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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    रणबीर एक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। कंपनी लगातार प्रगति कर रही है और हाल ही में कुछ विशेषज्ञों की भर्ती की है। कंपनी के कार्यात्मक प्रमुखों को हर दो महीने में एक ओपन मीटिंग में अपने कर्मचारियों से मिलना होता है। रणबीर को इन मुलाकातों से नफरत थी। यह कार्यालय में सभी कर्मचारियों के लिये उपलब्ध थी। कर्मचारी मामूली और घिसी-पिटी शिकायतों की एक लंबी सूची के साथ आते थे। वे हर मीटिंग में वही बातें दोहराते थे और लंबी-लंबी बातें करते थे। जब कर्मचारियों को बाध्यताओं का पता चला तभ भी वे अपनी शिकायतों के साथ आगे बढ़े। वे लाउंज, बाथरूम और क्रेच के लिये और अधिक स्थान चाहते थे। रणबीर ने जगह की कमी की ओर इशारा किया, फिर भी स्टाफ शिकायत करता रहा। रणबीर को बैठक में हंसमुख चेहरे के साथ बैठने की आदत हो गई, लेकिन उसने अपने मन से कार्यवाही से किनारा कर लिया। मुलाकात एक थकाऊ रस्म बन गई जिससे उसे गुजरना पड़ता था।

    इन मुद्दों के कारण कई कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ दी थी और इससे कंपनी की उत्पादकता में और बाधा आ रही थी।

    प्रश्न: रणबीर की स्थिति में आप क्या कार्रवाई करते और क्यों?

    14 Oct, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    यह केस स्टडी एक टीम की ज़रूरतों को समझने और टीम के सदस्यों की बुनियादी समस्याओं के समाधान में मुख्य अधिकारियों की भूमिका पर केंद्रित है। इस मामले में समस्या का स्रोत शायद इस तथ्य में निहित है कि कंपनी की लगातार हो रही प्रगति से टीम में नए सदस्यों को शामिल किया गया है और सदस्यों की बढ़ रही संख्या के चलते वर्तमान कार्यस्थल पर दबाव बढ़ा है। इसके साथ ही कर्मचारियों की शिकायतों के प्रति रणबीर के रवैये तथा कर्मचारियों के साथ बैठक के प्रति उदासीन दृष्टिकोण के कारण स्थिति बदतर हो गई थी।

    इस मामले में शामिल हितधारक हैं:

    • मैं कंपनी के CEO के रूप में
    • कंपनी में नई भर्तियाँ
    • कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारी
    • कंपनी के शेयरधारक

    CEO के सामने आने वाली स्थितिजन्य चुनौतियाँ हैं:

    • संकट प्रबंधन: सीमित संसाधनों के साथ और कर्मचारियों पर बिना या न्यूनतम प्रतिकूल प्रभाव के संकट को कुशलतापूर्वक संभालना।
    • कार्यालय में स्वस्थ कार्य संस्कृति को बनाए रखने और कुशल निर्णय लेने हेतु जनता के बीच विश्वास के लिये समय पर निर्णय लेना।
    • संघर्ष प्रबंधन: इस मुद्दे को हल करने के लिये CEO की कार्रवाई की कार्यप्रणाली ऐसी होनी चाहिये कि कर्मचारी बिना किसी कठिनाई के काम कर सकें।

    विभिन्न नैतिक अवयव जिनका उपयोग किया जा सकता है:

    • भावनात्मक बुद्धिमत्ता: भावनात्मक बुद्धिमत्ता से तात्पर्य 'अपनी और दूसरों की भावनाओं की पहचानने, उन्हें नियंत्रित करने और प्रबंधित करने की क्षमता से है।
    • भावनात्मक गुणक(EQ): यह किसी की EI का एक माप है, यानी एक मानकीकृत परीक्षण के माध्यम से, स्वयं और दूसरों के संबंध में भावनाओं के बारे में जागरूकता का पता चलता है।
    • सहानुभूति: यह व्यक्तिगत रूप से और समूहों में दूसरों की ज़रूरतों तथा भावनाओं के बारे में जागरूकता है तथा यह चीजों को दूसरों के दृष्टिकोण से देखने में सक्षम बनाता है।
    • सामाजिक कौशल: यह सहानुभूति को लागू करता है और दूसरों की ज़रूरतों को किसी व्यक्ति की ज़रूरतों के साथ संतुलित करता है। इसमें दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाना शामिल है।

