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प्रश्न :
'सही', 'गलत', 'प्रेम' और 'करुणा' जैसे प्रमुख नैतिक शब्दों का क्या अर्थ है? ये शब्द नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों की हमारी समझ से कैसे संबंधित हैं? (150 शब्द)
19 Jan, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- प्रश्न में पूछे गए नैतिक शब्दों के अर्थ पर चर्चा करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- चर्चा कीजिये कि ये शब्द नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों की आपकी समझ से कैसे संबंधित हैं।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
नैतिकता दर्शन की एक ऐसी शाखा है जो नैतिकता के प्रश्नों या मानव आचरण में सही और गलत के निर्धारण से संबंधित है। 'सही', 'गलत', 'प्रेम' और 'करुणा' जैसे प्रमुख नैतिक शब्दों के अर्थ नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों की हमारी समझ के केंद्र में हैं और ये हमारे व्यवहार एवं निर्णय में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य भाग:
- प्रमुख नैतिक शब्दों का अर्थ:
- सही (उचित):
- यह उन कार्यों या व्यवहारों को संदर्भित करता है जिन्हें नैतिक रूप से स्वीकार्य या अच्छा माना जाता है। इसका अक्सर 'गलत' के विपरीत प्रयोग किया जाता है जो उन कार्यों या व्यवहारों को संदर्भित करता है जिन्हें नैतिक रूप से अस्वीकार्य या बुरा माना जाता है।
- उदाहरण के लिये आमतौर पर दूसरों की ज़रूरत में मदद करना 'सही' माना जाता है जबकि दूसरों को नुकसान पहुँचाना 'गलत' माना जाता है।
- यह उन कार्यों या व्यवहारों को संदर्भित करता है जिन्हें नैतिक रूप से स्वीकार्य या अच्छा माना जाता है। इसका अक्सर 'गलत' के विपरीत प्रयोग किया जाता है जो उन कार्यों या व्यवहारों को संदर्भित करता है जिन्हें नैतिक रूप से अस्वीकार्य या बुरा माना जाता है।
- प्रेम:
- यह एक ऐसी भावना है जो अक्सर सकारात्मक भावनाओं और रिश्तों से जुड़ी होती है। इसका अक्सर नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों के बारे में चर्चा में प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसे दूसरों के साथ करुणा और सम्मान के साथ व्यवहार करने के एक महत्त्वपूर्ण पहलू के रूप में देखा जाता है।
- प्रेम को रिश्ते का एक सकारात्मक पहलू माना जा सकता है चाहे वह परिवार, दोस्तों या किसी अन्य रिश्ते के बीच हो।
- करुणा:
- यह मूल्य दूसरों की देखभाल और सहानुभूति की भावना को संदर्भित करता है। इसका उपयोग अक्सर नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों के बारे में चर्चा में किया जाता है क्योंकि इसे दूसरों के साथ दया एवं समझ के साथ व्यवहार करने के एक महत्त्वपूर्ण पहलू के रूप में देखा जाता है। करुणा दूसरों की भावनाओं को समझने और साझा करने की क्षमता है।
- सही (उचित):
- नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों से संबंध:
- हमारे मूल्यांकन में सहायक: 'सही', 'गलत', 'प्रेम' और 'करुणा' की अवधारणाएँ नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों की हमारी समझ से निकटता से संबंधित हैं। ये मूल्य हमें अपने कार्यों और व्यवहारों का मूल्यांकन करने और नैतिक रूप से सही या गलत के बारे में निर्णय लेने में मदद करते हैं।
- निर्णय लेने में सहायक: नैतिकता के संदर्भ में 'सही' और 'गलत' की अवधारणा हमारे व्यवहार और निर्णय लेने को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- इनसे निर्धारित होता है कि क्या नैतिक रूप से स्वीकार्य है और क्या नहीं। इसी तरह, 'प्रेम' और 'करुणा' नैतिकता के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं क्योंकि ये सकारात्मक संबंधों और दूसरों की भलाई को बढ़ावा देते हैं।
- नैतिक दुविधाओं को हल करने में सहायक: नैतिक सिद्धांतों के संदर्भ में ये अवधारणाएँ भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। दूसरों के प्रति सम्मान, निष्पक्षता और करुणा जैसे नैतिक सिद्धांत 'सही', 'गलत', 'प्रेम' और 'करुणा' की अवधारणाओं से निकटता से संबंधित हैं। ये सिद्धांत हमारे व्यवहार और निर्णय लेने का मार्गदर्शन करते हैं और नैतिक दुविधाओं को दूर करने में हमारी मदद करते हैं।
निष्कर्ष:
'सही', 'गलत', 'प्रेम' और 'करुणा' की अवधारणाएँ ऐसे प्रमुख नैतिक शब्द हैं जो नैतिकता और नैतिक सिद्धांतों की हमारी समझ से निकटता से संबंधित हैं। ये मूल्य हमें अपने कार्यों और व्यवहारों का मूल्यांकन करने एवं नैतिक रूप से सही या गलत के बारे में निर्णय लेने में मदद करते हैं। ये हमारे व्यवहार और निर्णय को आकार देने एवं सकारात्मक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ दूसरों की भलाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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