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प्रश्न :
ऐसे पाँच नैतिक सिद्धांतों की पहचान कीजिये जिनके आधार पर किसी सिविल सेवक के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा सकता है और उन्हें नैतिक प्रतिमानों (मैट्रिक्स) में शामिल करने का औचित्य सिद्ध कीजिये। (150 शब्द)
19 Jan, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सिविल सेवकों के लिये महत्त्वपूर्ण नैतिक गुणों का संक्षेप में परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- सिविल सेवकों हेतु निर्धारित नैतिक प्रतिमानों (मैट्रिक्स) में इन नैतिक मूल्यों को शामिल करने का औचित्य बताइये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
- नैतिकता व्यक्तियों के व्यवहार और निर्णय लेने के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है( विशेष रूप से शक्ति और उत्तरदायित्व जैसे सिविल सेवकों के पदों पर)। नैतिक गुणों के मैट्रिक्स (प्रतिमानों) का उपयोग सिविल सेवकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिये एक उपकरण के रूप में किया जा सकता है और इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वे नैतिक सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं।
मुख्य भाग:
- सिविल सेवकों के लिये पाँच प्रमुख वांछनीय नैतिक प्रतिमान:
- सत्यनिष्ठा: सत्यनिष्ठा को नैतिक सिद्धांतों के प्रतिमानों के रूप में परिभाषित किया गया है। सत्यनिष्ठ लोक सेवक अपने व्यवहार में ईमानदार होते हैं तथा’ सत्य और न्याय की खोज के लिये आजीवन प्रतिबद्ध होते हैं।
- लोगों के बीच विश्वास बढ़ाने और सिविल सेवा की अखंडता को बनाए रखने के लिये यह विशेषता महत्त्वपूर्ण है।
- जवाबदेहिता और पारदर्शिता: सिविल सेवकों को अपने कार्यों के लिये जवाबदेह और निर्णय लेने में पारदर्शी होना चाहिये। यह विशेषता सिविल सेवा के प्रति लोगों के बीच विश्वास को बढ़ाने एवं अनैतिक आचरण को रोकने में सहायक है।
- निष्पक्षता और गैर-पक्षपात: सिविल सेवकों को निष्पक्षता और बिना पक्षपात के कार्य करना चाहिये। यह गुण सुनिश्चित करता है कि सिविल सेवा राजनीतिक या व्यक्तिगत विचारों से प्रभावित नहीं है और लोगों के सर्वोत्तम हितों के प्रति उन्मुख है।
- लोक सेवा के प्रति समर्पण: सिविल सेवकों को लोगों के सर्वोत्तम हितों की सेवा के लिये समर्पित होना चाहिये। यह विशेषता लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के साथ यह सुनिश्चित करती है कि सिविल सेवा लोगों की आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी है।
- कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा: सिविल सेवकों को सभी व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा के साथ व्यवहार करना चाहिये (विशेष रूप से जो हाशिए पर हैं या कमजोर हैं)।
- यह विशेषता सिविल सेवा में समावेशिता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है तथा यह सुनिश्चित करती है कि समुदाय के सभी सदस्यों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए।
- सत्यनिष्ठा: सत्यनिष्ठा को नैतिक सिद्धांतों के प्रतिमानों के रूप में परिभाषित किया गया है। सत्यनिष्ठ लोक सेवक अपने व्यवहार में ईमानदार होते हैं तथा’ सत्य और न्याय की खोज के लिये आजीवन प्रतिबद्ध होते हैं।
- इन मूल्यों को नैतिक प्रतिमानों में शामिल करने का औचित्य:
- नैतिक प्रतिमानों में इन मूल्यों को शामिल करने से सिविल सेवकों के प्रदर्शन के मूल्यांकन में मदद मिल सकती है क्योंकि इससे यह यह निर्धारित करने के लिये एक ढाँचा प्राप्त होगा कि वे इन सिद्धांतों का कितनी अच्छी तरह पालन कर रहे हैं।
- यह उन क्षेत्रों की पहचान करने में भी सहायक हो सकते हैं जहाँ लोक सेवक को अपने नैतिक व्यवहार में सुधार करने के लिये आवश्यक प्रयास करने की आवश्यकता हो सकती है।
- इसके अलावा इन नैतिक प्रतिमानों का उपयोग सिविल सेवकों को प्रशिक्षण देने के लिये एक उपकरण के रूप में किया जा सकता है, जिससे उन्हें नैतिक व्यवहार के महत्त्व को समझने और इन सिद्धांतों को अपने व्यवहार में उतारने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष:
नैतिक प्रतिमानों में उपर्युक्त मूल्यों को शामिल करने से सिविल सेवकों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के साथ यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि सिविल सेवा नैतिक और जिम्मेदार तरीके से संचालित हो रही है। यह प्रतिमान सिविल सेवकों को नैतिक व्यवहार के महत्त्व को समझने और इन सिद्धांतों को अपने व्यवहार में लागू करने में सहायक हो सकते हैं।
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