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प्रश्न :
सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीण भारत के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ कौन सी हैं और वाइब्रेंट विलेज पहल इन चुनौतियों का समाधान करने में कैसे सहायक हो सकती है? चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
21 Feb, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- वाइब्रेंट विलेज पहल के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- बताइये कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीण भारत के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ कौन सी हैं और वाइब्रेंट विलेज पहल इन चुनौतियों का समाधान करने में कैसे सहायक हो सकती है।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
- ग्रामीण भारत में देश की दो-तिहाई से अधिक आबादी रहती है और भारत के आर्थिक तथा सामाजिक विकास में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। हालाँकि सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में अद्वितीय चुनौतियाँ हैं जो इनकी विकास क्षमता को सीमित करती हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों से निकटता के कारण ये विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील हो गए हैं।
- वाइब्रेंट विलेज पहल सामुदायिक विकास का स्थायी मॉडल बनाकर ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है।
मुख्य भाग:
- सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीण भारत के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ:
- सीमित बुनियादी ढाँचा: सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण लोगों को गंभीर बुनियादी ढाँचे की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि सड़क, परिवहन, बिजली और जल की आपूर्ति तक सीमित पहुँच। बुनियादी ढाँचे की कमी ग्रामीण समुदायों की विकास क्षमता में बाधा डालती है जिससे बाज़ार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उनकी पहुँच सीमित हो जाती है।
- बुनियादी सुविधाओं तक अपर्याप्त पहुँच: स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता सुविधाओं और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच के अभाव से ग्रामीण समुदायों का स्वास्थ्य और विकास प्रभावित होता है। यह मुद्दा विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में जटिल है जहाँ समुदाय अलग-थलग हैं और बुनियादी सेवाओं तक उनकी पहुँच नहीं है।
- निम्न स्वास्थ्य सुविधाएँ: सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुँच होती है जिससे इनके स्वास्थ्य संबंधी खराब परिणाम सामने आते हैं। स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ चिकित्सा से संबंधित बुनियादी ढाँचे की कमी के कारण यह समस्या और जटिल हो जाती है।
- कम साक्षरता दर: सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण लोगों में साक्षरता दर कम है जो शिक्षा और नौकरी के अवसरों तक उनकी पहुँच को सीमित करती है। यह समस्या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बुनियादी ढाँचे और योग्य शिक्षकों की कमी से और जटिल हो जाती है।
- आर्थिक अस्थिरता: सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीण समुदायों की बाज़ारों और नौकरी के अवसरों तक सीमित पहुँच होने के कारण इन्हें आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। बुनियादी ढाँचे के अभाव, खराब कनेक्टिविटी और वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुँच के कारण यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।
- इन चुनौतियों का समाधान करने में वाइब्रेंट विलेज पहल की भूमिका:
- ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना: वाइब्रेंट विलेज पहल ग्रामीण समुदायों को उनकी स्वयं की विकास आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिये आवश्यक संसाधन और कौशल प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाती है।
- यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि विकास पहल समुदाय संचालित, टिकाऊ और स्थानीय जरूरतों के प्रति उत्तरदायी है।
- आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करना: वाइब्रेंट विलेज पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये सड़क, परिवहन, बिजली एवं जल की आपूर्ति जैसे आवश्यक बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है।
- यह दृष्टिकोण ग्रामीण भारत में बुनियादी ढाँचे की कमी को दूर करने पर केंद्रित है जिससे यह समुदायों को बाज़ारों, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँचने में सक्षम बनाता है।
- सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: वाइब्रेंट विलेज पहल वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्रदान करके, नौकरी के अवसर सृजित करके और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।
- यह दृष्टिकोण ग्रामीण समुदायों को देश के आर्थिक विकास में भाग लेने और उनकी आर्थिक स्थिरता में सुधार करने में सक्षम बनाता है।
- हेल्थकेयर सुविधाओं में सुधार करना: वाइब्रेंट विलेज पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक चिकित्सा अवसंरचना का निर्माण करके, स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या में वृद्धि करके और निवारक स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को बढ़ावा देकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना है।
- यह दृष्टिकोण ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य देखभाल की कमी को दूर करने, स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने और लोगों के कल्याण करने पर केंद्रित है।
- ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना: वाइब्रेंट विलेज पहल ग्रामीण समुदायों को उनकी स्वयं की विकास आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिये आवश्यक संसाधन और कौशल प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाती है।
निष्कर्ष:
सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीण भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो उनकी विकास क्षमता को सीमित करती हैं। हालाँकि वाइब्रेंट विलेज पहल ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने, आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करके इन चुनौतियों का समाधान करने के लिये एक आशाजनक दृष्टिकोण प्रदान करती है। इन चुनौतियों का समाधान करके वाइब्रेंट विलेज पहल में सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने, उनकी आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने और देश के समग्र विकास में योगदान करने की क्षमता है।
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