प्रश्न. मानवीय मूल्यों का वर्णन कीजिये और व्यक्तियों में इन मूल्यों के समावेशन में समाज की भूमिका की व्याख्या कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- अपने उत्तर की शुरुआत मानव मूल्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर कीजिये।
- मूल्यों के विकास में समाज की भूमिका की विवेचना कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
|
परिचय
मूल्य जीवन के तत्त्व हैं जिन्हें हम महत्त्वपूर्ण या वांछनीय मानते हैं। वे मानव व्यवहार के आचरण और मार्गदर्शक के मानक हैं। मूल्य किसी व्यक्ति के चरित्र को उसके जीवन में एक केंद्रीय स्थान तथा मज़बूती प्रदान करते हैं। करुणा, सहानुभूति और सत्यनिष्ठा आदि मानवीय मूल्यों के कुछ उदाहरण हैं।
प्रारूप
- धर्म और संस्कृति कुछ हद तक परस्पर जुड़े हुए हैं और सामाजिक चैनलों के माध्यम से इनके द्वारा मूल्यों का समावेशन सबसे अधिक प्रभावित होता है। उदाहरण के लिये, हिंदू शिक्षाएं सहिष्णुता और पारस्परिकता जैसे भारतीय मूल्यों को दृढ़ता से प्रभावित करती हैं।
- परंपरा और रीति-रिवाज किसी भी समाज की संरचना के मूलभूत घटक हैं। परंपरा और रिवाज के कुछ बुनियादी सिद्धांतों में निष्ठा (रक्षा-बंधन), संबद्धता (होली) आदि शामिल हैं।
- राजनीतिक राज्य, जो या तो लोकतांत्रिक या सत्तावादी हो सकता है, के अनुसार भी जनसंख्या को उचित मूल्य सिखाए जाते हैं। हालाँकि, कभी-कभी वर्तमान व्यवस्था के संबंध में हमारे मूल्य अन्य राज्यों की राजनीति से प्रभावित हो सकते हैं।
- समाज के प्रतिभागियों द्वारा धारण किये गए मूल्य इसकी आर्थिक संरचना से भी प्रभावित होते हैं। उदाहरण के लिये, समाजवादी अर्थव्यवस्था समता के मूल्य को प्रोत्साहित करती है, जबकि बाजार अर्थव्यवस्था आविष्कार और प्रतिस्पर्धा जैसे मूल्यों को बढ़ावा देती है।
- डिजिटल युग में मास मीडिया का महत्त्व बढ़ गया है। राजनीतिक लाभ के लिये मतदाता व्यवहार का विश्लेषण करने के उद्देश्य से निजी संगठनों द्वारा उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त की जाती है (कैम्ब्रिज एनालिटिका केस)। सामुदायिक मूल्यों को विकसित करने या अन्य समुदायों के लोगों के प्रति घृणा को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका में वृद्धि हुई है।
- नागरिक समाज लोगों को एक सामान्य उद्देश्य के इर्द-गिर्द संगठित करके और मीडिया तथा प्रदर्शन आदि का उपयोग करके लोगों के मूल्यों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिये, एमकेएसएस अभियान, जिसके परिणामस्वरूप भारत में आरटीआई अधिनियम, 2005 लागू हुआ, ने सरकार में खुलेपन और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।
- अनुनय के माध्यम से, नेता अपने अनुयायियों के दृष्टिकोण को बदल सकते हैं। उदाहरण के लिये, मशहूर हस्तियों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों, उनके खाने तथा व्यवहार करने आदि का दूसरे व्यक्तियों पर प्रभाव पड़ता है।
इस प्रकार, समाज विभिन्न मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, सहानुभूति, सहयोग आदि को विकसित करने हेतु एक लंबा रास्ता तय करता है।