उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैतिकता और समाज में इसकी भूमिका को संक्षेप में बताते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- उन विभिन्न तरीकों की चर्चा कीजिये जिससे नैतिकता सामाजिक और मानव कल्याण में योगदान देती है।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
- नैतिकता से सही या गलत, अच्छा या बुरा, न्यायसंगत या अन्यायपूर्ण कार्य का निर्धारण होता है। यह नैतिक मूल्यों से संबंधित अनुशासन है। नैतिकता, सामाजिक और मानव कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मुख्य भाग:
सामाजिक और मानव कल्याण को बढ़ावा देने में नैतिकता का योगदान:
- उत्तरदायित्व की भावना को बढ़ावा मिलना:
- नैतिकता से व्यक्तियों में अपने कार्यों और निर्णयों के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को बढ़ावा मिलता है। जब लोग नैतिक रूप से कार्य करते हैं तो वे दूसरों और पर्यावरण पर अपने कार्यों के परिणामों को ध्यान में रखते हैं।
- उदाहरण के लिये नैतिक मूल्यों का पालन करने वाली कंपनी पर्यावरण, अपने कर्मचारियों या उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचाने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं होगी।
- नैतिक व्यवहार से अधिक जिम्मेदार समाज का विकास होता है जिसमें व्यक्ति अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने के साथ दूसरों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करते हैं।
- विश्वास को बढ़ावा मिलना:
- नैतिक व्यवहार से व्यक्तियों, संगठनों और समाज के बीच विश्वास को बढ़ावा मिलता है। जब व्यक्ति और संगठन नैतिक रूप से कार्य करते हैं तो समाज में इनकी स्वीकार्यता बढ़ती है।
- उदाहरण के लिये नैतिक मूल्यों का पालन करने वाला समाज धोखाधड़ी या अनैतिक प्रथाओं में शामिल नहीं होगा। इनके सदस्यों के बीच विश्वास का भाव होने से अधिक स्थिर और विश्वसनीय समाज का विकास होता है।
- निष्पक्षता और न्याय को बढ़ावा मिलना:
- नैतिकता से समाज में निष्पक्षता और न्याय को बढ़ावा मिलता है। समानता, निष्पक्षता और दूसरों के लिये सम्मान जैसे नैतिक सिद्धांतों से यह सुनिश्चित होता है कि सभी के साथ उचित और न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाए।
- उदाहरण के लिये नैतिक सिद्धांतों का पालन करने वाले समाज में व्यक्तियों के साथ लिंग, जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं होता है। इससे एक ऐसे समतामूलक समाज का विकास होता है जिसमें सभी को समान अवसर मिलते हैं।
- व्यक्तिगत कल्याण में योगदान:
- नैतिकता से व्यक्तिगत कल्याण को बढ़ावा मिलता है। जब व्यक्ति नैतिक रूप से कार्य करते हैं तो वे अपने और अपने कार्यों के बारे में अच्छा महसूस करते हैं।
- नैतिक व्यवहार से दूसरों के साथ सकारात्मक संबंधों को भी बढ़ावा मिलता है जिससे सामाजिक कल्याण को बढ़ावा मिलता है।
- उदाहरण के लिये ऐसे व्यक्ति जो दूसरों की मदद करने के लिये अपना समय और संसाधन खर्च करते हैं उन्हें संतुष्टि की भावना होने के साथ समाज के समग्र कल्याण में योगदान मिलता है।
- सतत् विकास को बढ़ावा मिलना:
- नैतिकता से सतत् विकास को बढ़ावा मिलता है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों से समझौता किये बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा किया जाए।
- उत्तरदायित्व और अंतर-पीढ़ीगत समानता जैसे नैतिक सिद्धांतों से यह सुनिश्चित होता है कि संसाधनों का उपयोग स्थायी और जिम्मेदार तरीके से किया जाए।
- उदाहरण के लिये नैतिक मूल्यों का पालन करने वाली कंपनी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होगी जो पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुँचाने के साथ भविष्य की पीढ़ियों का शोषण करती हों।
निष्कर्ष:
नैतिकता, सामाजिक और मानव कल्याण में योगदान देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। व्यवसाय, चिकित्सा, कानून और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में नैतिक व्यवहार के उदाहरण मिल सकते हैं। नैतिक सिद्धांतों का पालन करके व्यक्ति और संगठन अधिक न्यायपूर्ण, टिकाऊ और समृद्ध समाज के विकास में योगदान कर सकते हैं।