1. खुशी कोई पूर्व निर्धारित अवस्था नहीं है। यह तो आपके स्वयं के कार्यों और विचारों से निर्धारित होती है।2. जीवन की सबसे बड़ी प्रतिष्ठा (शान) कभी न गिरने में नहीं, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।