प्रदान करके नागरिकों को डिजिटली रूप से सक्षम बनाना।
- डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना और डिजिटल रूप से कुशल कार्यबल तैयार करना।
- शासन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ दक्षता और पारदर्शिता में सुधार करना।
- डिजिटल क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से संबंधित चुनौतियाँ:
- डिजिटल डिवाइड का होना:
- देश भर में डिजिटल बुनियादी ढाँचे और सेवाओं का असमान वितरण है।
- साइबर सुरक्षा:
- डिजिटल बुनियादी ढाँचे और डेटा के संदर्भ में साइबर खतरों का होना।
- डिजिटल साक्षरता:
- काफी लोगों की डिजिटल साक्षरता सीमित बनी हुई है।
- आधारभूत संरचना:
- इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु देश के कुछ हिस्सों में अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा है।
- गोपनीयता से संबंधित चिंताएँ:
- नागरिकों के डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का प्रभाव:
- डिजिटलीकरण का विस्तार होना:
- इस कार्यक्रम से डिजिटल सेवाओं तक पहुँच में वृद्धि हुई है, जिससे डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान मिला है।
- रोज़गार सृजन होना:
- इस कार्यक्रम से डिजिटल क्षेत्र में रोज़गार के अवसर सृजित हुए हैं (खासकर ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग और ऐप डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में)।
- व्यापार करने में सुलभता:
- इस कार्यक्रम से कई सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण हुआ है, जिससे भारत में व्यापार करना आसान हो गया है।
- दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि:
- शासन में प्रौद्योगिकी के उपयोग से दक्षता और पारदर्शिता बढ़ी है, भ्रष्टाचार कम हुआ है और सेवा वितरण में सुधार हुआ है।
- नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलना:
- इस कार्यक्रम से डिजिटल क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलने से नए स्टार्टअप और व्यवसायों का उदय हुआ है।
निष्कर्ष:
डिजिटल रूप से सशक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम एक महत्त्वपूर्ण कदम रहा है। हालाँकि इससे संबंधित कुछ चुनौतियाँ भी रही हैं लेकिन अर्थव्यवस्था और समाज पर इस कार्यक्रम का प्रभाव सकारात्मक रहा है और उम्मीद है कि यह भारत की विकास यात्रा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।