विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के एक उपकरण के रूप में आर्थिक प्रतिबंधों की प्रभावशीलता का आकलन कीजिये। (250 शब्द)
14 Mar, 2023
सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
आर्थिक प्रतिबंधों की अवधारणा का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
इसके लाभ तथा हानियों की चर्चा कीजिये।
तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
आर्थिक प्रतिबंध से आशय विदेश नीति के विशिष्ट उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये किसी देश या देशों के समूह द्वारा दूसरे देश पर व्यापार, निवेश और वित्तीय लेनदेन से संबंधित प्रतिबंध आरोपित करना है। लक्षित देशों की नीतियों को बदलने के लिये दबाव डालने हेतु आर्थिक प्रतिबंधों को अक्सर एक गैर-सैन्य उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है।
यह प्रतिबंध विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं जैसे व्यापार प्रतिबंध, वित्तीय प्रतिबंध, यात्रा पर प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध आदि। ईरान, उत्तर कोरिया, रूस और वेनेज़ुएला सहित कई मामलों में आर्थिक प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया गया है।
मुख्य भाग:
आर्थिक प्रतिबंधों के लाभ:
लागत प्रभावी: यह सैन्य कार्रवाई के अन्य रूपों की तुलना में लागत प्रभावी उपकरण हो सकते हैं।
किसी विशिष्ट देश को लक्षित किया जाना: इस प्रतिबंध से लक्षित देश को संकेत मिलता है कि उसका व्यवहार अस्वीकार्य है और इससे उस सरकार पर अपनी नीतियों को बदलने के लिये दबाव डाला जा सकता है।
उदाहरण के लिये संयुक्त राज्य ने ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकने हेतु मजबूर करने के लिये उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए। इन प्रतिबंधों से ईरान के तेल उद्योग को नुकसान हुआ जो देश के लिये राजस्व का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
इन प्रतिबंधों का ईरान की अर्थव्यवस्था पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा था और वर्ष 2015 में इस संदर्भ में ईरान परमाणु समझौता हुआ था।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त होना: यह प्रतिबंध अंतर्राष्ट्रीय समन्वय के साथ लक्षित देश के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई का एक तरीका हो सकते हैं।
व्यापक क्षति से बचाव होना: यह प्रतिबंध देशों के बीच सैन्य टकराव रोकने का तरीका हो सकते हैं जो महंगे और खतरनाक साबित होते हैं।
उदाहरण के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने क्रीमिया के अधिग्रहण के विरोध में रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे।
इन प्रतिबंधों ने रूस के बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्रों को लक्षित किया, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। इन प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।
आर्थिक प्रतिबंधों की सीमाएँ:
मानवीय संकट उत्पन्न होना: यह प्रतिबंध निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुँचा सकते हैं और लक्षित देश में मानवीय संकट पैदा कर सकते हैं।
लक्षित सरकार के रुख को कठोर करना: यह प्रतिबंध अनुत्पादक हो सकते हैं और इनसे लक्षित सरकार की नीतियों को बदलने की संभावना कम हो सकती है।
उदाहरण के लिये संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिये दबाव डालने हेतु आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया के निर्यात को नुकसान पहुँचा (विशेष रूप से कोयला और लौह अयस्क में), जो देश के लिये राजस्व का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
इन प्रतिबंधों का उत्तर कोरिया के व्यवहार पर सीमित प्रभाव पड़ा और इसने अपने परमाणु कार्यक्रम को विकसित करना जारी रखा।
तृतीय-पक्ष के भागीदारों द्वारा निष्क्रियता दिखाना: इन प्रतिबंधों को तृतीय-पक्ष के भागीदारों द्वारा कम करके आंका जा सकता है जैसे कि कालाबाज़ारी करने वाले व्यापारी या अन्य देश जो प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हों।
आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था में अप्रभावी: यदि लक्षित देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और वह वैकल्पिक बाज़ार और धन के स्रोत खोजने में सक्षम है तो यह प्रतिबंध अप्रभावी हो सकते हैं।
आर्थिक प्रतिबंधों की सफलता या विफलता में योगदान करने वाले कारक:
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन: इन प्रतिबंधों के लिये अंतर्राष्ट्रीय समर्थन एक महत्त्वपूर्ण कारक हो सकता है।
यदि इन प्रतिबंधों को बड़ी संख्या में देशों द्वारा समर्थित किया जाता है तो इनके प्रभावी होने की संभावना अधिक होती है।
आर्थिक मजबूती: लक्षित देश की अर्थव्यवस्था का आकार भी इसका एक कारक हो सकता है।
यदि देश की अर्थव्यवस्था विविध है और वह वैकल्पिक बाज़ार और धन के स्रोत खोजने में सक्षम है तो यह प्रतिबंध कम प्रभावी हो सकते हैं।
विदेश नीति के उद्देश्य की प्रकृति: विदेश नीति के उद्देश्य की प्रकृति भी इसका एक कारक हो सकता है।
यदि यह उद्देश्य प्राप्त करने योग्य और स्पष्ट रूप से परिभाषित है तो इन प्रतिबंधों के सफल होने की अधिक संभावना हो सकती है। हालाँकि यदि यह उद्देश्य बहुत व्यापक या अस्पष्ट है तो यह प्रतिबंध कम प्रभावी हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
आर्थिक प्रतिबंध विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये प्रभावी उपकरण हो सकते हैं लेकिन इनकी सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है। ऐसे मामले देखे गए हैं जहाँ आर्थिक प्रतिबंध सफल और विफल रहे हैं या उनके अनपेक्षित परिणाम हुए हैं।
नीति निर्माताओं को आर्थिक प्रतिबंधों को विदेश नीति के एक उपकरण के रूप में उपयोग करने से पहले उनके लाभों और सीमाओं पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिये और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये वैकल्पिक रणनीतियों का भी पता लगाना चाहिये।