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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    इंटीग्रिटी पैक्ट से आप क्या समझते हैं? हाल की घटनाओं के आलोक में, भारत में सार्वजनिक खरीद के संदर्भ में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के क्रम में इसकी उपयोगिता का विश्लेषण कीजिये? (150 शब्द)

    20 Apr, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • अपने उत्तर की शुरुआत में इंटीग्रिटी पैक्ट को परिभाषित करते हुए किसी हाल की घटना का उल्लेख कीजिये जहाँ इसका उपयोग किया गया हो।
    • इंटीग्रिटी पैक्ट से संबंधित लाभों और चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
    • सार्वजनिक अधिप्राप्ति को दक्ष और पारदर्शी बनाने में ये कितने प्रभावी रहे हैं, यह स्पष्ट करते हुए निष्कर्ष लिखिये।

    भूमिका

    इंटीग्रिटी पैक्ट भ्रष्टाचार को रोकने और सार्वजनिक अधिप्राप्ति में पारदर्शिता, सहभागिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने का साधन है, जिसे ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नामक एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा तैयार किया गया है। इसमें आमतौर पर सिविल सोसाइटी संगठनों के नेतृत्त्व वाली एक निगरानी प्रणाली भी शामिल है। इंटिग्रिटी पैक्ट का प्राथमिक उद्देश्य रिश्वत देने से बचने वाली कंपनियों का समर्थन करना है तथा उन्हें यह आश्वासन प्रदान करना है कि उनके प्रतिस्पर्धी भी रिश्वत नहीं देंगे।

    हाल ही में, दिल्ली के उप-राज्यपाल ने सरकारी निकायों और निजी ठेकेदारों के लिये 10 करोड़ रुपये से अधिक की सभी निविदाओं के लिये एक इंटीग्रिटी पैक्ट पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया है।

    मुख्य भाग

    इंटीग्रिटी पैक्ट के लाभ

    • यह भ्रष्टाचार से लड़ने और मौजूदा भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को सुदृढ़ करने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
    • यह सार्वजनिक अधिप्राप्ति प्रक्रियाओं को अधिक उचित, पारदर्शी और न्यायसंगत बनाता है।
    • सार्वजनिक अधिप्राप्ति में पारदर्शिता बढ़ने से सरकार और व्यवसायों में विश्वास पैदा होता है।
    • यह नागरिक समाज संगठनों को सार्वजनिक अधिप्राप्ति को निष्पक्ष बनाने हेतु अपनी सेवाएँ देने का अधिकार देता है।
    • इंटीग्रिटी पैक्ट अपनाने से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अधिक प्रतिस्पर्धी और लाभदायक बनते हैं।
    • यह संस्थागत परिवर्तनों को प्रोत्साहित करता है, जैसे सरलीकृत प्रशासनिक प्रक्रियाएँ, बेहतर नियामक मानदंड आदि।
    • केंद्रीय या राज्य द्वारा निधियन के माध्यम से यह संसाधनों के प्रभाव और प्रभावशीलता में वृद्धि करता है।
    • यह सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार से लड़ने और जटिल परियोजनाओं में उनके अच्छे कार्यों की रक्षा करने के लिये सशक्त बनाता है।

    इंटीग्रिटी पैक्ट के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ

    • अक्षमता की संभावना: कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि विभिन्न मंचों पर समान मुद्दे पर बहस हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप समय, ऊर्जा और संसाधनों की बर्बादी हो सकती है।
      • उदाहरण के लिये, यदि कोई केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को शिकायत करता है और न्यायालय भी जाता है, तो CVC द्वारा एक स्वतंत्र व्यक्ति को इस मुद्दे की जाँच करने और निगम के किसी कर्मचारी या सबंद्ध व्यक्ति को इस पर गौर करने हेतु निर्देश दिया जाता है। इसका अर्थ है कि एक ही मुद्दे पर तीन अलग-अलग जगहों पर चर्चा की जाती है, जो समय, ऊर्जा और संसाधनों की बर्बादी है।
      • कभी-कभी कई कारणों से एक विदेशी आपूर्तिकर्त्ता को इंटीग्रिटी पैक्ट के तहत लाना मुश्किल हो जाता है, जिसमें सांस्कृतिक अंतर, भाषा की बाधाएँ और भारतीय कानूनी प्रणाली से अपरिचितता जैसे विभिन्न कारक शामिल हैं।
    • दोहरी मुश्किलें: यदि आईपी पर हस्ताक्षर नहीं है, तो उत्तरदाई प्राधिकरण को कंपनी के प्रश्नों का सामना करना पड़ता है और वह आपूर्तिकर्त्ता को आईपी पर हस्ताक्षर करने के लिये बाध्य करता है, तो कंपनी को विक्रेताओं की हानि हो सकती है।
    • सरकारी कंपनियों के लिये हतोत्साहन: कोई समान अवसर नहीं है क्योंकि यह निजी कंपनियों के लिये अनुचित लाभ है। एक सरकारी कंपनी अपने संपूर्ण प्रकटन हेतु खुली हुई होती है। एक निजी कंपनी किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होती है।
      • कुछ मामलों में जहाँ एक ही कंपनी एक निश्चित आवश्यकता की आपूर्ति करती है और आपूर्तिकर्त्ता आईपी पर हस्ताक्षर करने के लिये सहमत नहीं होता है।
    • आईपी को एक शिकायत-आधारित तंत्र के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है, जहाँ ज़्यादातर मामलों में, विक्रेताओं को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिलता है, जिससे उनका उत्पीड़न होता है।

    निष्कर्ष

    अनेक चुनौतियों के बावजूद, भारत में इंटीग्रिटी पैक्ट सफल रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, अधिकांश आईपी अनुपालक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का मानना है कि इसने सार्वजनिक अधिप्राप्ति को निष्पक्ष और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है तथा पीएसयू के लिये महत्त्वपूर्ण राशि की बचत की है।

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