- फ़िल्टर करें :
- अर्थव्यवस्था
- विज्ञान-प्रौद्योगिकी
- पर्यावरण
- आंतरिक सुरक्षा
- आपदा प्रबंधन
-
प्रश्न :
भारत के पर्यटन क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों को बताते हुए इन चुनौतियों के कुछ संभावित समाधानों पर चर्चा कीजिये? (150 शब्द)
05 Apr, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत के पर्यटन क्षेत्र से संबंधित डेटा को संक्षिप्त में बताते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- भारत के पर्यटन क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों और इनके समाधानों पर चर्चा कीजिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
- भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्त्वपूर्ण योगदान है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में 9.2% की हिस्सेदारी के साथ इस क्षेत्र से 80 मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार मिलता है (न्यूयॉर्क की जनसंख्या का लगभग दोगुना)।
- भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विविध परिदृश्य और आतिथ्य इसे पर्यटकों के लिये एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। हालाँकि विशाल क्षमताओं के बावजूद, भारत के पर्यटन उद्योग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिससे इसके विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
मुख्य भाग:
- भारत के पर्यटन क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ:
- अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा: हवाई अड्डों, राजमार्गों और सार्वजनिक परिवहन के रूप में भारत का बुनियादी ढाँचा अपर्याप्त और कमजोर है। कई पर्यटन स्थलों पर साफ पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है।
- इसके अतिरिक्त अच्छी तरह से लगाए गए साइनबोर्ड और पर्यटक सूचना केंद्रों जैसे पर्यटक-अनुकूल बुनियादी ढाँचे के अभाव से पर्यटकों को घूमने और भारत के पर्यटन स्थलों का पता लगाने में चुनौती का सामना करना पड़ता है।
- सुरक्षा: भारत में पर्यटकों (विशेषकर महिला यात्रियों) के लिये सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बनी रहती हैं।
- पर्यटकों के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा की घटनाएँ होने से हाल के वर्षों में पर्यटन में गिरावट आई है।
- मजबूत कानून प्रवर्तन प्रणाली के अभाव के साथ पर्यटक स्थलों तथा आवासों पर अपर्याप्त सुरक्षा उपाय से संबंधित चिंताएँ भी बनी रहती हैं।
- अपर्याप्त विपणन और संवर्धन प्रयास: भारत का पर्यटन उद्योग प्रभावी विपणन और संवर्धन प्रयासों की कमी का सामना कर रहा है।
- सरकार के प्रचार अभियान भी अक्सर सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन तक ही सीमित होते हैं और इनमें साहसिक पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन और पर्यावरण पर्यटन जैसे अन्य संभावित पर्यटन आयामों की अनदेखी की जाती है।
- इसके अतिरिक्त इस उद्योग में हितधारकों के बीच समन्वय की कमी देखी जाती है।
- कुशल जनशक्ति का अभाव: भारत में पर्यटन क्षेत्र के समक्ष एक और बड़ी चुनौती, कुशल जनशक्ति का अभाव होना है। इस उद्योग में टूर गाइडिंग, आतिथ्य और यात्रा प्रबंधन सहित विभिन्न आयामों में कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होती है।
- इस क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की भारी कमी होने से पर्यटकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
- अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा: हवाई अड्डों, राजमार्गों और सार्वजनिक परिवहन के रूप में भारत का बुनियादी ढाँचा अपर्याप्त और कमजोर है। कई पर्यटन स्थलों पर साफ पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है।
- भारत के पर्यटन क्षेत्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों का संभावित समाधान:
- सरकारी सहायता: भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना और प्रसाद योजना सहित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई पहल की हैं।
- इन योजनाओं का उद्देश्य पर्यटन के बुनियादी ढाँचे को विकसित करना और देश के विशिष्ट क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना है। हालाँकि बुनियादी ढाँचे और सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिये और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPPs), भारत के पर्यटन उद्योग के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
- PPPs से पर्यटन के बुनियादी ढाँचे के विकास और रखरखाव हेतु आवश्यक धन और विशेषज्ञता की प्राप्ति हो सकती है।
- PPPs से हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय की सुविधा भी मिल सकती है जिससे नवीन पर्यटन उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा मिल सकता है।
- सतत पर्यटन प्रथाएँ: सतत पर्यटन प्रथाएँ देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए भारत के पर्यटन उद्योग के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान कर सकती हैं।
- सतत पर्यटन प्रथाएँ पर्यावरण पर पर्यटन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती हैं।
- भारत सरकार और पर्यटन उद्योग के हितधारकों को उद्योग की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये पर्यावरण अनुकूल पर्यटन, समुदाय-आधारित पर्यटन और जिम्मेदार पर्यटन सहित स्थायी पर्यटन प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है।
- सरकारी सहायता: भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना और प्रसाद योजना सहित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई पहल की हैं।
निष्कर्ष:
- भारत के पर्यटन उद्योग में अपार संभावनाएँ हैं लेकिन इसके समक्ष कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं जो इसके विकास में बाधक हैं। इस उद्योग से संबंधित चुनौतियाँ बहुआयामी हैं और उन्हें दूर करने के लिये व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
- इस उद्योग के समक्ष आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिये सरकार, पर्यटन उद्योग के हितधारकों और लोगों को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
- बेहतर सरकारी समर्थन मिलने के साथ इस क्षेत्र में PPP मॉडल और टिकाऊ पर्यटन को अपनाने से कई चुनौतियों का समाधान होने के साथ भारत के पर्यटन उद्योग की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सकती है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print