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प्रश्न :
'नैतिक साहस (moral courage)' से आप क्या समझते हैं? एक सिविल सेवक के लिये यह क्यों महत्त्वपूर्ण है? एक ऐसी स्थिति का उदाहरण दीजिये जहाँ आपने नैतिक साहस का परिचय दिया हो। (150 शब्द)
09 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैतिक साहस का संक्षेप में परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- एक सिविल सेवक के लिये नैतिक साहस के महत्त्व पर चर्चा कीजिये और अपने जीवन से संबंधित उदाहरण भी दीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
- नैतिक साहस ऐसी विशेषता है जिससे व्यक्तियों को विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों और सही निर्णय पर टिके रहने की शक्ति मिलती है। सिविल सेवा के संदर्भ में नैतिक साहस से सिविल सेवकों को कठिन और कभी-कभी राजनीतिक रूप से संवेदनशील निर्णय लेने के क्रम में अपने नैतिक और व्यावसायिक मानकों को बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है।
मुख्य भाग:
- नैतिक साहस को समझना:
- नैतिक साहस का आशय विपरीत परिस्थितियों में भी परिणाम की परवाह किये बिना सही कार्य करते रहने की इच्छा है। इसमें दूसरों के दबाव या विरोध के बाजूद अपने नैतिक सिद्धांतों और विश्वासों पर टिके रहना शामिल है।
- इसके लिये व्यक्तियों को चुनौतीपूर्ण स्थितियों में भी अपने मूल्यों, विश्वासों और निर्णयों में विश्वास रखने और उन पर टिके रहने की प्रेरणा मिलती है।
- यह शारीरिक साहस के समान नहीं है। शारीरिक साहस में शारीरिक खतरे का सामना करने की प्रेरणा शामिल होती है जबकि नैतिक साहस में नैतिक चुनौतियों का सामना करना शामिल है।
- इसके लिये आवश्यक है कि व्यक्तियों में सत्यनिष्ठा की मजबूत भावना होने के साथ अन्याय या गलत कार्यों के खिलाफ बोलने की शक्ति हो चाहे इससे उनकी प्रतिष्ठा, करियर या व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति जोखिम हो।
- नैतिक साहस का आशय विपरीत परिस्थितियों में भी परिणाम की परवाह किये बिना सही कार्य करते रहने की इच्छा है। इसमें दूसरों के दबाव या विरोध के बाजूद अपने नैतिक सिद्धांतों और विश्वासों पर टिके रहना शामिल है।
- सिविल सेवकों के लिये नैतिक साहस का महत्त्व:
- उच्च नैतिक मानक: सिविल सेवकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्य में उच्च नैतिक और व्यावसायिक मानकों को बनाए रखें। कठिन निर्णय लेने के क्रम में इन्हें प्रतिस्पर्धी हितों और मूल्यों को संतुलित करने की आवश्यकता होती है।
- ऐसी स्थितियों में सार्वजनिक हित में कार्य करने के लिये लोक सेवकों के लिये नैतिक साहस आवश्यक होता है।
- जनसमूह का प्रभावित होना: नैतिक साहस सिविल सेवकों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि इनके निर्णय, लोगों के जीवन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
- यह उन नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु जिम्मेदार होते हैं जो लोगों के कल्याण को प्रभावित करते हैं। इनका कर्तव्य होता है कि यह जनहित में कार्य करें, भले ही इसका तात्पर्य अपने वरिष्ठ अधिकारियों की इच्छा के विरुद्ध जाना हो।
- सरकार में विश्वास बना रहना: नैतिक साहस का प्रदर्शन करने वाले सिविल सेवकों के कार्यों से सरकार के प्रति जनता के विश्वास को प्रोत्साहन मिलता है। ऐसे सिविल सेवकों को भरोसेमंद और विश्वसनीय रूप में देखा जाता है तथा इनके कार्यों को निष्पक्ष और न्यायपूर्ण माना जाता है।
- सिविल सेवा की अखंडता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिये सिविल सेवकों के लिये नैतिक साहस आवश्यक है।
- उच्च नैतिक मानक: सिविल सेवकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्य में उच्च नैतिक और व्यावसायिक मानकों को बनाए रखें। कठिन निर्णय लेने के क्रम में इन्हें प्रतिस्पर्धी हितों और मूल्यों को संतुलित करने की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष:
अपने कार्य में उच्च नैतिक और व्यावसायिक मानकों को बनाए रखने के लिये सिविल सेवकों में नैतिक साहस होना आवश्यक है। इससे कठिन और कभी-कभी राजनीतिक रूप से संवेदनशील निर्णयों को लेने में सिविल सेवकों को सार्वजनिक हितों को ध्यान में रखने की प्रेरणा मिलती है। नैतिक साहस का प्रदर्शन करने वाले सिविल सेवकों से न केवल सरकार के प्रति लोगों के विश्वास को प्रोत्साहन मिलता है बल्कि इनके कार्यों में सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होती है।
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