1. किसी समाज की महानता का सही प्रतिमान, उस समाज के सबसे कमज़ोर लोगों के साथ होने वाला व्यवहार है।
2. जीवन का उद्देश्य केवल स्वार्थपूर्ति नहीं है, बल्कि अपनी क्षमताओं को पूर्ण करना और समाज की बेहतरी में योगदान देना है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।