नैतिकता के संदर्भ में सरकारी कर्मचारियों के कौन से कर्त्तव्य हैं जो आम तौर पर स्वीकार किये जाते हैं? (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैतिक कर्त्तव्यों की आवश्यकता के बारे में संक्षेप में वर्णन करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- सरकारी कर्मचारियों के लिये आम तौर पर स्वीकृत नैतिक कर्त्तव्यों पर चर्चा कीजिये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
सार्वजनिक क्षेत्र में नैतिकता मानकों और अखंडता की रक्षा हेतु विशिष्ट खतरों का अनुमान लगाने के लिये नैतिक कर्त्तव्यों की आवश्यकता होती है तथा ऐसे प्रणालीगत खतरों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है जो मुख्य सार्वजनिक क्षेत्र के नैतिकता मूल्यों के पालन को कमज़ोर कर सकते हैं और सुशासन के लिये प्रतिबद्धता और आवश्यक राजनीतिक एवं प्रबंधन प्रतिक्रियाओं हेतु भी हानिकारक हो सकते हैं।
मुख्य भाग:
- द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग के अनुसार सरकारी कर्मचारी के लिये नैतिक कर्त्तव्य इस प्रकार हैं:
- पारदर्शिता: सिविल सेवकों और सार्वजनिक अधिकारियों से सरकारी नीति के तहत सार्वजनिक हित के लिये शक्तियों और संसाधनों का उपयोग करने की उम्मीद की जाती है। उन्हें अपने द्वारा लिये गए निर्णयों के लिये जवाबदेह होना चाहिये और अपने कार्यों को सही ठहराने के लिये तैयार रहना चाहिये।
- सत्यनिष्ठा: सिविल सेवकों और सार्वजनिक अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने निजी हितों पर विचार किये बिना पूरी तरह से सार्वजनिक हित में निर्णय लें और कार्य करें।
- सार्वजनिक रोजगार एक सार्वजनिक ट्रस्ट है अतः निजी लाभ के लिये सार्वजनिक सेवा की स्थिति का अनुचित उपयोग कर्त्तव्यों का गंभीर उल्लंघन माना जाता है।
- औचित्यपूर्णता: सिविल सेवकों और लोक अधिकारियों को कानूनं का प्रशासन करने और सरकार या संसद या ऐसे अन्य प्राधिकरण की ओर से प्रशासनिक शक्ति का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।
- इसलिये उस शक्ति और अधिकार का उपयोग वैध, निष्पक्ष रूप से और बिना किसी भय या पक्षपात के संसद या उनके नियोक्ता द्वारा निर्धारित इसके उचित सार्वजनिक उद्देश्य के लिये किया जाना चाहिये।
- निष्पक्षता: सिविल सेवकों और सार्वजनिक अधिकारियों को निर्णय पक्षपात या पूर्वाग्रह के बिना निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से कार्य करना चाहिये, केवल मामले के गुण-दोष को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिये और प्रभावित नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिये।
- जबाबदेही: निर्वाचित सरकार के एजेंटों और कर्मचारियों के रूप में, सिविल सेवकों और सार्वजनिक अधिकारियों को सरकार, अन्य सिविल सेवकों और सभी नागरिकों के वैध हितों तथा ज़रूरतों को समय पर सम्मान और शिष्टाचार के साथ पूरा करने की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष:
चूँकि सार्वजनिक कर्मचारी शक्तिशाली पदों पर रहते हैं, सार्वजनिक धन की बड़ी रकम का प्रबंधन करते हैं और ऐसे निर्णय लेते हैं जिनका समाज और पर्यावरण पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, इस प्रकार वे नैतिक कर्त्तव्यों का एक बड़ा सौदा वहन करते हैं।