- फ़िल्टर करें :
- सैद्धांतिक प्रश्न
- केस स्टडीज़
-
प्रश्न :
आप ग्रामीण विकास मंत्रालय में एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं। मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे रोज़गार गारंटी, आवास और स्वच्छता कार्यक्रमों को लागू करने के लिए ज़िम्मेदार है। ग्रामीण नागरिकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आपके व्यक्तिगत मूल्यों और विश्वासों को मंत्रालय के उद्देश्य से जोड़ा गया है।
आपका एक करीबी दोस्त, तरुण, जो एक सफल व्यवसायी है, आपके पास एक संयुक्त उद्यम शुरू करने का प्रस्ताव लेकर आता है। तरुण एक ग्रामीण स्वच्छता परियोजना के लिए बोली लगाना चाहता है जिसकी निविदा वर्तमान में मंत्रालय द्वारा दी जा रही है। इस परियोजना में ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण शामिल है और यह ग्रामीण भारत में स्वच्छता सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार के बड़े मिशन का हिस्सा है।
इस स्थिति में आप क्या करेंगे?
10 Feb, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
- इस मामले की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- मामले में शामिल विभिन्न हितधारकों और नैतिक मुद्दों तथा दुविधाओं के बारे में चर्चा कीजिये।
- वरिष्ठ सिविल सेवक के सामने उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय
इस मामले में ग्रामीण विकास मंत्रालय में एक वरिष्ठ सिविल सेवक के समक्ष उत्पन्न नैतिक दुविधा शामिल है। दुविधा में एक करीबी दोस्त, तरुण का एक प्रस्ताव शामिल है, जो मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत की जा रही एक ग्रामीण स्वच्छता परियोजना के लिये बोली लगाना चाहता है। वरिष्ठ सिविल सेवक को ग्रामीण नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये मंत्रालय के उद्देश्य के अनुरूप अपने मूल्यों और विश्वासों के आधार पर निर्णय लेना है।
मुख्य भाग
शामिल हितधारक:
- तरुण, व्यवसायी।
- वरिष्ठ सिविल सेवक।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- योजना से लाभान्वित होने वाले ग्रामीण नागरिक।
- परियोजना के लिये अन्य बोलीदाताओं।
- बड़े पैमाने पर समाज।
शामिल नैतिक मुद्दे:
- हितों का टकराव: प्रस्ताव एक करीबी मित्र की ओर से है, जो हितों के संभावित टकराव को पैदा करता है।
- लोक कल्याण की ज़िम्मेदारी: वरिष्ठ सिविल सेवक ग्रामीण क्षेत्रों हेतु कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये ज़िम्मेदार है और जन कल्याण को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिये।
- पारदर्शिता और निष्पक्षता: परियोजना के लिये निष्पक्ष बोली सुनिश्चित करने के लिये पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से निर्णय लिया जाना चाहिये।
शामिल नैतिक दुविधाएँ:
- व्यक्तिगत संबंध बनाम पेशेवर ज़िम्मेदारी: लोक कल्याण सुनिश्चित करने के लिये वरिष्ठ सिविल सेवक को तरुण के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों और पेशेवर ज़िम्मेदारी को संतुलित करना चाहिये।
- सत्यनिष्ठा बनाम समझौता: वरिष्ठ सिविल सेवक को यह तय करना चाहिये कि क्या वह अपने मित्र से प्रस्ताव स्वीकार करके अपनी सत्यनिष्ठा से समझौता करने को तैयार है या वह निष्पक्ष रहेगा तथा योग्यता के आधार पर निर्णय लेगा।
उपलब्ध विकल्प:
तरुण के प्रस्ताव को अस्वीकार करें: वरिष्ठ सिविल सेवक किसी भी संभावित हितों के टकराव से बचने के लिये तरुण के संयुक्त उद्यम के प्रस्ताव को अस्वीकार कर सकता है, क्योंकि ऐसा लग सकता है कि वरिष्ठ सिविल सेवक अपने कार्यालय का उपयोग अपने मित्र को लाभ पहुँचाने के लिये कर रहा है।
गुण:
- हितों के संभावित टकराव से बचा जाता है।
- वरिष्ठ सिविल सेवक की अखंडता को बनाए रखता है।
- बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
