लोक प्रशासन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने में जवाबदेही और पारदर्शिता के महत्त्व का परीक्षण कीजिये। (150 शब्द)
23 Mar, 2023
सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
लोक प्रशासन का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
लोक प्रशासन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने में जवाबदेहिता और पारदर्शिता के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।
इनके कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा करते हुए इन चुनौतियों से निपटने का सुझाव दीजिये
तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
लोक प्रशासन किसी भी सरकार का एक महत्त्वपूर्ण घटक होता है। यह नागरिकों के जीवन को प्रभावित करने वाली नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के लिये जिम्मेदार होता है। लोक प्रशासकों को काफी अधिक शक्ति और उत्तरदायित्व दिये गए हैं और इस प्रकार इनसे नैतिक और उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है।
हालाँकि इतिहास गवाह है कि हमेशा ऐसा नहीं होता है। लोक प्रशासकों को भ्रष्ट और अनैतिक व्यवहार में लिप्त भी पाया जाता है, जिसके कारण सरकार पर जनता का विश्वास कम होता है।
इस समस्या का समाधान करने के लिये जवाबदेहिता और पारदर्शिता को प्रमुख सिद्धांतों के रूप में पहचाना गया है जिनसे लोक प्रशासन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा मिल सकता है।
मुख्य भाग:
जवाबदेहिता और पारदर्शिता का महत्त्व निकटता से संबंधित है:
जवाबदेहिता का तात्पर्य लोक प्रशासकों के उस दायित्व से है जिससे वे अपने कार्यों और निर्णयों के लिये जवाबदेह होते हैं।
इसमें निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और परिणामों के बारे में पारदर्शी होने के साथ उन निर्णयों से उत्पन्न होने वाले किसी भी नकारात्मक परिणाम के लिये जिम्मेदारी स्वीकार करना शामिल होता है।
दूसरी ओर पारदर्शिता का आशय जनता के लिये सूचना तक सुलभ पहुँच प्रदान करना होता है।
इसमें नागरिकों को समय पर और सुलभ तरीके से जानकारी उपलब्ध कराना और लिये गए किसी भी निर्णय या कार्रवाई के लिये स्पष्टीकरण प्रदान करना शामिल होता है।
जवाबदेहिता और पारदर्शिता कई कारणों से महत्त्वपूर्ण हैं:
इनसे सरकार और जनता के बीच विश्वास को बढ़ावा मिलता है। जब लोक प्रशासक अपने कार्यों और निर्णयों के बारे में पारदर्शी होते हैं तो इससे सरकार पर लोगों के विश्वास में वृद्धि होती है।
यह उन देशों में और भी महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं जिनमें उच्च स्तर का भ्रष्टाचार होने के साथ सरकार पर लोगों का अविश्वास होता है।
इसके साथ ही जवाबदेहिता और पारदर्शिता से भ्रष्टाचार और अनैतिक व्यवहार को रोकने में मदद मिलती है।
जब लोक सेवकों के कार्यों की जांच होती है तो उनके भ्रष्ट या अनैतिक व्यवहार में शामिल होने की संभावना कम होती है।
इसके साथ ही जवाबदेहिता और पारदर्शिता से सुशासन को बढ़ावा मिलता है।
जब लोक प्रशासकों को उनके कार्यों के लिये जवाबदेह ठहराया जाता है तो इससे यह सुनिश्चित होता है कि उनके द्वारा ऐसे निर्णय लिये जा रहे हैं जो लोगों के सर्वोत्तम हित में हैं।
जवाबदेहिता और पारदर्शिता को लागू करने से संबंधित चुनौतियाँ:
जवाबदेहिता और पारदर्शिता लोक प्रशासन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन इन सिद्धांतों को लागू करने में कुछ चुनौतियाँ मौजूद हैं जैसे:
इससे संबंधित सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है।
कुछ देशों में जवाबदेहिता और पारदर्शिता को लागू करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी देखी जाती है क्योंकि इससे भ्रष्ट प्रथाओं को उजागर किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त इसके लिये लोक प्रशासकों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है (यदि वह ऐसे वातावरण में काम करने के आदी हैं जहाँ उन्हें अपने कार्यों के लिये जवाबदेह नहीं ठहराया जाता है)।
इससे संबंधित दूसरी चुनौती, संसाधनों की कमी होना है।
जवाबदेहिता और पारदर्शिता को लागू करने के लिये वित्तीय और मानव संसाधनों की आवश्यकता होती है। जिन देशों में संसाधन सीमित हैं वहाँ इन उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करना मुश्किल हो सकता है।
विशेष रूप से विकासशील देशों में इनको लागू करने के क्रम में तकनीकी क्षमता की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
जवाबदेहिता और पारदर्शिता को प्रभावी बनाने में मौजूद चुनौतियों के बावजूद, इन चुनौतियों का समाधान करने के तरीके मौजूद हैं।
सबसे पहले, इसके लिये राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है।
इसमें राजनीतिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना शामिल हो सकता है।
इसमें लोक प्रशासकों को नैतिक रूप से व्यवहार करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करना और भ्रष्ट प्रथाओं में संलग्न लोगों को दंडित करना भी शामिल हो सकता है।
इसके साथ ही इससे संबंधित संसाधनों में निवेश की जरूरत है।
इसमें जवाबदेहिता और पारदर्शिता से संबंधित उपायों के कार्यान्वयन के लिये वित्तीय और मानव संसाधन के रूप में निवेश करना शामिल हो सकता है।
इसमें प्रशिक्षण और सहायता के माध्यम से तकनीकी क्षमता विकसित करना भी शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष:
लोक प्रशासन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिये जवाबदेहिता और पारदर्शिता महत्त्वपूर्ण हैं। इन उपायों को लागू करने में कई चुनौतियाँ विद्यमान हैं जिन्हें राजनीतिक इच्छाशक्ति, संसाधनों में निवेश और तकनीकी क्षमता निर्माण के जरिए हल किया जा सकता है।
सरकारों और लोक प्रशासकों को यह सुनिश्चित करने के लिये जवाबदेहिता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देनी चाहिये कि वे ऐसे निर्णय ले रहे हैं जो जनता के सर्वोत्तम हित में हैं।
इससे न केवल लोक प्रशासन में नैतिक व्यवहार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूती मिलने के साथ शासन में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।