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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न: भारतीय जैविक डेटा बैंक अमेरिकी और यूरोपीय डेटा बैंकों पर भारतीय शोधकर्त्ताओं की निर्भरता को कम करेगा। इस कथन के आलोक में, स्वदेशी डेटा बैंक केंद्र की प्रमुख विशेषताओं की चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    16 Nov, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भारतीय जैविक डेटा बैंक के बारे में संक्षेप में वर्णन कीजिये।
    • अमेरिकी या यूरोपीय बैंकों पर भारत की निर्भरता को कम करने में इसके महत्त्व के बारे में संक्षेप में चर्चा कीजिये।
    • भारतीय जैविक बैंक की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा कीजिये।
    • उपर्युक्त निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    • हाल ही में सरकार ने क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (RCB), फरीदाबाद में 'भारतीय जैविक डेटा बैंक' की स्थापना की है।
    • IBDC भारत में लाइफ साइंस डेटा के लिये पहला राष्ट्रीय भंडार है, जहाँ डेटा न केवल पूरे भारत से एकत्रित किया जाएगा बल्कि पूरे भारत के शोधकर्त्ताओं को इस तक पहुँच की सुविधा होगी।

    प्रारूप:

    • विदेशी बैंकों पर भारत की निर्भरता को कम करने में महत्त्व:
      • भारतीय जैविक डेटा केंद्र अमेरिकी और यूरोपीय डेटा बैंकों पर भारतीय शोधकर्त्ताओं की निर्भरता को कम करेगा और हमारे नागरिकों के महत्त्वपूर्ण डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा अन्यथा डेटा को भारतीय नागरिकों के महत्त्वपूर्ण डेटा तक पहुँचने और उसका दोहन करने हेतु विदेशी बैंकों पर छोड़ दिया जाएगा।
      • यह न केवल शोधकर्त्ताओं को अपने डेटा को देश के भीतर सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिये एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि विश्लेषण के लिये स्वदेशी अनुक्रमों के एक बड़े डेटाबेस तक पहुँच भी प्रदान करेगा।
    • भारतीय जैविक डेटा बैंक (IBDC) की मुख्य विशेषताएँ:
      • डिजीटल डेटा को 'ब्रह्म' नामक चार-पेटाबाइट क्षमता वाले सुपरकंप्यूटर पर संग्रहीत किया जाएगा।
      • IBDC के भिन्न-भिन्न सेक्शन अलग-अलग तरह के डेटा सेट को प्रबंधित करते हैं।
      • IBDC के पास NIC में एक बैकअप डेटा 'आपदा रिकवरी' साइट है।
      • इसके अलावा, IBDC लाइफ साइंस के विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान की खोज को सुविधाजनक बनाने के लिये अत्यधिक क्यूरेटेड डेटा सेट भी विकसित करेगा।
      • यह जैविक डेटा विश्लेषण के लिये बुनियादी ढांँचा और विशेषज्ञता भी प्रदान करेगा।
      • यह शोधकर्त्ताओं को ज़ूनोटिक रोगों का अध्ययन करने में भी मदद करेगा।
      • यद्यपि डेटाबेस वर्तमान में केवल ऐसे जीनोमिक अनुक्रमों को स्वीकार करता है, जिनके बाद में प्रोटीन अनुक्रमों और इमेजिंग डेटा जैसे अल्ट्रासाउंड तथा चुंबकीय अनुनाद/रेसोनेन्स इमेज़िंग (MRI) की प्रतियों के भंडारण के लिये विस्तारित होने की संभावना है।
      • भारत में सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान से उत्पन्न IBDC में सभी लाइफ साइंस डेटा को संग्रहीत करना अनिवार्य है।

    निष्कर्ष:

    भारतीय जैविक डेटा बैंक की स्थापना देश में जैविक डेटा को लगातार संग्रहीत करने के लिए IT मंच प्रदान करेगी और भारत को अपने नागरिकों के साथ-साथ मानवता की भलाई हेतु जैव प्रौद्योगिकी में बदलने में मदद करेगी।

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