प्रश्न. बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रकाश डालिये। दो देशों के संबंधों के बीच की बारीकियों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
15 Nov, 2022
सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर :
दृष्टिकोण:
वैश्विक भू-राजनीति के बदलते परिदृश्य को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
इस बदलते समय में भारत-अमेरिका के बीच मज़बूत संबंधों की आवश्यकता पर चर्चा कीजिये।
भारत अमेरिका बीच सहयोग और संबंधित चुनौतियों की चर्चा कीजिये।
उचित निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
सोवियत संघ के पतन और संयुक्त राज्य अमेरिका के एकध्रुवीय आधिपत्य के उदय के बाद विश्व व्यवस्था लें लगातार परिवर्तन हुआ है, जैसे- अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में चीन के उदय से बहुध्रुवीयता का उदय हुआ है। अन्य ध्रुवों में रूस, मध्य पूर्व, भारत और प्रमुख अफ्रीकी और अमेरिकी देश शामिल हैं।
बदलते समय में भारत और अमेरिका के बीच मज़बूत संबंधों की आवश्यकता:
विश्व भर में आराजकता (जैसे कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करके शक्ति का प्रदर्शन करना और चीन की अपने पड़ोसियों के साथ सलामी स्लाइसिंग की रणनीति) की स्थिति को देखते हुए भारत-अमेरिका साझेदारी एक-दूसरे को सहायता प्रदान करके तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग करके इन संकटपूर्ण समय का सामना करने में मदद कर सकती है।
रूपरेखा:
भारत और अमेरिका के बीच सहयोग:
संयुक्त राष्ट्र G-20, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान/ASEAN) क्षेत्रीय मंच, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन सहित बहुपक्षीय संगठनों में भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका निकट सहयोगी हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने वर्ष 2021 में दो वर्ष के कार्यकाल के लिये भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने का स्वागत किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन किया ताकि भारत एक स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो सके।
ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका एवं भारत मुक्त तथा खुले इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने व क्षेत्र को लाभ प्रदान करने के लिये क्वाड के रूप में बैठक करते हैं।
भारत, समृद्धि के लिये हिंद-प्रशांत आर्थिक ढाँचे (IPEF) पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ साझेदारी करने वाले बारह देशों में से एक है।
भारत, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) का सदस्य है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका एक संवाद भागीदार है।
वर्ष 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत में मुख्यालय वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और वर्ष 2022 में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) में शामिल हो गया।
इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करता है तथा शांति, स्थिरता एवं बढ़ती समृद्धि के क्षेत्र के रूप में भारत-प्रशांत की रक्षा के प्रयासों में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार है।
भारत-अमेरिका संबंधों की संबद्ध चुनौतियाँ:
मज़बूत भारत-रूस संबंध: भारत-अमेरिका संबंध में रूस कोई नया कारक नहीं है। प्रतिबंधों के बीच भी भारत ने रूस से कच्चे तेल के आयात में कमी लाने के बजाय वृद्धि ही की है। रूस द्वारा भारत के लिये कम मूल्यों पर इसकी पेशकश की गई थी।
भारत-रूस रक्षा संबंध भी भारत-अमेरिका संबंधों में एक अवरोध बना रहा है।
भारत द्वारा रूस से ‘S-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली' की खरीद पर अमेरिकी CAATSA कानून के अनुपालन को लेकर भी लंबे समय से चर्चा जारी है।
चीन के साथ सहयोग: हाल के वर्षों में चीन ने अपनी अमेरिकी नीति के चश्मे से भूभाग में भारत के किसी भी कदम की समीक्षा की है, लेकिन यूक्रेन पर भारत के रुख के बाद बीजिंग में एक पुनर्विचार की शुरुआत हुई है।
निष्कर्ष:
भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में एक अग्रणी अभिकर्त्ता के रूप में उभर रहा है जो साथ में अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है। यह अपने महत्त्वपूर्ण हितों को और आगे बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिये अपनी वर्तमान स्थिति का उपयोग करेगा।
भारत और अमेरिका आज सच्चे अर्थों में रणनीतिक साझेदार हैं - परिपक्व प्रमुख शक्तियों के बीच एक ऐसी साझेदारी जो पूर्ण समानता की मांग नहीं कर रही है बल्कि एक निरंतर संवाद सुनिश्चित करके मतभेदों को प्रबंधित कर रही है तथा इन मतभेदों को नए अवसरों के निर्माण में शामिल भी कर रही है।