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प्रश्न :
प्रश्न. सिविल सेवकों में किस प्रकार के व्यक्तिगत गुण वांछनीय हैं? लोक प्रशासन में सिविल सेवा नैतिकता क्यों प्रमुख हो गई है? (250 शब्द)
03 Nov, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सिविल सेवकों के व्यक्तिगत गुणों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
- उन वांछनीय गुणों की चर्चा कीजिये जो सिविल सेवकों में होने चाहिये।
- लोक प्रशासन में सिविल सेवा नैतिकता के महत्त्व की चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
सिविल सेवकों के व्यक्तिगत गुणों में व्यक्तित्व, चरित्र और बौद्धिक क्षमताएँ शामिल होती हैं। अरस्तू के अनुसार चार गुण हैं- विवेक, न्याय, धैर्य और संयम; इसके अलावा यह माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति में कोई एक गुण पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तो वह अन्य तीन की उपस्थिति का भी संकेत देगा।
प्रारूप:
सिविल सेवकों को व्यक्तिगत गुणों का पालन करना चहिये जो इस प्रकार हैं:
- विवेक: यह वास्तविक आचरण में कार्रवाई के सबसे उपयुक्त, राजनीतिक या लाभदायक तरीके का पता लगाने की क्षमता को संदर्भित करता है; यह व्यावहारिक ज्ञान और बुद्धिमानी का भी प्रतीक है।
- सिविल सेवा में सार्वजनिक क्षेत्र में निर्णय लेना शामिल है। सिविल सेवकों को व्यावहारिक मामलों का मुख्य कर्ता माना जाता है। वे लोगों के काफी नियमित संपर्क में रहते हैं। सिविल सेवकों को गुमनाम और विवेकपूर्ण तरीके से मामलों से निपटना होता है। इन सभी कारणों से सिविल सेवकों में विवेक एक अत्यंत वांछनीय गुण है।
- धैर्य: यह दर्द या विपत्ति की स्थिति से लड़ने हेतु नैतिक शक्ति या नैतिक साहस है। कठिन युद्धक्षेत्र स्थितियों का सामना करने वाले सैनिकों के साथ भी यह अक्सर दृढ़ता से जुड़ा होता है। दीर्घकालीन समस्याओं से घिरे होने के कारण व्यक्ति जो दबाव या तनाव अनुभव करने लगता है उसको सहन कर सकने की क्षमता भी धैर्य का एक उदाहरण है।
- सिविल सेवा के सन्दर्भ में, धैर्य अपेक्षाकृत कम वीरता का प्रतीक है, लेकिन लंबे समय तक काम की चुनौतियों और प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिये यह महत्त्वपूर्ण रवैया है।
- संयम: लोक सेवकों के लिये संयम विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है। यह किसी के क्रोध, भावनाओं और इच्छाओं को नियंत्रित करने की क्षमता का प्रतीक है। इसे तर्कसंगत आत्म-संयम के रूप में माना जा सकता है। लेकिन संयम कुछ अलग व्यवहार विशेषताओं को व्यक्त कर सकता है। निर्णय लेते समय या स्थितियों का जवाब देते समय, सिविल सेवकों को उदार होना चहिये। उन्हें किसी मुद्दे पर ज़्यादा नहीं झुकना चहिये बल्कि संतुलित और विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करना चहिये।
- न्याय: न्याय एक सामान्य अवधारणा है। जब हम 'न्याय' शब्द का प्रयोग करते हैं तो इसका अर्थ अक्सर अस्पष्ट होता है, इसलिये हमें इसकी ठोस सामग्री या इसका सटीक अर्थ क्या है, इसका संकेत देना पड़ता है।
लोक प्रशासन में सिविल सेवा नैतिकता का महत्त्व:
- सिविल सेवकों के मनमाने कार्यों की जाँच करना।
- प्रशासनिक ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना।
- नागरिक और सिविल सेवा के बीच अच्छे संबंध स्थापित करना और बढ़ावा देना।
- सामाजिक भलाई, सार्वजनिक हित और सामान्य भलाई को संरक्षित करना तथा बढ़ावा देना।
- प्रशासनिक शक्ति और विवेक के उस हिस्से को नियंत्रित करने के लिये जिसे औपचारिक कानूनों के तरीकों तथा प्रक्रियाओं द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
- प्रशासनिक प्रक्रिया की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार करना।
- लोक प्रशासन की वैधता और विश्वसनीयता को मज़बूत करना।
निष्कर्ष:
विवेक, धैर्य, संयम आदि जैसे प्रमुख गुण किसी के चरित्र की अच्छाई और एक अच्छा तथा सफल सिविल सेवक बनने में सहायता करते हैं। लोक प्रशासन सिद्धांत में नैतिकता की प्रमुखता सिविल सेवकों के बीच उच्च नैतिकता को बढ़ावा देने और बनाए रखने में मदद करती है।
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