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प्रश्न :
भावनात्मक बुद्धिमत्ता से आप क्या समझते हैं? यह आपके अंतर-वैयक्तिक कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हेतु किस प्रकार सहायक हो सकती है? अपने स्वयं के जीवन या किसी सार्वजनिक व्यक्तित्व से संबंधित उदाहरण दीजिये। (150 शब्द)
02 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता को संक्षेप में बताते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- चर्चा कीजिये कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता, अंतर-वैयक्तिक कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हेतु किस प्रकार सहायक हो सकती है।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
भावनात्मक बुद्धिमत्ता ऐसा कौशल है जो व्यक्तियों को अपनी भावनाओं के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं को पहचानने, समझने और प्रबंधित करने में सक्षम बनाता है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता की अवधारणा को पहली बार वर्ष 1990 में मनोवैज्ञानिक पीटर सलोवी और जॉन मेयर द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिन्होंने इसे "स्वयं और दूसरों की भावनाओं को पहचानने, समझने और नियंत्रित करने की क्षमता" के रूप में परिभाषित किया था। डैनियल गोलेमैन ने बाद में अपनी पुस्तक "इमोशनल इंटेलिजेंस: व्हाई इट कैन मैटर मोर दैन आईक्यू" में इस अवधारणा को लोकप्रिय बनाया था।
मुख्य भाग:
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता के चार प्रमुख घटक निम्न हैं:
- आत्म-जागरूकता: अपनी भावनाओं, शक्तियों और कमजोरियों को पहचानने और समझने की क्षमता।
- आत्म-विनियमन: अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहारों को प्रबंधित और नियंत्रित करने की क्षमता।
- सामाजिक जागरूकता: दूसरों की भावनाओं को पहचानने एवं समझने और उनके साथ सहानुभूति रखने की क्षमता।
- संबंध प्रबंधन: प्रभावी ढंग से संवाद करने, संघर्षों को सुलझाने और दूसरों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने की क्षमता।
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता अंतर-वैयक्तिक कौशल और निर्णय प्रक्रिया में सुधार करने में मदद करती है।
- जब व्यक्तियों के पास उच्च स्तर की भावनात्मक समझ होती है तो वे अपनी भावनाओं के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं को समझने और प्रबंधित करने के लिये बेहतर ढंग से सक्षम होते हैं। यह इन्हें अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करने, सकारात्मक संबंध बनाने और इस तरह के ठोस निर्णय लेने में सहायक होती है:
- प्रभावी संचार: भावनात्मक बुद्धिमत्ता व्यक्तियों को अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से समझने और व्यक्त करने में सक्षम बनाकर प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद करती है। इससे उन्हें दूसरों के साथ तालमेल बनाने, संघर्षों को सुलझाने और सहयोग से काम करने में मदद मिलती है।
- उदाहरण के लिये ओपरा विनफ्रे (मीडिया क्षेत्र की प्रसिद्ध व्यक्तित्व) को इनकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता के लिये जाना जाता है। वह प्रामाणिक, सहानुभूतिपूर्ण और भरोसेमंद होने के कारण अपने दर्शकों के बीच लोकप्रिय होने में सक्षम रही हैं।
- अपनी भावनाओं को समझने और व्यक्त करने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक निष्ठावान और सफल मीडियाकर्मी बनने में मदद की है।
- उदाहरण के लिये ओपरा विनफ्रे (मीडिया क्षेत्र की प्रसिद्ध व्यक्तित्व) को इनकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता के लिये जाना जाता है। वह प्रामाणिक, सहानुभूतिपूर्ण और भरोसेमंद होने के कारण अपने दर्शकों के बीच लोकप्रिय होने में सक्षम रही हैं।
- संघर्ष समाधान: भावनात्मक बुद्धिमत्ता व्यक्तियों को कठिन परिस्थितियों में भावनाओं को समझने और प्रबंधित करने में सक्षम बनाकर संघर्षों को प्रभावी ढंग से हल करने में भी मदद करती है। यह उन्हें शांत और वस्तुनिष्ठ रहने, दूसरों के दृष्टिकोण को सुनने और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने में सहायता देती है।
- उदाहरण के लिये दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने अपने नेतृत्व के दौरान उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन किया था।
- वह अपने पूर्व उत्पीड़कों की तुलना में अपनी और दूसरों की भावनाओं को प्रबंधित करने के द्वारा लोकतंत्र में शांतिपूर्ण परिवर्तन लाने में सक्षम रहे थे।
- उदाहरण के लिये दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने अपने नेतृत्व के दौरान उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन किया था।
- निर्णय लेना: भावनात्मक बुद्धिमत्ता निर्णय लेने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब व्यक्तियों के पास उच्च स्तर की भावनात्मक बुद्धि होती है तो वे निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने और प्रबंधित करने में सक्षम होते हैं। यह उन्हें अधिक सूचित, तर्कसंगत निर्णय लेने में सहायक होती है।
- उदाहरण के लिये, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने अपने नेतृत्व में उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन किया है। वह सहानुभूति, समझ और सहयोग पर आधारित रणनीतिक निर्णय के माध्यम से कंपनी का कायापलट करने में सक्षम रहे हैं।
- प्रभावी संचार: भावनात्मक बुद्धिमत्ता व्यक्तियों को अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से समझने और व्यक्त करने में सक्षम बनाकर प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद करती है। इससे उन्हें दूसरों के साथ तालमेल बनाने, संघर्षों को सुलझाने और सहयोग से काम करने में मदद मिलती है।
- जब व्यक्तियों के पास उच्च स्तर की भावनात्मक समझ होती है तो वे अपनी भावनाओं के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं को समझने और प्रबंधित करने के लिये बेहतर ढंग से सक्षम होते हैं। यह इन्हें अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करने, सकारात्मक संबंध बनाने और इस तरह के ठोस निर्णय लेने में सहायक होती है:
निष्कर्ष:
भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रभावी संचार, संघर्ष समाधान और निर्णय निर्धारण में प्रभावी है। इन कौशलों को विकसित करके व्यक्ति अपने पारस्परिक संबंधों में सुधार कर सकते हैं, दूसरों के साथ मिलकर कार्य कर सकते हैं और सूचित तथा तर्कसंगत निर्णय ले सकते हैं।
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