इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    अंग्रेजों द्वारा अवध पर विजय से नवाब के साथ-साथ ताल्लुकेदारों की भी बेदखली सुनिश्चित हो गई। जिससे संपूर्ण सामाजिक व्यवस्था नष्ट हो गई। चर्चा करें।

    12 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • बताएँ कि अंग्रेजों के द्वारा अवध विजय से ताल्लुकेदारों के हित किस प्रकार प्रभावित हुए।
    • इससे सामाजिक व्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को स्पष्ट करें।

    1856 में अवध का अधिग्रहण अंग्रेजों की साम्राज्य विस्तार की नीति का तार्किक परिणाम था। इसमें कुशासन के आरोप के आधार पर अवध के नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से उतार दिया गया तथा अवध को प्रत्यक्ष रुप से ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया गया। किंतु, अवध के विलय से नवाब के साथ-साथ ताल्लुकेदारों ताल्लुकेदारों की शक्ति भी समाप्त हो गई।

    तालुकदार कई पीढ़ियों से भूमि और राज्यव्यवस्था को नियंत्रित करते आए थे। उन्हें नवाब द्वारा स्वतंत्र संरक्षक रखने तथा किलो के निर्माण की स्वायत्तता प्राप्त थी।

    अंग्रेज मानते थे कि ताल्लुकेदारों का वहाँ की भूमि व्यवस्था में कोई योगदान नहीं है। अतः अपनी इस धारणा के तहत उन्होंने अपने मध्यस्थों के उन्मूलन की नीति के द्वारा उनके विशेष अधिकार समाप्त कर दिये। उन्होंने ताल्लुकेदारों की सशस्त्र सेना को प्रतिबंधित कर दिया और उनके किलों को भी नष्ट कर दिया।

    इसके अलावा, अंग्रेजों की इस नीति से अवध की संपूर्ण सामाजिक व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा। इसे निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-
    पारंपरिक रुप से ताल्लुकेदार किसानों के साथ प्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए थे। इससे न केवल तालुकदार बल्कि किसान भी इस व्यवस्था से पर निर्भर थे। नवाब तथा  ताल्लुकेदारों के अधिकारों को समाप्त करने से सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था प्रभावित हुई।नवाब का प्रशासन तथा सेना को भंग किए जाने से हजारों कुलीन तथा पदाधिकारी और उनके सिपाही बेरोजगार हो गए। उसी प्रकार जो व्यापारी दुकानदार तथा दस्तकार अवध के दरबारों और ताल्लुकेदारों  की सेवा में कार्यरत थें उनकी जीविका भी चली गई।  इससे संपूर्ण समाज में बेरोजगारी की स्थिति को बढ़ावा मिला और आर्थिक रुप से सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई। इसके अलावा मध्यस्थों के रूप में ताल्लुकेदारों को हटाने का लाभ साधारण जनता को नहीं मिल पाया। साधारण जनता को अब पहले से भी अधिक भू-राजस्व तथा खाने पीने की वस्तुओं, मकानों और न्याय के लिये अधिक टैक्स दना पड़ रहा था। पारंपरिक अवस्था की तुलना में अब किसान गरीबी की समस्या से अधिक जूझ रहे थे। 

    इस प्रकार नवाबों तथा ताल्लुकेदारों के पतन ने सामाजिक ताने बाने को तोड़कर संपूर्ण सामाजिक व्यवस्था का पतन कर दिया।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2