1. हम जो कष्ट सहते हैं, वास्तव में उनका अस्तित्व नहीं है।2. भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।