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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    पारदर्शिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिये भारत सरकार द्वारा क्या उपाय किये गए हैं? (250 शब्द)

    21 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण

    • भारत में भ्रष्टाचार के खतरे का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • पारदर्शिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिये भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों पर चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय

    • भ्रष्टाचार एक व्यापक संकट है जिसने दशकों से भारत को त्रस्त किया है, देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में बाधा उत्पन्न की है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से लेकर बुनियादी ढाँचे और कानून प्रवर्तन तक, समाज के सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार के हानिकारक प्रभाव महसूस किये जाते हैं।
      • हाल के वर्षों में, भारत सरकार ने समस्या की गंभीरता को पहचाना है और देश में पारदर्शिता को बढ़ावा देने तथा भ्रष्टाचार को कम करने के लिये कई कदम उठाए हैं।

    मुख्य भाग

    पारदर्शिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिये भारत सरकार द्वारा किये गए उपाय:

    • सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) का कार्यान्वयन:
      • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से सूचना प्राप्त करने का अधिकार देता है। अधिनियम सरकार और उसके विभिन्न विभागों के कामकाज से संबंधित जानकारी के प्रकटीकरण का प्रावधान करता है।
      • आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन से सरकारी विभागों के कामकाज में पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार में कमी आई है।
    • उदाहरण के लिये, 2011 में, आरटीआई कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया।
      • घोटाले में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिये धन का गबन शामिल था। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आरटीआई अधिनियम के तहत सरकार से जानकारी प्राप्त की थी, जिससे घोटाले का पर्दाफाश करने में मदद मिली।
    • सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण:
      • भारत सरकार ने नागरिकों को पारदर्शी और कुशल तरीके से सेवाएँ प्रदान करने के लिये विभिन्न डिजिटल पहल शुरू की हैं। सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण ने मानवीय हस्तक्षेप को कम करके भ्रष्टाचार के दायरे को कम किया है।
        • उदाहरण के लिये, 2015 में शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
        • इस पहल के तहत, सरकार ने ई-गवर्नेंस, डिजिटल साक्षरता और डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विकास जैसे विभिन्न कार्यक्रम शुरू किये हैं।
          • इन कार्यक्रमों ने मानवीय हस्तक्षेप को कम करके सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार की गुंजाइश को कम किया है।
    • आधार कार्ड:
      • आधार कार्ड भारतीय नागरिकों को दी जाने वाली एक विशिष्ट पहचान संख्या है। आधार कार्ड ने फर्जी पहचान को समाप्त करके भ्रष्टाचार को कम करने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि लाभ लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचे।
        • उदाहरण के लिये, सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना को आधार कार्ड से जोड़ा गया है। डीबीटी योजना यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी सब्सिडी और कल्याणकारी लाभ सीधे लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचे।
          • आधार के उपयोग ने फर्जी पहचान को खत्म कर भ्रष्टाचार को कम करने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि लाभ लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचे।
      • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act), 1988 में लोक सेवकों द्वारा किये जाने वाले भ्रष्टाचार के संबंध में दंड का प्रावधान है और उन लोगों के लिये भी जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में शामिल हैं।
        • वर्ष 2018 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया, जिसके अंतर्गत रिश्वत लेने के साथ ही रिश्वत देने को भी अपराध की श्रेणी के तहत रखा गया।
      • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 का उद्देश्य भारत में धन शोधन (Money Laundering) के मामलों को रोकना और आपराधिक आय के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।
        • इसमें धन शोधन के अपराध के लिये सख्त सज़ा का प्रावधान है, जिसमें 10 साल तक की कैद और आरोपी व्यक्तियों की संपत्ति की कुर्की (यहाँ तक कि जाँच के प्रारंभिक चरण में ही) भी शामिल है।
      • भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत रिश्वत, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात से संबंधित मामलों को कवर किया गया है।

    निष्कर्ष

    • जबकि भारत सरकार ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिये महत्वपूर्ण प्रयास किये हैं, देश से भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त करने के लिये अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। सरकार को सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले उपायों को लागू करना जारी रखना चाहिये और भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करना भी सुनिश्चित करना चाहिये।
      • इसके अतिरिक्त, भ्रष्टाचार से लड़ने में नागरिकों को उनके अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इन लक्ष्यों की दिशा में काम करके सरकार अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बना सकती है जो देश के समग्र विकास और वृद्धि को बढ़ावा देता है।

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