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प्रश्न :
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित अवसरों और चुनौतियों का परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)
15 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के वर्तमान परिदृश्य का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
- स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी चिंताओं की बढ़ती मांग से सतत परिवहन की ओर बदलाव की गति प्रेरित हुई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को विश्व स्तर पर लोकप्रियता मिल रही है और इसमें भारत कोई अपवाद नहीं है। अपनी बढ़ती जनसंख्या और सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ, भारत अपने प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने की चुनौती का सामना कर रहा है। EVs की ओर बदलाव संभावित रूप से इस मुद्दे को हल कर सकता है। हालाँकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से संबंधित अवसर और चुनौतियाँ विद्यमान हैं।
मुख्य भाग:
- इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा प्रस्तुत अवसर:
- प्रदूषण में कमी: EVs का प्राथमिक लाभ प्रदूषण के स्तर में कमी होना है।
- भारत के कई शहरों में विश्व की तुलना में सबसे खराब वायु गुणवत्ता स्तर बना रहता है और EVs इस समस्या को हल करने में मदद कर सकते हैं।
- इसके अलावा भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2015 में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME इंडिया) योजना शुरू की गई थी।
- यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और चार्जिंग बुनियादी ढाँचे को प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- लागत प्रभावी: EVs पारंपरिक गैसोलीन वाहनों की तुलना में लागत प्रभावी हैं, (खासकर जब लंबी अवधि की लागतों पर विचार किया जाता है)।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की ईंधन लागत गैसोलीन वाहनों की तुलना में बहुत कम होती है और इनके रखरखाव की लागत भी काफी कम होती है।
- रोज़गार सृजन: EVs को अपनाने से विनिर्माण, अनुसंधान एवं विकास तथा चार्जिंग से संबंधित बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
- ऊर्जा सुरक्षा: आयातित कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता एक महत्त्वपूर्ण चिंता का विषय है। EVs आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करके और घरेलू नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग पर बल देकर इस मुद्दे को हल करने में मदद कर सकते हैं।
- तकनीकी प्रगति: इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से भारत में तकनीकी प्रगति और नवाचार हो सकता है।
- कई भारतीय स्टार्टअप इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये अभिनव समाधान विकसित करने पर कार्य कर रहे हैं जैसे बैटरी तकनीक, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देना।
- भारत सरकार ने EVs के विकास और इसको प्रोत्साहन देने के लिये नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) जैसी कई पहलें भी शुरू की हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित चुनौतियाँ: EVs अपनाने के लिये सबसे महत्त्वपूर्ण चुनौतियों में से एक भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होना है।
- EVs के विकास को प्रोत्साहन देने के लिये मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क विकसित करने की आवश्यकता है।
- उच्च प्रारंभिक लागत: EVs की प्रारंभिक लागत पारंपरिक गैसोलीन वाहनों की तुलना में अधिक होती है। बैटरी की अधिक लागत होना इसके प्राथमिक कारणों में से एक है।
- हालाँकि तकनीक के विकसित होने के साथ EVs की लागत में कमी आने की संभावना है।
- बैटरी डिस्पोजल: ईवीएस में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों का डिस्पोजल करना एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है। इनके पर्यावरण अनुकूल निपटान को सुनिश्चित करने हेतु उचित निपटान विधियों को विकसित किया जाना आवश्यक है।
- प्रदूषण में कमी: EVs का प्राथमिक लाभ प्रदूषण के स्तर में कमी होना है।
निष्कर्ष:
- इलेक्ट्रिक वाहन भारत के लिये बहुत से अवसर प्रस्तुत करते हैं लेकिन इससे संबंधित ऐसी कई चुनौतियाँ विद्यमान हैं जिन्हें हल करने की आवश्यकता है। भारत सरकार, ऑटोमोबाइल निर्माताओं और निजी हितधारकों को इन चुनौतियों से निपटने और भारत में EVs को प्रोत्साहन देने के लिये मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
- इसके लिये मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क विकसित करने, EVs को अधिक किफायती बनाने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करने, बेहतर बैटरी तकनीक विकसित करने और बैटरी के उचित निपटान को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
- इन चुनौतियों का समाधान करके भारत सतत् एवं स्थायी भविष्य की ओर अग्रसर होने के साथ आयातित कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है और अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
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