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प्रश्न :
वर्तमान परिदृश्य में आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण कीजिये। (250 शब्द)
18 Jan, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षाउत्तर :
दृष्टिकोण:
- भारत में आंतरिक सुरक्षा के वर्तमान परिदृश्य का वर्णन करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- विद्यमान चुनौतियों और इन चुनौतियों का समाधान करने के लिये सरकार द्वारा किये गए उपायों पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
आंतरिक सुरक्षा किसी भी देश के लिये महत्त्वपूर्ण मुद्दा होता है और भारत इसका अपवाद नहीं है। हाल के वर्षों में भारत ने आतंकवाद, साइबर अपराध और उग्रवाद के आलोक में आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में कई चुनौतियों का सामना किया है।
मुख्य भाग:
- भारत के समक्ष आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ:
- आतंकवाद:
- आतंकवाद भारत के लिये प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है क्योंकि हाल के वर्षों में कई आतंकवादी हमलों को देखा गया है। इन हमलों को अलगाववादी समूहों और धार्मिक चरमपंथियों सहित विभिन्न समूहों द्वारा अंजाम दिया जाता है।
- इन हमलों में सबसे उल्लेखनीय वर्ष 2008 का मुंबई हमला है जिसमें कुछ आतंकवादियों ने शहर के विभिन्न स्थानों को निशाना बनाया था।
- आतंकवाद भारत के लिये प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है क्योंकि हाल के वर्षों में कई आतंकवादी हमलों को देखा गया है। इन हमलों को अलगाववादी समूहों और धार्मिक चरमपंथियों सहित विभिन्न समूहों द्वारा अंजाम दिया जाता है।
- साइबर अपराध:
- साइबर अपराध भारत के लिये एक अन्य प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है क्योंकि भारत हाल के वर्षों में साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील होता जा रहा है। इन हमलों को हैकर्स, साइबर अपराधियों और राज्य-प्रायोजित समूहों सहित विभिन्न प्रकार के अभिकर्ताओं द्वारा अंजाम दिया जाता है।
- इन हमलों में सबसे उल्लेखनीय वर्ष 2017 का वानाक्राई रैंसमवेयर हमला है, जिसमें मैलवेयर से कंप्यूटर प्रभावित हुए थे।
- साइबर अपराध भारत के लिये एक अन्य प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है क्योंकि भारत हाल के वर्षों में साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील होता जा रहा है। इन हमलों को हैकर्स, साइबर अपराधियों और राज्य-प्रायोजित समूहों सहित विभिन्न प्रकार के अभिकर्ताओं द्वारा अंजाम दिया जाता है।
- उग्रवाद:
- उग्रवाद भारत के लिये एक प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है क्योंकि हाल के वर्षों में यहाँ कई अलगाववादी आंदोलनों को देखा गया है। इन आंदोलनों को जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित विभिन्न समूहों द्वारा प्रायोजित किया जाता है।
- इन आंदोलनों में सबसे उल्लेखनीय नक्सली विद्रोह है, जो 1960 के दशक से देश में सक्रिय है।
- उग्रवाद भारत के लिये एक प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है क्योंकि हाल के वर्षों में यहाँ कई अलगाववादी आंदोलनों को देखा गया है। इन आंदोलनों को जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित विभिन्न समूहों द्वारा प्रायोजित किया जाता है।
- सीमा सुरक्षा:
- भारत की कई पड़ोसी देशों के साथ संवेदनशील सीमा है, जिसका इस्तेमाल देश में हथियारों, अवैध ड्रग्स और अन्य वर्जित वस्तुओं की तस्करी के लिये किया जा सकता है।
- गैरकानूनी प्रवासन:
- भारत में पड़ोसी देशों से बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासी भी आते हैं, जिससे सुरक्षा के लिये खतरा होने के साथ देश के संसाधनों पर दबाव पड़ता है।
- आतंकवाद:
- इन चुनौतियों से निपटने के लिये सरकार द्वारा किये गए उपाय:
- आतंकवाद का मुकाबला:
- वर्ष 2011 में नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर (NCTC) की स्थापना की गई थी। यह आतंकवाद से निपटने के लिये विभिन्न सरकारी एजेंसियों के प्रयासों के समन्वय के लिये जिम्मेदार है और इसे आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने की देश की क्षमता में सुधार करने का श्रेय दिया जाता है।
- साइबर क्राइम से निपटना:
- वर्ष 2004 में भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) की स्थापना गई थी। CERT-In साइबर अपराध से निपटने के लिये विभिन्न सरकारी एजेंसियों के प्रयासों के समन्वय के लिये जिम्मेदार है और इसे साइबर हमलों का मुकाबला करने की देश की क्षमता में सुधार करने का श्रेय दिया जाता है।
- उग्रवाद:
- अलगाववादी समूहों के खतरे को दूर करने के लिये भारत सरकार ने सैन्य बल के उपयोग सहित कई उपाय किये हैं। सरकार ने सूचना एकत्र करने और हमलों को रोकने के लिये एक मजबूत खुफिया नेटवर्क भी स्थापित किया है।
- सरकार ने गरीबी और बेरोजगारी को कम करने के उद्देश्य से उत्तर-पूर्व में विभिन्न विकास पहल भी शुरू की हैं जिन्हें अक्सर इस क्षेत्र में विद्रोह के मूल कारणों के रूप में उद्धृत किया जाता है।
- अलगाववादी समूहों के खतरे को दूर करने के लिये भारत सरकार ने सैन्य बल के उपयोग सहित कई उपाय किये हैं। सरकार ने सूचना एकत्र करने और हमलों को रोकने के लिये एक मजबूत खुफिया नेटवर्क भी स्थापित किया है।
- वामपंथी उग्रवाद से निपटना:
- सरकार ने वामपंथी उग्रवाद की समस्या से निपटने के लिये सुरक्षा-उन्मुख दृष्टिकोण, विकास-उन्मुख दृष्टिकोण और अधिकार-आधारित दृष्टिकोण शुरू करके एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है।
- सरकार ने वामपंथी उग्रवाद की समस्या से निपटने में शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय में सुधार के लिये एक विशेष टास्क फोर्स का भी गठन किया है।
- सरकार ने वामपंथी उग्रवाद की समस्या से निपटने के लिये सुरक्षा-उन्मुख दृष्टिकोण, विकास-उन्मुख दृष्टिकोण और अधिकार-आधारित दृष्टिकोण शुरू करके एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है।
- आतंकवाद का मुकाबला:
निष्कर्ष:
- देश में आंतरिक सुरक्षा में सुधार के लिये अधिक व्यापक और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता है जैसे:
- आतंकवादियों की घुसपैठ तथा अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिये सीमा सुरक्षा को मजबूत करना चाहिये।
- आतंकवादी हमलों का पता लगाने एवं उन्हें रोकने के लिये खुफिया जानकारी एकत्र करने और साझा करने की क्षमता बढ़ानी चाहिये।
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