दोष:
तरुण से निजी संबंध खराब हो सकते हैं।
अच्छे अवसर का नुकसान हो सकता है, जो ग्रामीण क्षेत्र में प्रभाव पैदा कर सकता था।
तरुण के प्रस्ताव को स्वीकार करें: वरिष्ठ सिविल सेवक तरुण के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे सकता है यदि वह मानता है कि तरुण ग्रामीण नागरिकों को सर्वोत्तम सेवाएँ प्रदान करेगा।
गुण:
- यदि तरुण का प्रस्ताव सर्वोत्तम है तो ग्रामीण नागरिकों को बेहतर सेवाएँ मिल सकती हैं।
- तरुण से निजी संबंध बनाए रखा जा सकता है।
दोष:
- हितों का संभावित टकराव पैदा करता है।
- बोली प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठा सकता है।
- वरिष्ठ सिविल सेवक की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है।
बोली प्रक्रिया से खुद को अलग करना: वरिष्ठ सिविल सेवक किसी भी तरह की अनौचित्य से बचने के लिये खुद को बोली प्रक्रिया से अलग कर सकता है।
गुण:
- किसी भी प्रकार की अनौचित्यपूर्ण उपस्थिति से बचा जाता है।
- बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
दोष:
- इस निर्णय से यह संभावना है कि वरिष्ठ सिविल सेवक को लोक कल्याण के पक्ष में निर्णय लेने का अवसर न मिले।
- यह संभावित है कि ग्रामीण नागरिकों के लिये सर्वोत्तम परिणाम प्रदान न करे।
- समस्या से भागना कोई समाधान नहीं है, यह सिविल सेवक के निर्णय लेने के कौशल को बाधित करेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों से परामर्श करें: वरिष्ठ सिविल सेवक प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये अपने वरिष्ठ अधिकारियों से परामर्श कर सकते हैं।
इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि वह मंत्रालय की आचार संहिता का पालन कर रहा है और हितों के संभावित टकराव से बच रहा है।
गुण:
- बोली प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
- योग्यता और ग्रामीण नागरिकों पर संभावित प्रभाव के आधार पर निर्णय प्रदान करता है।
दोष:
- लंबी प्रक्रिया हो सकती है।
- वरिष्ठ सिविल सेवक के व्यक्तिगत मूल्यों और विश्वासों के अनुरूप समाधान प्रदान नहीं कर सकता है।
कार्रवाई की क्रियाविधि :
- मैं एक सिविल सेवक के रूप में मैं चौथा विकल्प चुनूँगा अर्थात्, वरिष्ठ के साथ स्थिति के संबंध में परामर्श करूँगा, सबसे पहले मैं उन्हें स्थिति समझाऊंगा और अपने मित्र तरुण के प्रस्ताव और संभावित हितों के टकराव के बारे में विवरण प्रदान करूँगा।
- इसके अलावा, उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी देकर, मैं मंत्रालय की आचार संहिता में निर्धारित बोली प्रक्रिया के साथ बिना किसी डर या पक्ष के परियोजना की पारदर्शिता तथा अखंडता को बनाए रखते हुए आगे बढूँगा।
- अंत में, उस निर्णय को लागू करूँगा जो मंत्रालय के मूल्यों और विश्वासों तथा ग्रामीण नागरिकों के सर्वोत्तम हित के अनुरूप हो। यह सुनिश्चित करने के लिये परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करूँगा कि यह वांछित परिणामों को पूरा कर रहा है अथवा नहीं।
निष्कर्ष
वरिष्ठ सिविल सेवक को एक ऐसा निर्णय लेना चाहिये जो उनके मूल्यों और विश्वासों के अनुरूप हो, यह सुनिश्चित करते हुए कि निर्णय पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लिया जाता है। इस स्थिति में, कार्रवाई का सबसे अच्छा तरीका वरिष्ठ सदस्यों से मामले पर परामर्श करना और परिदृश्य की व्याख्या करना होगा, ताकि हितों के संभावित टकराव से बचा जा सके और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। इस तरह, वरिष्ठ सिविल सेवक यह सुनिश्चित कर सकता है कि परियोजना सर्वश्रेष्ठ बोली लगाने वाले को दी जाए, ग्रामीण नागरिकों को सर्वोत्तम सेवाएँ प्रदान की जाए तथा उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जाए।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print