प्रश्न :
आप एक ऐसे विकासशील देश में भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी के रूप में नियुक्त हैं जो मानवाधिकारों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के लिये जाना जाता है। आपका कार्य भारत के हितों का प्रतिनिधित्व करना और संबंधित देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना है। हालाँकि आपको पता चलता है कि इस देश की सरकार कई अनैतिक प्रथाओं में शामिल है जिसमें राजनीतिक स्तर पर भ्रष्टाचार, मीडिया पर सेंसरशिप तथा विदेशी सहायता का दुरूपयोग करना शामिल है।
एक दिन आप अपने दूतावास से एक गोपनीय रिपोर्ट प्राप्त करते हैं जिससे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी तथा आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने सहित अवैध गतिविधियों में संबंधित देश की सरकार की भागीदारी की पुष्टि होती है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ भारतीय कंपनियाँ इन अवैध गतिविधियों में अप्रत्यक्ष रूप से धन और अन्य संसाधन प्रदान करने के रूप में शामिल हैं।
इस परिदृश्य में एक IFS अधिकारी के रूप में आप क्या करेंगे तथा आप अपने कार्यों को नैतिक रूप से किस प्रकार उचित ठहराएंगे?
17 Mar, 2023
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- इस मामले की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारकों और नैतिक मुद्दों के बारे में चर्चा कीजिये।
- इस संदर्भ में IFS अधिकारी के समक्ष उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
- यह मामला विकासशील देश (यह देश अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के लिये जाना जाता है) में कार्यरत एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी से संबंधित है। इस देश की सरकार कई अनैतिक प्रथाओं में शामिल है जिसमें राजनीतिक स्तर पर भ्रष्टाचार, मीडिया पर सेंसरशिप तथा विदेशी सहायता का दुरूपयोग करना शामिल है। इसमें अधिकारी को एक गोपनीय रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी तथा आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने सहित अवैध गतिविधियों में संबंधित देश की सरकार की भागीदारी की पुष्टि हुई है।
- शामिल हितधारक:
- संबंधित देश की सरकार,
- भारतीय कंपनियाँ,
- भारतीय दूतावास,
- भारतीय विदेश मंत्रालय,
- भारतीय गृह मंत्रालय,
- भारतीय जनता,
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन।
- इसमें शामिल नैतिक मुद्दे:
- नैतिक मानकों को बनाए रखते हुए भारत के हितों को बढ़ावा देना।
- राजनयिक संबंधों की रक्षा करते हुए अवैध गतिविधियों की सूचना देना।
- व्यावसायिक हितों की रक्षा करते हुए भारतीय कंपनियों की इन अनैतिक प्रथाओं में भागीदारी को रोकना।
- संभावित समाधान और इनका औचित्य:
- गोपनीय रिपोर्ट की समीक्षा करना: सबसे पहले मैं यह सुनिश्चित करते हुए रिपोर्ट की प्रामाणिकता की पुष्टि करूँगा कि यह जानकारी सटीक और विश्वसनीय है। एक बार पुष्टि हो जाने के बाद मैं दूतावास में अपने वरिष्ठों को इस मामले की रिपोर्ट करूँगा और इस रिपोर्ट को भारत में संबंधित अधिकारियों जैसे कि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ साझा करूँगा।
- विकल्प 1: अपने वरिष्ठों को अवैध गतिविधियों की रिपोर्ट करना और इसमें भारतीय कंपनियों की संलिप्तता के खिलाफ कार्रवाई करना।
- इसका एक संभावित समाधान इस मामले की वरिष्ठों को रिपोर्ट करना और इसमें भारतीय कंपनियों की संलिप्तता के खिलाफ कार्रवाई करना है।
- इसके लिये मुझे अपनी रिपोर्टिंग में ईमानदार और पारदर्शी होना होगा और अवैध गतिविधियों में भारतीय कंपनियों की किसी भी संलिप्तता के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना होगा।
- एक IFS अधिकारी के रूप में मेरा कर्तव्य न केवल भारत के हितों को बढ़ावा देना है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भारतीय कंपनियाँ नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं का पालन करें और किसी भी अवैध गतिविधियों में शामिल न हों।
- गुण: यह विकल्प नैतिक मानकों को बनाए रखेगा, जवाबदेही को बढ़ावा देगा और भारतीय कंपनियों को अवैध गतिविधियों में शामिल होने से रोकेगा।
- दोष: यह विकल्प राजनयिक संबंधों को खराब कर सकता है और इससे संबंधित देश में भारत के हितों से समझौता हो सकता है।
- विकल्प 2: संबंधित देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना और अवैध गतिविधियों पर ध्यान न देना।
- इसका एक अन्य संभावित समाधान संबंधित देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना और अवैध गतिविधियों की अनदेखी करना है। इसमें मेरे द्वारा केवल भारत के हितों को प्राथमिकता देते हुए संबंधित देश की अनैतिक प्रथाओं को अनदेखा करना शामिल होगा।
- यह विकल्प मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये एक IFS अधिकारी के रूप में मेरे कर्तव्य और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में नैतिक मानकों को बनाए रखने की मेरी जिम्मेदारी के बारे में नैतिक चिंताएँ पैदा करता है।
- गुण: यह विकल्प मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखेगा और संबंधित देश में भारत के हितों को बढ़ावा मिलेगा।
- दोष: इस विकल्प से नैतिक मानकों से समझौता होगा, अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।
- विकल्प 3: व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए संबंधित देश के साथ रचनात्मक संवाद करना।
- इसका एक तीसरा संभावित समाधान व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाना और मेजबान देश के साथ रचनात्मक संवाद करना है। इसमें अवैध गतिविधियों और भारतीय कंपनियों की भागीदारी से संबंधित चिंताओं के संदर्भ में संबंधित देश के अधिकारियों के साथ कूटनीतिक दृष्टिकोण को अपनाना शामिल होगा।
- यह विकल्प नैतिक रूप से सबसे अधिक वांछनीय है क्योंकि इसमें इस मुद्दे को हल करने के लिये सहयोगी और रचनात्मक दृष्टिकोण को महत्त्व दिया गया है तथा इसमें भारत के हितों की रक्षा के साथ संबंधित देश की संप्रभुता का सम्मान होगा।
- गुण: यह विकल्प सहयोगी और रचनात्मक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ नैतिक मानकों को बनाए रखने और संबंधित देश में भारत के हितों की रक्षा करने में सहायक होगा।
- दोष: इस विकल्प के लिये समय और संसाधनों की अधिक आवश्यकता होने के साथ यह अवैध गतिविधियों को रोकने में प्रभावी नहीं हो सकता है।
निष्कर्ष:
- एक IFS अधिकारी के रूप में मैं इस रिपोर्ट की प्रामाणिकता की पुष्टि करूँगा और दूतावास में अपने वरिष्ठों के साथ ही भारत में संबंधित अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट करूँगा। इसके बाद मैं तीसरा विकल्प चुनूँगा जिसमें संबंधित देश के साथ रचनात्मक बातचीत करने के साथ व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाना शामिल है। इसमें अवैध गतिविधियों और भारतीय कंपनियों की भागीदारी से संबंधित चिंताओं के संदर्भ में संबंधित देश के अधिकारियों के साथ कूटनीतिक दृष्टिकोण को अपनाना शामिल होगा। इस विकल्प से नैतिक मानकों को बढ़ावा मिलने और भारत के हितों की रक्षा होने के साथ राजनयिक संबंध बेहतर होंगे।