ई-गवर्नेंस जैसे तकनीकी नवाचारों ने भारत में सरकार के कार्यों और नागरिकों के साथ इसके संवाद के तरीकों को किस प्रकार प्रभावित किया है? (150 शब्द)
उत्तर :
दृष्टिकोण:
- ई-गवर्नेंस की अवधारणा को संक्षेप में समझाते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- नागरिकों पर ई-गवर्नेंस पहलों के प्रभाव की चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
ई-गवर्नेंस नागरिकों को सरकारी सेवाएँ और सूचना प्रदान करने के लिये इंटरनेट और मोबाइल उपकरणों जैसे इलेक्ट्रॉनिक साधनों के उपयोग को संदर्भित करता है।
मुख्य भाग:
- सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिये अधिक सुलभ और कुशल बनाने के लक्ष्य के साथ, भारत में ई-गवर्नेंस को कई वर्षों से विभिन्न रूपों में लागू किया गया है।
- देश भर में ई-गवर्नेंस पहलों के समग्र दृष्टिकोण हेतु राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) को वर्ष 2006 में शुरू किया गया था।
- भारत में ई-गवर्नेंस पहल के उदाहरण:
- भारत का राष्ट्रीय पोर्टल: यह पोर्टल भारत सरकार की सूचना और सेवाओं तक पहुँच हेतु एकल बिंदु प्रदान करता है। नागरिक इस पोर्टल पर पासपोर्ट आवेदन, पैन कार्ड आवेदन और जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण जैसी सेवाओं को प्राप्त कर सकते हैं।
- भारत सरकार की ई-जिला परियोजना: इस परियोजना का उद्देश्य नागरिकों को एक ही मंच से सभी सरकारी सेवाएँ प्रदान करना है, ताकि उन्हें अधिक सुलभ और कुशल बनाया जा सके। इन सेवाओं में भूमि रिकॉर्ड, जाति प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं।
- डिजिटल इंडिया: इस पहल का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
- इसमें डिजिटल लॉकर जैसी पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो नागरिकों को अपने महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों को डिजिटल रूप से स्टोर करने और एक्सेस करने की अनुमति देती है। इसके साथ ही ई-साइन से नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की सुविधा मिलती है।
- जन धन योजना: इस योजना का उद्देश्य भारत के नागरिकों के लिये बैंक खाते खोलकर वित्तीय समावेशन करना है।
- उमंग (‘नए युग के शासन के लिये एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन’-Unified Mobile Application for New-age Governance): यह ऐप केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर 1000 से अधिक सरकारी सेवाएँ प्रदान करता है।
- सरकारी कार्यों और नागरिकों की संलग्नता पर ई-गवर्नेंस का प्रभाव:
- पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार: ई-गवर्नेंस पहलों ने नागरिकों के लिये सरकारी सेवाओं तक पहुँच, आवेदनों की स्थिति पर नज़र रखना और सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त करना आसान बना दिया है।
- इससे सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है क्योंकि अब नागरिक सरकारी अधिकारियों एवं एजेंसियों को उनके कार्यों के लिये अधिक आसानी से जवाबदेह ठहरा सकते हैं।
- बढ़ी हुई दक्षता के साथ लागत में बचत होना: प्रक्रियाओं को स्वचालित करने और संचार में सुधार करने हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, ई-गवर्नेंस द्वारा सरकारी कार्यों को सुव्यवस्थित करने और लागत कम करने में मदद मिली है। इससे नागरिकों और सरकार दोनों के लिये समय एवं धन की बचत होती है।
- ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना: ई-गवर्नेंस पहल ने नागरिकों के लिये सरकारी सेवाओं और सूचनाओं तक पहुँच को आसान बना दिया है। इससे इन सेवाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया और अधिक कुशल एवं पारदर्शी बन गई है।
- बेहतर नागरिक जुड़ाव: नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता को कम करके, ई-गवर्नेंस पहलों ने देश के वंचित और दूर-दराज के क्षेत्रों को सरकार की पहुँच में लाने में मदद की है।
- इससे शासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ी है और सरकार की पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ाने में भी मदद मिली है।
- सरकारी कार्यों में सुधार: एक रिपोर्ट में नागरिकों के लिये सेवाओं में सुधार, संगठन और प्रबंधन पर नियंत्रण, संसाधन वितरण की दक्षता, स्वायत्तता में वृद्धि और समय एवं लागत में कमी के रूप में ई-गवर्नेंस के लाभों को सूचीबद्ध किया गया है।
- साइबर सुरक्षा में सुधार: ई-गवर्नेंस को अपनाने के साथ भारत अपने नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और उनकी जानकारी को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिये अपने साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने में सक्षम हुआ है।
- ई-गवर्नेंस के कई संभावित नकारात्मक प्रभाव भी हैं जैसे:
- डिजिटल डिवाइड: सभी नागरिकों की प्रौद्योगिकी तक समान पहुँच नहीं है जिससे ई-गवर्नेंस पहलों में असमान भागीदारी हो सकती है।
- डेटा गोपनीयता और सुरक्षा चिंताएँ: ई-गवर्नेंस पहलों के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी का संग्रह और भंडारण डेटा गोपनीयता एवं साइबर हमलों की संभावना के बारे में चिंताएँ बढ़ा सकता है।
- तकनीक पर निर्भरता: ई-गवर्नेंस से तकनीक पर निर्भरता हो सकती है जिससे सिस्टम के विफल होने या विश्वसनीय इंटरनेट न होने पर समस्या हो सकती है।
निष्कर्ष:
भारत में ई-गवर्नेंस पहलों का सरकार के कार्य करने और नागरिकों के साथ अंतःक्रिया करने के तरीके पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इससे सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिये अधिक सुलभ और कुशल बनाने के साथ देश में डिजिटल डिवाइड को कम करने में मदद मिली है।