1. हम वही हैं जो हम बार-बार करते हैं। इसलिये श्रेष्ठता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है। 2. जीने की सबसे बड़ी शान कभी न गिरने में नहीं, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।