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प्रश्न :
प्लेट विवर्तनिकी (plate tectonics) सिद्धांत के संदर्भ में, विश्व के विभिन्न प्रकार के प्लेट विवर्तनिकी किनारों की चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
19 Dec, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
- प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत का संक्षेप में वर्णन करते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- विश्व में विभिन्न प्लेट विवर्तनिक सीमाओं पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय
- विवर्तनिक प्लेट (जिसे लिथोस्फेरिक प्लेट भी कहा जाता है) ठोस चट्टान का एक विशाल, अनियमित आकार का स्लैब है, जो आमतौर पर महाद्वीपीय एवं महासागरीय स्थलमंडल दोनों से मिलकर बना होता है।
- लिथोस्फीयर में क्रस्ट और ऊपरी मेंटल दोनों शामिल होते हैं, जिसकी मोटाई समुद्री भागों में 5-100 किमी. और महाद्वीपीय क्षेत्रों में लगभग 200 किमी. तक होती है।
- विवर्तनिक प्लेट्स की अवधारणा पहली बार वर्ष 1967 में पेश की गई थी।
- विवर्तनिक/टेक्टोनिक प्लेट एक महाद्वीपीय प्लेट या एक महासागरीय प्लेट हो सकती है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि किसी विशिष्ट प्लेट में सबसे अधिक हिस्सा किसका है।
मुख्य भाग
- प्लेटों का संचलन तीन प्रकार से होता है:
- अभिसारी संचलन- जहाँ प्लेटें एक-दूसरे की ओर गति करती हैं।
- अपसारी संचलन- जहाँ प्लेटें एक-दूसरे की विपरीत दिशा में गमन करती हैं
- समानांतर प्लेट संचलन- जहाँ प्लेटें एक-दूसरे के समानांतर गति करती हैं।
- अभिसारी सीमाएँ:
- अभिसरण प्लेट सीमा का निर्माण तब होता है जब विवर्तनिक प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं। इसे विनाशात्मक सीमा एवं सीमांत भी कहते हैं।
- ये सीमाएँ अक्सर सबडक्शन ज़ोन होती हैं जहाँ पर भारी (अधिक घनत्व वाली) एवं तेज़ गति वाली प्लेट का हल्की व कम गति वाली प्लेट के नीचे क्षेपण होता है।
- क्षेपण के कारण यहाँ क्षेपित सीमांत का क्षय होता है। जिससे पर्वतों तथा द्वीप चापों का निर्माण होता है।
- यदि दोनों अभिसरण प्लेट महासागरीय हैं, तो ज्वालामुखी, द्वीपों की एक घुमावदार रेखा बनाते हैं जिसे एक द्वीप चाप के रूप में जाना जाता है जो ट्रेंच के समानांतर होता है।
- अभिसारी प्लेट संचलन तीन प्रकार से होता है।
- महाद्वीपीय- महासागरीय संचलन
- महाद्वीपीय- महाद्वीपीय संचलन
- महासागरीय- महासागरीय संचलन
- उदाहरण:
- संयुक्त राज्य अमेरिका की वाशिंगटन-ओरेगन तटरेखा महासागरीय-महाद्वीपीय अभिसरण प्लेट सीमा का एक उदाहरण है।
- अपसारी सीमाएँ:
- जब दो प्लेटें एक-दूसरे की विपरीत दिशा में गमन करती हैं तो उसे अपसारी संचलन कहा जाता हैं। इन्हें रचनात्मक सीमा तथा सीमांत के रूप भी जाना जाता हैं।
- अपसारी सीमाएँ समुद्रीय नितल प्रसरण और भ्रंश घाटियों के स्थल हैं।
- महासागरों में अपसारी सीमाएँ, पृथ्वी की आंतरिक परतों से मैग्मा पृथ्वी की सतह की ओर बढ़ता है और दो या दो से अधिक प्लेटों को अलग करता है। पर्वत और ज्वालामुखी ऊपर की ओर उठते हैं। यह प्रक्रिया समुद्रीय नितल को नवीनीकृत करती है और विशाल घाटियों की चौड़ाई में वृद्धि करती है।
- उदाहरण:
- अपसारी सीमाओं का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण मिड-अटलांटिक रिज है जहाँ अमेरिकी प्लेटें यूरेशियन और अफ्रीकी प्लेट्स से अलग हो जाती हैं।
- सतह पर अफ्रीका में ग्रेट रिफ्ट वैली जैसे विशाल गर्त का निर्माण होता हैं जहाँ प्लेटें विपरीत दिशा में गमन करती हैं।
- समानांतर प्लेट सीमाएँ:
- विवर्तनिक प्लेटें एक-दूसरे से क्षैतिज रूप से गति करती हैं, लेकिन इन प्लेटों के हिस्सों के बीच उस जगह पर घर्षण होता है जहाँ वे स्पर्श करते हैं, समानांतर प्लेट सीमाएँ के रूप में जानी जाती है।
- ये समानांतर प्लेट संचलन संरक्षी होते है क्योकि इन प्लेटों के परस्पर क्रिया से किसी प्रकार का न तो निर्माण और न ही विनाश होता है।
- अतः इनसे पर्वतों या महासागरों का निर्माण नहीं होता है, परंतु इस सीमा पर प्लेटों के आपसी घर्षण के कारण उच्च परिमाप वाले भूकम्प उत्पन्न होते हैं. जैसे वर्ष 1906 का भूकंप जिसने सैन फ्रांसिस्को को तबाह कर दिया था।
- ये समानांतर प्लेट संचलन संरक्षी होते है क्योकि इन प्लेटों के परस्पर क्रिया से किसी प्रकार का न तो निर्माण और न ही विनाश होता है।
- घर्षण के इन क्षेत्रों में तनाव का निर्माण होता है जिसके कारण चट्टानें टूट जाती हैं या प्लेटें अचानक आगे की ओर खिसक जाती हैं जो भूकंप का कारण बनती हैं।
- टूट-फूट या फिसलन के इन क्षेत्रों को फॉल्ट कहा जाता है।
- उदाहरण:
- रिंग ऑफ फायर में समानांतर सीमाओं के साथ पृथ्वी के अधिकांश फॉल्ट पाए जा सकते हैं।
- कैलिफोर्निया में सैन एंड्रियास फॉल्ट समानांतर या सीमांत सीमा का एक उदाहरण है, जहाँ पैसिफिक प्लेट उत्तर अमेरिकी प्लेट से उत्तर की ओर गति करती है।
- विवर्तनिक प्लेटें एक-दूसरे से क्षैतिज रूप से गति करती हैं, लेकिन इन प्लेटों के हिस्सों के बीच उस जगह पर घर्षण होता है जहाँ वे स्पर्श करते हैं, समानांतर प्लेट सीमाएँ के रूप में जानी जाती है।
निष्कर्ष
विवर्तनिकी प्लेटें निश्चित नहीं हैं, लेकिन एस्थेनोस्फीयर पर लगातार कठोर इकाइयों के रूप में गति करती हैं। कभी-कभी ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, अलग हो जाती हैं या एक-दूसरे के समानांतर खिसक जाती हैं जिससे भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं।
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