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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न . बाजरा उत्पादन स्वास्थ्य, कृषि और पोषण संबंधी बहुत से लाभों के साथ आता है। चर्चा कीजिये।

    28 Sep, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • बाजरा के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • बाजरा उत्पादन के महत्व पर चर्चा कीजिये।
    • अपना उत्तर उपयुक्त निष्कर्ष के साथ समाप्त कीजिये।

    परिचय

    पोषक अनाज सामूहिक शब्द है जो कई छोटे-बीज वाले फसलों कों संदर्भित करता है, जिसकी खाद्य फसल के रूप में मुख्य रूप से समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों व शुष्क क्षेत्रों में सीमांत भूमि पर खेती की जाती है।

    भारत में उपलब्ध कुछ सामान्य फसलों में बाजरा रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), समा (छोटा बाजरा), बाजरा (मोती बाजरा) और वरिगा (प्रोसो मिलेट) शामिल हैं।

    विश्व में भारत बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह वैश्विक उत्पादन का 20% और एशिया में उत्पादन का 80% हिस्सा है।

    प्रारूप

    • महत्त्व:
      • पौष्टिक रूप से संपन्न:
        • उच्च प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, लौह तत्त्व जैसे खनिजों के कारण बाजरा कम खर्चीला और पौष्टिक रूप से गेहूँ एवं चावल से बेहतर होता है।
        • बाजरा कैल्शियम और मैग्नीशियम से भी भरपूर होता है। उदाहरण के लिये रागी को सभी खाद्यान्नों में सबसे अधिक कैल्शियम सामग्री के लिये जाना जाता है।
        • बाजरा पोषण सुरक्षा प्रदान कर सकता है और विशेष रूप से बच्चों एवं महिलाओं में पोषण की कमी के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य कर सकता है। इसकी उच्च लौह सामग्री भारत में प्रजनन आयु की महिलाओं तथा शिशुओं में एनीमिया के उच्च प्रसार से लड़ सकती है।
      • ग्लूटेन फ्री लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स:
        • बाजरा जीवनशैली की समस्याओं और मोटापे एवं मधुमेह जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है क्योंकि यह ग्लूटेन फ्री (एक प्रकार का प्रोटीन जो कभी-कभी सेहत के लिये हानिकारक भी हो सकता है) होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है (खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की एक सापेक्ष रैंकिंग यह है कि वे रक्त शर्करा के स्तर को कैसे प्रभावित करते हैं)।
      • उपज में काफी बेहतर :
        • बाजरा प्रकाश के प्रति असंवेदनशील होता है (फलने के एक विशिष्ट समय में इसे प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है) और इस पर जलवायु परिवर्तन का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। बाजरा खराब मिट्टी में भी बहुत कम या बिना किसी सहायता के उग सकता है।
        • बाजरा कम पानी की खपत वाला अन्नाज है और बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों, सूखे की स्थिति, गैर-सिंचित परिस्थितियों में उत्पादन में सक्षम है।
        • बाजरे में कार्बन और वाटर फुटप्रिंट कम होता है (बाजरे की तुलना में चावल के पौधों को बढ़ने के लिये कम-से-कम 3 गुना अधिक पानी की आवश्यकता होती है)।

    निष्कर्ष

    स्वास्थ्य के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से भी बाजरा बहुत लाभदायक है। यही कारण है कि भारत सरकार बाजरा उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है।

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