आप वित्त मंत्रालय में कार्यरत एक सरकारी कर्मचारी हैं। आप वित्तीय लेन-देन की समीक्षा और अनुमोदन के लिये ज़िम्मेदार हैं। एक दिन आपको एक विदेशी बैंक खाते में एक बड़ी राशि स्थानांतरित करने के अनुमोदन हेतु एक अनुरोध प्राप्त होता है। यह अनुरोध आपके मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा किया गया है। आप इस अनुरोध के बारे में संदिग्ध हैं और आपने अपने अधिकारी से यह बताने के लिये कहा कि यह राशि क्यों स्थानांतरित की जा रही है। अधिकारी आपको बताता है कि यह धन एक गुप्त परियोजना के लिये है जिसको सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है। आप इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं और अधिकारी से इस संबंध में और अधिक जानकारी प्रदान करने के लिये कहते हैं। अधिकारी आपको अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने से मना करता है और आपको बताता है कि आपको धन के हस्तांतरण की स्वीकृति देनी होगी अन्यथा आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
प्रश्न. इस स्थिति में आपको क्या करना चाहिये?
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- इस मामले की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारकों और नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये।
- इस संदर्भ में उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा करते हुए प्रत्येक विकल्प के पक्ष और विपक्ष का उल्लेख कीजिये।
- तदनुसार एक या अधिक विकल्पों को शामिल करते हुए निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
इस मामले में एक गुप्त सरकारी परियोजना के लिये वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा एक विदेशी बैंक खाते में बड़ी राशि के हस्तांतरण का अनुरोध करना शामिल है। वित्तीय लेनदेन की समीक्षा और अनुमोदन के लिये ज़िम्मेदार सरकारी कर्मचारी को इस संदर्भ में अनुरोध देने पर संदेह होता है और वह अधिकारी से अधिक जानकारी देने के लिये कहता है लेकिन अधिकारी और अधिक जानकारी देने से मना कर देता है और धन हस्तांतरण को मंजूरी नहीं देने पर कर्मचारी को बर्खास्त करने की धमकी देता है।
मुख्य भाग:
- इसमें शामिल विभिन्न हितधारक:
- वित्तीय लेनदेन की समीक्षा और अनुमोदन हेतु ज़िम्मेदार कर्मचारी
- अनुरोध करने वाले वरिष्ठ अधिकारी
- वित्त मंत्रालय के अन्य हितधारक
- करदाता और समाज
- इसमें शामिल नैतिक मुद्दे:
- सत्यनिष्ठा
- भ्रष्टाचार
- सरकारी धन का दुरूपयोग
- पारदर्शिता की कमी
- जवाबदेहिता और गोपनीयता के बीच हितों का टकराव
इस संदर्भ में उपलब्ध विकल्प::
- धन के हस्तांतरण को स्वीकृति देना: इस संदर्भ में संदेह होने और पर्याप्त जानकारी के अभाव के बावजूद धन के हस्तांतरण को मंजूरी देने से संभावित रूप से सरकार और करदाताओं का नुकसान हो सकता है।
- गुण:
- इससे वरिष्ठ अधिकारी के साथ टकराव होने और नौकरी की संभावित हानि से बचा जा सकता है।
- इससे संभावित रूप से सरकार की महत्त्वपूर्ण परियोजना के पूरा होने को प्रोत्साहन मिल सकता है।
- दोष:
- इससे भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग को बढ़ावा मिल सकता है।
- इसे कर्मचारी के रूप में मेरे नैतिक और पेशेवर दायित्वों का उल्लंघन माना जा सकता है।
- अगर बाद में पता चलता है कि हस्तांतरण वैध उद्देश्य के लिये नहीं किया गया था तो इससे सरकार पर लोगों के विश्वास में कमी आ सकती है।
- धन के हस्तांतरण को स्वीकृति देने से मना करना:
- गुण:
- इससे नैतिक मानकों को बनाए रखने के साथ सरकारी धन के दुरुपयोग को रोका जा सकता है।
- इससे पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता के साथ सार्वजनिक धन के जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकता है।
- दोष:
- इसमें अगर यह पाया जाता है कि मैंने सरकार के हितों के खिलाफ कार्य किया है तो इसके नकारात्मक कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
- इससे गुप्त परियोजना की प्रगति और इसके उद्देश्यों को पूरा करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
- इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाना: इस मामले को मंत्रालय के उच्च अधिकारियों या संबंधित भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के संज्ञान में लाया जा सकता है।
- गुण:
- इससे पारदर्शिता और जवाबदेहिता सुनिश्चित हो सकती है।
- दोष:
- इससे प्रतिशोध का सामना करने के साथ मेरी नौकरी भी जा सकती है।
- अपनी क्षमता के अनुसार इस मामले की जाँच करने हेतु कदम उठाना: इसमें अपने स्तर पर इस मामले की जाँच की जा सकती है और यदि इसमें कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा सकता है।
निष्कर्ष:
इस स्थिति में यह उचित रहेगा कि अपने स्तर पर इस मामले की जाँच की जाए और जब तक इस बात से संतुष्टि न मिल जाए कि यह हस्तांतरण वैध है, तब तक के लिये इसका अनुमोदन रोक देना चाहिये। यदि इसमें कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो इस मुद्दे को मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने के साथ संबंधित भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों को इसकी सूचना दी जा सकती है। इस विकल्प से नैतिक मानकों को बनाए रखने एवं संभावित प्रतिशोध से मेरी रक्षा होने के साथ पारदर्शिता और जवाबदेहिता सुनिश्चित होगी। सरकारी कर्मचारियों के लिये यह महत्त्वपूर्ण है कि वे व्यक्तिगत हितों की तुलना में लोक हित और नैतिक मानकों को अधिक प्राथमिकता दें।