    समस्या को हल करने के लिये सीईओ की कार्रवाई,

    • कार्य योजना:
      • चूँकि कंपनी का व्यवसाय उन्नतिशील रहा है और अधिक विशेषज्ञ कर्मचारियों की भर्ती भी की गई है, इसलिये रणबीर को जल्दी से एक बड़े और बेहतर कार्यस्थल की तलाश करनी चाहिये।
        • यदि कर्मचारियों को अभी भी समस्या का सामना करना पड़ता है:
          • अपनी कार्य योजना का खुलासा करने के बाद भी यदि कर्मचारी अभी भी उन्हीं पुराने मुद्दों के बारे में शिकायत कर रहे हैं, तो उन्हें उन्हें विश्वास दिलाना चाहिये कि समस्या जल्द ही हल हो जाएगी।

    जब तक कार्यालय का विस्तार नहीं हो जाता तब तक वह कुछ छोटे कदम उठा सकता है जैसे:

    • शौचालय की सफाई: कर्मचारियों को प्रभावित करने के लिये बहुत छोटे-छोटे कदम उठाना जैसे नियमित रूप से शौचालय की सफाई कराना आदि। लेकिन समस्या जगह की है न कि सफाई की, यह कदम कर्मचारियों को कुछ दिनों के लिये प्रभावित कर सकता है लेकिन यह अंतिम समाधान नहीं होगा।
    • कर्मचारियों को ध्यानपूर्वक सुनना: कर्मचारी की बात को ध्यान से सुनना और फिर उनकी समस्या का समाधान करना महत्त्वपूर्ण विषय है। कार्यालय में नेतृत्वकर्ताओं को यह गुण दिखाने की ज़रूरत है। इसलिये, रणवीर को बैठकों में शिकायतों या कर्मचारियों के कथन को नापसंद करने के बाद भी सामान्य व्यवहार करने की आवश्यकता है।।
    • उसे बैठक में स्विच ऑफ करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उसे कर्मचारियों की शिकायतों को अधिक सहानुभूतिपूर्वक सुनना चाहिये। ये बैठकें एक उद्देश्य की पूर्ति करती हैं। यदि वह उन सभी बातों की उपेक्षा करता है जो स्टाफ सदस्यों को कहना है, तो वर्तमान कर्मचारी भी इस्तीफा दे सकते हैं। स्टाफ के सदस्य जो कहते हैं, उसके लिये उसे उत्तरदायी होना चाहिये।
    • उनकी मांगों को नज़रअंदाज करना: वह उनकी मांग और काम को नजरअंदाज कर सकता है लेकिन यह कदम कंपनी की उत्पादकता और भविष्य की संभावनाओं को बाधित कर सकता है।
    • वर्क फ्रॉम होम विकल्प: यह कदम संभावित विकल्प हो सकता है, क्योंकि काम का हाइब्रिड मॉडल प्रदान करके स्थान संबंधी समस्या को हल किया जा सकता है। कर्मचारी आसानी से घर से काम कर सकते हैं और कुछ कर्मचारी कार्यालय आ सकते हैं, यह कार्यालय के बुनियादी ढाँचे संबंधी दबाव को कम करता है।
    • किराए पर कार्यालय की व्यवस्था करना: जब तक उचित कार्यालय स्थल की व्यवस्था न हो, तब तक केवल अस्थायी अवधि के लिये पास में एक अलग किराये से स्थान लेकर कर्मचारियों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और विवाद के सभी पक्षों को संतुष्ट किया जा सकता है।

    निष्कर्ष:

    संघर्ष को केवल उस स्थिति में शामिल सभी हितधारकों द्वारा सामूहिक प्रयास के माध्यम से हल किया जा सकता है। कंपनी को अपने सीईओ, वरिष्ठ कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों के बीच भावनात्मक बुद्धिमत्ता, सहानुभूति तथा भावनात्मक गुणक में सुधार के लिये पहल करने की आवश्यकता है। इससे कर्मचारी स्वतंत्र रूप से अपनी चिंताओं को व्यक्त कर सकते हैं। इसके अलावा कंपनी के सीईओ और प्रबंधन को समस्याओं को अधिक ध्यान से सुनना चाहिये तथा उचित समय पर मुद्दों को हल करने के लिये उचित उपाय करना चाहिये।

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